फतेहाबाद में ई-संजीवनी एप से संतुष्ट नहीं मरीज, रोज केवल 4 लोग ले रहे ऑनलाइन परामर्श

नागरिकों को घर बैठे ही स्वास्थ्य संबंधी परामर्श देने के लिए सरकार ने ई-संजीवनी एप शुरू की है। 20 दिनों में केवल अभी तक 100 लोगों ने ही परामर्श लिया है। भट्टूकलां में हर दिन 3 से अधिक लोग ई-संजीवनी का प्रयोेेेग कर रहे हैं।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 01:46 PM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 01:46 PM (IST)
फतेहाबाद में ई-संजीवनी एप से संतुष्ट नहीं मरीज, रोज केवल 4 लोग ले रहे ऑनलाइन परामर्श
हर दिन ई-संजीवन पर 50 से अधिक लोगों की एंट्री होनी चाहिए।

हिसार/फतेहाबाद, जेएनएन। सरकार ने ई-संजीवनी ओपीडी कोरोना काल में ही शुरू कर दी थी। लेकिन फतेहाबाद जिले में इसकी शुरुआत पिछले साल 20 दिसंबर को की गई। लेकिन इन 20 दिनों में अभी तक केवल 100 लोगों ने इस सेवा का लाभ लिया है। इस नई तकनीक का प्रयोग कम करने का मुख्य कारण लोगों में जागरूकता का अभाव भी है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में मोबाइल की दिक्कत के साथ इंटरनेट की सुविधा भी अच्छी न होना भी है।

अब स्वास्थ्य विभाग ने आदेश दे दिए हैं कि हर जिले से कम से कम एक दिन में 50 एंट्री ई-सजीवनी की होनी चाहिए। इसके लिए स्थानीय कर्मचारियों को दिशा निर्देश दे दिए हैं। वहीं गर्भवती महिलाओं को अधिक से अधिक ई-संजीवनी एप से जोड़ा जा रहा है। इसका मुख्य कारण ये है कि बार बार उन्हें सरकारी अस्पताल में नहीं आना पड़ेगा। वह घर बैठे ही डाक्टरों से परामर्श ले सकेंगे। लेकिन अभी तक यह नई योजना मरीजों की समझ से बाहर है। 

अब आंकड़ों में जाने कहां कितने लोगों ने ई-सजीवन से लिया है परामर्श

भट्टूकलां :  60

फतेहाबाद  : 20

टोहाना     : 10

रतिया     : 05

जाखल    : 05

सुबह 10 से 5 बजे तक मिलेगी सेवा

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में ई-संजीवनी ओपीडी शुरू की गई है। इसके माध्यम से नागरिक घर बैठे ही सोमवार से शनिवार तक सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तथा शाम 3 बजे से 5 बजे तक स्वास्थ्य संबंधित परामर्श ले सकते हैं। यदि आप किसी बीमारी से पीडि़त हैं या फिर गर्भवती महिला हैं तो आपको थोड़ी-बहुत तकलीफ होने पर उपचार के लिए अब नागरिक अस्पताल आने की जरूरत नहीं है। बस उसके पास एक अच्छा मोबाइल हाेना चाहिए और इंटरनेट की सुविधा होनी चाहिए।

ऐसे ले सकते हैं लाभ

अपने मोबाइल में ई-संजीवनी के नाम से एप डाउनलोड करने के बाद यह सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। अगर डाक्टर से परामर्श लेना है तो 1075 या फिर 85589-93911 पर संपर्क कर सकते है। वही नागरिक अस्पताल के सभी डाक्टरों को जोड़ दिया गया है। रोस्टर प्रणाली के तहत डाक्टर उपलब्ध हो रहे है। अगर स्थानीय डाक्टर मौजूद नहीं है तो दूसरे जिले के डाक्टरों से मरीजों की बात करवाई जा रही है। 

कतार से मिलेगी मुक्ति

मरीज को सबसे पहले ई-संजीवनी एप डाउनलोड करनी होगी। उस पर पेशेंट रजिस्टर पर अपने मोबाइल नंबर की सहायता से पंजीकृत कर ओटीपी प्राप्त करना होगा। ओटीपी इंटर करने के बाद पेशेंट रजिस्ट्रेशन एवं टोकन जनरेशन में नाम, पता, आयु संबंधी जानकारी दर्ज करना होगी। यदि कोई रिपोर्ट, एक्स-रे आदि डाक्टर को बताना चाहते हैं तो उसे भी अपलोड करना होगा। यहां ओके करने के बाद आपको पंजीकृत मोबाइल नंबर पर टोकन प्राप्त होगा, जो कि मरीज की वेटिंग लिस्ट को दर्शाता है। एसएमएस के आधार पर प्राप्त टोकन नंबर के माध्यम से लाग-इन कर कतार में अपनी बारी का इंतजार करें, अपनी बारी आने पर कॉल नाउ विकल्प को चुने एवं चिकित्सक से संवाद प्रारंभ करें।

अब हर दिन 50 एंट्री करवाएंगे कर्मचारी

उपसिविल सर्जन  डा. सुनीता सोखी ने बताया कि ई-संजीवनी एप का ज्यादा से ज्यादा मरीज इस्तेमाल करें हमारा जिला पिछड़ा हुआ है। भट्टूकलां अस्पताल अच्छा काम कर रहा है। हमने भी कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी है कि कम से कम वो हर दिन 50 लोगों को एंट्री इसी एप के माध्यम से करें और उनकी बात करवाएं। गर्भवती महिलाओं के मोबाइल पर यह एप डाउनलोड भी करवाई जा रही है। 

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