Rohtak: अस्पतालों के आक्सीजन प्लांटों का नहीं हुआ ड्राइ रन, दिखी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही
एसीएस राजीव अरोड़ा ने आठ अक्टूर को रोहतक में छह जिलों रोहतक झज्जर भिवानी चरखी दादरी महेंद्रगढ़ व जींद के उपायुक्तों तथा सिविल सर्जनों के साथ बैठक की थी। जिसमें उन्होंने निर्देश दिए थे कि जिले के निजी अस्पतालों में स्थापित किए गए आक्सीजन प्लांटों का ड्राई-रन करवाएं।
जागरण संवाददाता, रोहतक। कोविड की तीसरी लहर को लेकर स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी संजीदा नहीं हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा के निर्देशों के बावजूद निजी अस्पतालों में लगाए गए आक्सीजन प्लांटों का ड्राइ रन नहीं करवाया जा रहा है। यही नहीं इनकी आक्सीजन गुणवत्ता जांचने के लिए भी किसी लैब को नहीं भेजा गया है। अधिकारियों ने मीटिंग के बाद किसी भी निजी अस्पताल का दौरा कर वहां की जांच करना उचित नहीं समझा। खास बात तो यह है कि अधिकारियों ने निजी अस्पतालों की तो क्या अपने ही सामान्य अस्पताल के प्लांट का ड्राइ रन नहीं करवाया है।
एसीएस ने आठ अक्टूबर को दिए थे निर्देश
एसीएस राजीव अरोड़ा ने आठ अक्टूर को रोहतक में छह जिलों रोहतक, झज्जर, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ व जींद के उपायुक्तों तथा सिविल सर्जनों के साथ बैठक की थी। जिसमें उन्होंने निर्देश दिए थे कि जिले के निजी अस्पतालों में स्थापित किए गए आक्सीजन प्लांटों का ड्राई-रन करवाएं तथा प्रयोगशला से आक्सीजन की गुणवत्ता की जांच करवाएं। इसके लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की जानी थी तथा जांच रिपोर्ट विभाग को भिजवाई जानी थी।
पावर बैकअप बिना नहीं लगेंगे आक्सीजन कंसंट्रेटर
एसीएस राजीव अरोड़ा के निर्देश हैं कि पावर बैकअप की सुविधा के बिना आक्सीजन कंसंट्रेटर न लगाए जाएं। इसके लिए गुणवत्ता की यूपीएस की व्यवस्था की जा सकती है। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में बच्चों के लिए आइसीयू युक्त बैड के प्रबंध किए जाएं।
रोहतक के सीएमओ डां जेएस पूनिया के अनुसार
निजी अस्पतालों में आक्सीजन प्लांटों का निरीक्षण करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है। कमेटी की ओर से जल्द ही इन प्लांटों का निरीक्षण किया जाएगा तथा आक्सीजन गुणवत्ता की भी जांच करवाई जाएगी।