मंडी में खुले में पड़ा धान, मार्केटिंग बोर्ड के पास पानी निकालने के लिए पंप भी नहीं

सरकार किसान हितैषी होने का खूब प्रचार कर रही है लेकिन उसके बावजूद मंडियों में उचित सुविधा देने में नाकाम साबित हो रही है। मंडियों में एक या दो शेड ही बनाए जाते हैं। जिसमें कुछ ही किसानों की फसलें स्टोर हो पाती हैं। बाकी अनाज आसमान के नीचे पड़ा रहता है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 17 Nov 2020 07:12 AM (IST) Updated:Tue, 17 Nov 2020 07:12 AM (IST)
मंडी में खुले में पड़ा धान, मार्केटिंग बोर्ड के पास पानी निकालने के लिए पंप भी नहीं
मंडी में खुले में पड़ा धान, मार्केटिंग बोर्ड के पास पानी निकालने के लिए पंप भी नहीं

सुनील मान, नारनौंद

सरकार मंडियों में भी किसानों को सुविधा देने में नाकाम साबित हो रही है। इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। पूरे प्रदेश में किसानों का धान अनाज मंडियों में खुले आसमान तले पड़ा है। रविवार को आई बारिश में सारा अनाज भीग गया। अब मजबूरी में किसानों को इसे कम भाव में बेचना पड़ेगा।

सरकार किसान हितैषी होने का खूब प्रचार कर रही है, लेकिन उसके बावजूद मंडियों में उचित सुविधा देने में नाकाम साबित हो रही है। मंडियों में एक या दो शेड ही बनाए जाते हैं। जिसमें कुछ ही किसानों की फसलें स्टोर हो पाती हैं। बाकी अनाज आसमान के नीचे पड़ा रहता है। जब भी बारिश आ जाती है तो उनकी फसल नष्ट हो जाती है। जिसका कोई खरीदार नहीं होता। ऐसे में किसान कर्ज के बोझ तले दब जाता है।

नारनौंद की अनाज मंडी में गेहूं के सीजन में हजारों क्विंटल अनाज खराब हो गया था। अब हजारों क्विंटल धान भी बर्बाद होने की कगार पर है। रविवार को हुई बारिश के बाद सोमवार को विभाग के अधिकारी मंडी में भरे पानी को निकालने में जुटे रहे, लेकिन देर शाम तक भी उनका प्रयास रंग नहीं ला सका। मौसम अब खराब है। अगर दोबारा से बारिश आ गई तो धान पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा।

इस संबंध में मार्केटिग बोर्ड के एसडीओ विजेंद्र सिंह बामल ने बताया कि मंडी से पानी निकालने के लिए पंप की व्यवस्था की जा रही है। सोमवार को काफी प्रयास करने के बाद भी पंप नहीं मिला। उम्मीद है कि मंगलवार को पंप मिल जाएगा। इसके बाद मंडी में जो पानी भरा है, उसे निकाल दिया जाएगा।

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वहीं अनाज मंडी एसोसिएशन के प्रधान अमरीक सिंह पाली ने बताया कि किसानों का धान जो खुले में पड़ा है, उसके लिए तिरपाल की व्यवस्था की हुई है।

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