जलभराव से रामायण गांव में धान व कपास की फसल तबाह
एक महीने पहले हुई मूसलाधार बरसात के कारण जिले के अधिकतर खेतों में अब तक भरा है पानी।
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संवाद सहयोगी, हांसी : एक महीने पहले हुई मूसलाधार बरसात के कारण जिले के अधिकतर गांव में जलभराव हो गया था। एक महीने बाद अब तक भी पानी निकासी नहीं हो सकी है। ऐसा ही हालात फिलहाल दर्जनों गांव में बने हुए हैं। रामायण गांव के खेतों में भी बरसात में जलभराव हो गया था। जिसके 1 महीने बाद भी जिला प्रशासन खेतों से पानी निकासी नहीं करवा सका। खेतों के अंदर धान में कपास की फसल में करीब 2 से 3 फीट तक पानी जमा है। जिसके कारण धान व कपास की फसल पूरी तरह से नष्ट व बर्बाद हो चुकी है। फसल बर्बाद को लेकर किसान काफी परेशान है। रामायण गांव के किसानों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि रामायण गांव में बर्बाद हुई धान व कपास की फसल की गिरदावरी करवाई जाए। क्योंकि अब तक जिला प्रशासन ने रामायण गांव में खराब हुई फसल की गिरदावरी नहीं करवाई है। किसानों का कहना है कि जल्द से जल्द बर्बाद हुई फसल की गिरदावरी करवाकर किसानों को उचित मुआवजा दिलवाया जाए। ताकि किसान अगली फसल की बिजाई समय पर कर सकें।
गिरदावरी करवाकर जल्द मुआवजे दे प्रशासन : सरपंच
रामायण गांव के सरपंच प्रतिनिधि जसवंत सिगल ने बताया कि रामायण गांव में बरसाती पानी भरने से धान व कपास की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है प्रशासन ने अभी तक खराब हुई फसल की स्पेशल गिरदावरी नहीं करवाई है मेरी प्रशासन से मांग है कि रामायण गांव में बरसाती पानी से बर्बाद हुई फसल की गिरदावरी करवाई जाए ताकि किसानों को आर्थिक मुआवजा समय पर मिल जाए।