ये कैसे माता-पिता... रोहतक में कोरोना से लड़ रहे चार साल के मासूम को मां-बाप ने छोड़ा, जानिये क्या है मामला
रोहतक में रिश्तों को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। चार साल के बच्चे को पीजीआइ में उसके मां-बाप छोड़ गए। बच्चा ट्रामा सेंटर में कोरोना से लड़ रहा है। मां को याद कर रोने लग जाता है। माता-पिता ने पता भी फर्जी लिखवाया है।
रोहतक, जेएनएन। रोहतक में चार साल के बच्चे को जिंदगी की जंग लड़ता छोड़ मां-बाप गायब हो गए। तीन दिन से उनका कोई पता नहींष पीजीआइएमएस के ट्रामा सेंटर में भर्ती दीपक के माता-पिता ने तो रजिस्ट्रेशन फाइल में अपना पता भी फर्जी दर्ज करवा दिया।
इसका खुलासा उस समय हुआ, जब पीजीआइएमएस थाना पुलिस की सूचना पर खरखौदा थाना पुलिस मंडोरा गांव पहुंची। मंडोरा पहुंची खरखौदा पुलिस ने गांव में निवर्तमान सरपंच, चौकीदार व मौजिज लोगों से जानकारी जुटाई तो सामने आया कि इस तरह का शख्स गांव में नहीं है। वहीं मंडोरी गांव में भी पुलिस ने जानकारी जुटाई तो वहां भी ऐसा कोई व्यक्ति नहीं मिला।
पीजीआइएमएस के ट्रामा सेंटर में चार साल का दीपक 10 जून को शिफ्ट किया गया था। दीपक के माता-पिता ने रजिस्ट्रेशन के समय अपना फोन नंबर नहीं दर्ज करवाया था। जब वे 12 जून तक नहीं लौटे तो स्टाफ ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पीजीआइएमएस थाना पुलिस ने वेरिफिकेशन के लिए खरखौदा थाना पुलिस से मदद मांगी।
मां को याद कर रोने लगता है दीपक
खरखौदा थाना पुलिस ने अब साफ कर दिया है कि ऐसा कोई व्यक्ति गांव में नहीं है। वहीं चार साल का दीपक बार-बार रोने लग जाता है तथा अपनी मां को बुलाने की जिद करता है। ड्यूटी पर तैनात स्टाफ उसे किसी तरह से खाने-पीने की चीजें देकर नॉर्मल करता है। अब तो दीपक स्टाफ के साथ कुछ घुलने-मिलने लग गया है।
स्टाफ खिला रहा है खाना
परिवार का कोई सदस्य दीपक के पास नहीं होने के कारण स्टाफ उसे खाना खिला रहा है। कई बार दूसरे मरीजों के अटेंडेंट भी खाने के लिए उसे कुछ दे रहे हैं। दीपक माता-पिता के फोन नंबर के बारे में कुछ बता नहीं पाया है। अगर दीपक के माता-पिता जल्द उसे मिल जाते हैं तो उसकी रिकवरी में आसानी होगी। दीपक शारीरीक तौर पर भी कमजोर है।
क्या कहती है पुलिस
थाना खरखौदा एसएचओ इंस्पेक्टर विवेक मलिक का कहना है कि पीजीआइएमएस थाना पुलिस ने एक व्यक्ति की वेरिफिकेशन के लिए मदद मांगी थी। उन्होंने मंडोरा व मंडोरी गांव में मौजिज लोगों से इसकी तस्दीक करवाई तो पता चला कि इस नाम का कोई व्यक्ति गांव का निवासी नहीं है।
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