भिवानी में किसानों के धरने पर पहुंचे इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला, मध्यावधि चुनाव पर कह दी ये बड़ी बात

इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला भिवानी के कितलाना टोल पर पहुंचे। किसानों के धरने को समर्थन दिया। कहा कि किसान के आगे सरकार को हार माननी होगी। उन्हें दस साल की सजा साजिश के तहत दिलवाई गई। सजा पूरी होने के बावजूद सरकार छोड़ नहीं रही थी।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 03:32 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 03:32 PM (IST)
भिवानी में किसानों के धरने पर पहुंचे इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला, मध्यावधि चुनाव पर कह दी ये बड़ी बात
चौटाला ने कहा कि सरकार के साथ जो लोग हैं वे उसे बीच में छोड़ कर जाएंगे।

जागरण संवाददाता, भिवानी। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) सुप्रीमो एवं पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने कहा कि किसानों का आंदोलन काफी समय से चल रहा है। सरकार को इनके आगे हार माननी होगी। इनेलो किसानों के साथ खड़ी है। प्रदेश में मध्यावधि चुनाव होंगे और अगली सरकार किसान-कमेरे वर्ग की सरकार होगी। वह चारखी दादरी रोड पर कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के धरने पर समर्थन देने पहुंचे थे।

उन्होंने कहा कि किसानों का धरना लंबे समय से चल रहा है लेकिन सरकार को कोई चिंता नहीं है। किसान के आगे सरकार को हार माननी होगी। चौटाला ने कहा कि इनेलो चौ. देवीलाल का लगाया हुआ पौधा है। वह इसको आगे बढ़ा रहे हैं। इनेलो पार्टी किसानों के साथ पूर्ण रूप से खड़ी है। उन्होंने कहा कि उनको दस साल की सजा साजिश के तहत दिलवाई गई। जिनको उन्होंने नौकरी दी वह प्रमोशन लेकर आगे बढ़ गए। सरकार तो उनको छोड़ने वाली नहीं थी, उनको न्यायालय में जाना पड़ा। सजा पूरी होने के बावजूद सरकार छोड़ नहीं रही थी।

संघर्ष के बीच हुआ जन्म, आज भी जारी है

चौटाला ने कहा कि उनका जन्म संघर्ष के बीच ही हुआ है। वह आज भी संघर्ष कर रहे हैं और आम आदमी के लिए आगे भी करते रहेंगे। चौटाला ने कहा कि प्रदेश में मध्यावधि चुनाव होंंगे। सरकार के साथ जो लोग हैं वे उसे बीच में छोड़ कर जाएंगे। आने वाला समय किसानों और कमेरे वर्ग का होगा। 

लंबे समय से तीन कृषि कानून रद करने की मांग

कितलाना टोल पर किसान कई माह से तीन कृषि कानून रद करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे है। उनकी तरफ से लगातार प्रदर्शन करने के साथ टोल को फ्री करवाया गया है। इस मंच पर पहले भी काफी नेता पहुंचे। धरने पर बैठे किसान नेताओं की तरफ से लगातार अपनी मांग पूरी करने की मांग उठाई जा रही है। उनका कहना है कि कानून रद करवाने के बाद ही वह धरने से उठेंगे।

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