straw management: फतेहाबाद जिले में 6 लाख क्विंटल खरीदी जाएगी पराली, बनाई जाएगी बिजली

पराली नहीं जलाएंगे पर्यावरण को बचाएंगे इस बार किसानों से पराली भी खरीदी जाएगी। जो इस बार फरवरी तक शुरू हो जाएगा। गत वर्ष इस संयंत्र के लिए 4 लाख क्विंटल पराली की खरीद हुई थी। जो इस बार खरीद की मात्रा बढ़ गई।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 04:55 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 04:55 PM (IST)
straw management: फतेहाबाद जिले में 6 लाख क्विंटल खरीदी जाएगी पराली, बनाई जाएगी बिजली
फतेहाबद के भूना में बिजली उत्पादन के लिए लगे संयंत्र के लिए खरीदी जाएंगी पराली

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : धान उत्पादक किसानों के लिए राहत भरी खबर है कि इस बार किसानों से पराली भी खरीदी जाएगी। पराली की खरीद भूना में लगे बिजली उत्पादन संयंत्र के लिए होगी। जो इस बार फरवरी तक शुरू हो जाएगा। गत वर्ष इस संयंत्र के लिए 4 लाख क्विंटल पराली की खरीद हुई थी। जो इस बार खरीद की मात्र बढ़ गई। इससे किसानों को खूब लाभ मिलेगा। इस संयत्र ने गत वर्ष 135 रुपये क्विंटल के हिसाब से पराली खरीदी गई थी। इस बार भी नए रेट पर पराली की खरीद होगी। जिसके लिए प्रशासन से अनुबंध हो गया।

दरअसल, भूना के पास 10 मेगावाट बिजली उत्पादन का संयंत्र लगा है। जो पराली के अवशेष से चलेगा। संयंत्र का कार्य अंतिम चरण है। जो आगामी फरवरी तक पूरा होने का अनुमान है। इसके बाद आगामी दो-तीन वर्षों में पराली की खरीद बढ़ने वाली है। जिसका बड़े स्तर पर किसानों को लाभ मिलेगा।

एक स्ट्रा बेलर 500 एकड़ जमीन की बनाते है गांठें :

जिले में 191 स्ट्रा बेलर हैं। इस वर्ष 40 किसानों को नई स्ट्रा बेलर खरीदने के लिए अनुदान दिया जाएगा। ऐसे में 221 स्ट्रा बेलर हो जाएगी। जबकि जिले के 129 ही ऐसे गांव हैं जिनमें 80 फीसद से अधिक में धान की खेती होती है। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक स्ट्रा बेलर मशीन एक सीजन में 500 एकड़ से पराली की गांठेंं बना देती है। सरकार भी प्रति एकड़ गांठें बनाने पर किसानों को 1 हजार रुपये अनुदान देती है। ऐसे में किसान को 2 हजार रुपये ही इसका खर्च आता है।

किसानों की फसल खरीदने से लेकर पराली प्रबंध तक सहायता ही सहायता :

सरकार किसानों को धान की खेती करने पर पहले सस्ती बिजली मुहैया करवाती है। इसके बाद परमल धान की सरकारी खरीद भी करती है। इतना ही नहीं फसल अवशेष प्रबंध के लिए कृषि यंत्रों के साथ प्रति एकड़ एक हजार रुपये स्ट्रा बेलर से गांठें बनाने के लिए दिए जाते हैं। उसके बाद भी जिले में आगजनी के मामले बढ़ रहे है। ऐसे में सरकार किसानों को रिझाने के लिए पराली खरीद के प्रयास शुरू कर दिए।

जिले में इस बार 6 लाख क्विंटल पराली की होगी खरीद : डीडीए

भूना में निर्माणाधीन बिजली उत्पादक संयंत्र के लिए इस बार 6 लाख क्विंटल धान अवशेष से बनी गांठें खरीदी जाएगी। गत वर्ष 4 लाख गांठें खरीदी थी। इसका किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा। प्रदेश सरकार की नीतियों की वजह से यह संभव हुआ है।

- डा. राजेश सिहाग, उपनिदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग

जिले के 40 किसानों को दिया जाएगा स्ट्रा बेलर पर अनुदान : भाम्भू

जिले में फिलहाल 191 स्ट्रा बेलर है। इस बार 40 स्ट्रा बेलर किसानों को और दिए जाएंगे। ऐसे में इनकी संख्या बढ़कर 221 हो जाएगी। जबकि जिले के 129 गांवों में धान की खेती अधिक होती है। जिन किसानों के यंत्र निकले हुए है वे 28 सितंबर तक बिल आनलाइन अपलोड कर सकते है।

- सुभाष भाम्भू, कार्यकारी अभियंता, कृषि अभियांत्रिकी।

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