दिल्ली की तर्ज पर मुहल्ला क्लीनिक की प्रदेश में जरूरत, हर वार्ड में ओपीडी शुरू करने की तैयारी
एक ओपीडी में दो से तीन घंटे चिकित्सक सामान्य रोगों का करेंगे उपचार।
जेएनएन, हिसार : बजट पूर्व हुई बैठक में चिकित्सकों की हर वार्ड में ओपीडी खोलने की सिफारिश सरकार तक पहुंच गई है। इसको लेकर शहर विधायक डा. कमल गुप्ता ने यह मामला सरकार के सामने रखा है। शहर के प्रमुख चिकित्सकों ने हर वार्ड में एक ओपीडी स्थापित करने का सुझाव रखा था। चिकित्सकों का कहना था कि हर व्यक्ति के लिए सरकारी अस्पताल में जाकर दवा लेना मुश्किल है। छोटी-छोटी बीमारियों के उपचार को भी लोगों को सरकारी अस्पताल में जाना पड़ता है। यही कारण है कि एक दिन में हिसार के सरकारी अस्पताल की ओपीडी 1500 मरीजों की हो चुकी है। ऐसे में एक चिकित्सक द्वारा गंभीर बीमारियों का उपचार संभव नहीं है। इस भार को कम करने के लिए शहर विधायक ने दो से तीन घंटे की हर वार्ड में ओपीडी रखने की सिफारिश की है। खास बात है कि इस योजना को मुहल्ला क्लीनिक का नाम न देकर ओपीडी एक्टेंशन प्रोजेक्ट कहा जा रहा है।
पिछले पांच दिनों में यह है सिविल अस्पताल की ओपीडी
14 फरवरी- 1402
15 फरवरी- 1290
17 फरवरी- 1803
18 फरवरी- 1617
19 फरवरी- 1449
जर्जर पाइप लाइनों को बदलने के लिए 23 करोड़ का दिया प्रस्ताव
जिस पानी को आप बिना फिल्टर किए पी रहे हैं, उसको लेकर जरा सावधान हो जाइये, क्योंकि इस पानी में कई बीमार करने वाले बैक्टीरिया हो सकते हैं। क्योंकि शहर में 16 किलोमीटर ऐसी पानी की लाइनें हैं जो कभी भी गंदे पानी के संपर्क में आ जाती है। यह गंदा और सप्लाई का मिक्स पानी आपके घर तक पहुंचकर आपको बीमार कर सकता है। दरअसल बजट से पहले अपने-अपने क्षेत्र के लिए विधायकों को विकास कार्यों की सिफारिशें सरकार को देनी थी। हिसार से डा. कमल गुप्ता ने पब्लिक हेल्थ का खराब व जर्जर पेयजल लाइनों का मुद्दा सरकार के समक्ष रखा है। इसमें उन्होंने बताया कि हिसार में 16 किलोमीटर तक ऐसी लाइनें मिली हैं, जिनकी वजह से लोगों के घरों तक गंदा पानी पहुंच रहा है। जब इसका कारण पता किया गया तो सड़ी गली पेयजल सप्लाई लाइनें सामने आईं। ऐसे में इन सभी लाइनों को बदलने सहित पब्लिक हेल्थ के लिए 23 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट बनाकर दिया है।
प्रदेश भर में साफ पानी मुहैया कराने पर दिया जोर
शहर विधायक डा. कमल गुप्ता ने बताया कि जब एक जिले में 16 किलोमीटर जर्जर लाइन हैं तो प्रदेश के अन्य जिलों में ऐसी न जाने कितनी लाइनें होंगी। ऐसे में पूरे प्रदेश से सरकार इन जर्जर लाइनों को हटवाए तो गंदे पेयजल से होने वाली कई बीमारियों पर काबू पाया जा सकता है। ऐसे में इस प्रोजेक्ट को सरकार ने अपनी नोटिंग में शामिल कर लिया है।
वार्डों में दो से तीन घंटे की ओपीडी एक्सटेंशन करने का सरकार को प्रस्ताव दिया है। ताकि लोगों को अपने घरों के पास ही सामान्य बीमारियों का उपचार मिल सके और उन्हें सिविल अस्पताल की भीड़ से दूर रखा जाए। ऐसे में मरीजों का भार कम होगा तो सिविल के चिकित्सक गंभीर बीमारियों पर अच्छे से काम कर सकेंगे।
- डा. कमल गुप्ता, विधायक, हिसार।