रोहतक में धान की खरीद में आई तेजी, अब तक 5448 एमटी खरीदा, किसानों में उत्‍साह

धान की खरीद में अब तेजी आने लगी है। मंडी में किसान काफी मात्रा में धान की फसल लेकर पहुंच रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक जिले में 5448 एमटी पीआर धान की खरीद की जा चुकी है। कुछ किसानों की फसल में नमी की मात्रा अधिक आ रही है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 08:13 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 08:13 AM (IST)
रोहतक में धान की खरीद में आई तेजी, अब तक 5448 एमटी खरीदा, किसानों में उत्‍साह
बाजरा पर किसानों को दिया जा रहा है भावातंर योजना का लाभ

जागरण संवाददाता, रोहतक : पिछले दिनों हुई बारिश के चलते धीमी रही धान की खरीद में अब तेजी आने लगी है। मंडी में किसान काफी मात्रा में धान की फसल लेकर पहुंच रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक जिले में अब तक 5448 एमटी पीआर धान की खरीद की जा चुकी है। हालांकि अभी भी कुछ किसानों की फसल में नमी की मात्रा अधिक आ रही है। लेकिन अगले दिनों में मौसम साफ रहने के चलते नमी की मात्रा भी सामान्य रहने की संभावना है। मौसम साफ रहने से फसल कटाई भी जोरशोर से चल पड़ी है।

वहीं, अधिकारियों की ओर से भी किसानों से अपनी फसल अच्छी तरह सुखाकर ही मंडी में लाने की आह्वान किया जा रहा है। उधर, रोहतक मंडी में फसल बिक्री के लिए आने वाले किसानों की खातिर दो गेट खोले गए हैं। जहां से किसान मंडी में प्रवेश कर सकते हैं। मंडी अधिकारियों के मुताबिक जिला में अब तक कुल 5448 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है। रोहतक मंडी में अब तक 4984 मीट्रिक टन धान जबकि सांपला मंडी में 464 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है। अधिकारियों का दावा है कि मंडियों में किसानों के लिए सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

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भावातंर योजना का मिल रहा लाभ :

बाजरा उत्पादक किसानों को भवांतर भरपाई योजना का लाभ भी मिल रहा है। सरकार की ओर से बाजरा फसल के किसानों को 600 रुपये प्रति क्विंटल की राशि भावांतर भरपाई योजना के तहत प्रदान की जा रही है। वहीं, जिले में अब 1814 मीट्रिक टन बाजरा फसल की आवक दर्ज की गई है। रोहतक मंडी में अभी तक 1532 मीट्रिक टन बाजरा, महम मंडी में 21 मीट्रिक टन बाजरा, सांपला मंडी में 215 मीट्रिक टन बाजरा व कलानौर मंडी में 46 मीट्रिक टन बाजरा फसल की आवक दर्ज की गई है।

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फसल अवशेषों का करें सही प्रबंधन :

धान की फसल कटाई का समय चल रहा है। ऐसे में इन दिनों फसल अवशेषों का सही प्रबंधन आवश्यक है। जिससे किसानों का मुनाफा बढ़ सकता है। इतना ही नहीं फसल अवशेषों का सही प्रबंधन किए जाने से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी बेहतर कार्य किया जा सकेगा। जिला कृषि उपनिदेशक डा. इंद्र सिंह ने बताया कि फसल अवशेषों के सही प्रबंधन से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ेगी। उन्होंने दावा किया है कि रोहतक में अभी तक फसल अवशेष जलाने का कोई केस सामने नहीं आया है।

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फसल अवशेष जलाने से होगी हानि :

उधर, उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने किसानों से आह्वान किया है कि किसान फसल अवशेषों को आग न लगाएं। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण को हानि पहुंचती है और किसान के मित्र कीट भी नष्ट होते है। फसल अवशेष जलाने पर निगरानी रखने के लिए जिला में समितियां भी गठित की गई है, जो निरंतर ऐसी घटनाओं पर निगरानी रख रही है। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष जलाने वाले किसानों के विरुद्घ नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी।

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