काई को पॉलीथिन का विकल्प बनाने में जुटी भिवानी निवासी NRI विभा भारद्वाज, होंगे बड़े फायदे
भिवानी के बेटी विभा भारद्वाज अर्जेंटीना के बाद अब यूएई में काई पर शोध कर रही हैं। यूएई सरकार ने उनके इस शोध पर प्राथमिक स्तर पर काम भी शुरू कर दिया है। काई से पॉली बैग बनाए जा सकते हैं तो इससे बने उत्पाद खाए भी जा सकते हैं
भिवानी [सुरेश मेहरा] काई पॉलीथिन का बेहतर विकल्प हो सकता है। इससे पॉली बैग तैयार करके समाज को पॉलिथीन फ्री बनाया जा सकता है। वहीं काई में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। इसलिए यह एक ऐसा विकल्प भी है जिससे बनाए पॉली बैग चम्मच ग्रॉसरी के उत्पाद भोजन करने के बाद खाए भी जा सकते हैं। इससे स्वस्थ समाज की स्थापना होने में अहम योगदान मिलेगा। यूएई से भारतीय वैज्ञानिक विभा भारद्वाज ने भिवानी के दैनिक जागरण संवाददाता से दूरभाष यंत्र के माध्यम से विशेष बातचीत की।
उन्होंने कहा कि अगर भारत सरकार मुझे मौका दे तो मैं समाज को पॉलीथिन मुक्त बनाने में अहम योगदान दे सकती हूं। भिवानी के बेटी विभा भारद्वाज अर्जेंटीना के बाद अब यूएई में काई पर शोध कर रही हैं। अपने शोध को लेकर उन्होंने पूरी मानवता को पॉलिथीन मुक्त बनाने की संकल्पना की है। यूएई सरकार ने उनके इस शोध पर प्राथमिक स्तर पर काम भी शुरू कर दिया है। विभा का यह देश प्रेम ही है कि वह चाहती हैं कि सबसे पहले वह अपने प्रदेश हरियाणा और देश को पॉलिथीन मुक्त करे।
भिवानी की बेटी विभा भारद्वाज के पिता वेद पुजारी भाजपा में व्यापार प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष हैं। विभा की चार बहने हैं इनमें बड़ी बहन रिचा गुरुग्राम में प्रोफेसर हैं। दूसरे नंबर पर विभा भारद्वाज खुद हैं। तीसरे नंबर पर उनकी बहन प्रेरणा हैं जो न्यूजीलैंड में रहती हैं। चौथे नंबर की बहन क्षमा भारद्वाज हैं जो चंडीगढ़ हाई कोर्ट में हैं। सबसे छोटा भाई अश्वनी है जो पानीपत में एक निजी कंपनी में सीनियर मैनेजर हैं।
विदेशी धरती पर रहकर भारत का गौरव बढ़ा रही विभा भारद्वाज
वैज्ञानिक विभा भारद्वाज फिलहाल यूएई सरकार में डायरेक्टर आफ एन्वायरमेंट एंड साइंस हैं। वर्ष 2016 में साउथ अमेरिका द्वारा चयनित विश्व के 10 वैज्ञानिकों में इनका चयन हुआ था। विभा देश की पहली महिला वैज्ञानिक हैं जिनका विश्व के 10 वैज्ञानिकों में चयन हुआ। वर्ष 2017 में साउथ अमेरिका में विभा ने जिका वायरस पर शोध किया। यह वायरस वर्तमान में कोविड-19 की तरह महामारी का कारण बना था।
इसके बाद इनको अर्जेटिना में सीनिडो यानि राज्यसभा सदस्य और पर्यावरण मंत्री बनाया गया। वर्ष 2019 में विभा को यूएई सरकार ने आमंत्रित किया। इन्होंने वैज्ञानिक ने काई पर किए अपने शोध में यह साबित किया है कि प्रोटीन से भरपूर काई से पॉलीबैग बनाकर समाज को पॉलीथिन फ्री बनाया जा सकता है। सरकार चाहे तो प्रोजेक्ट लगाकर समाज को पॉलिथीन रूपी जहर से मुक्ति दिला सकती है।
यूएई से दूरभाष पर दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में भारतीय वैज्ञानिक विभा भारद्वाज ने बताया कि उन्होंने काई से कागज तैयार किया है जो प्रोटीन से भरपूर है। यह पानी में आधे घंटे के बाद गल जाता है। कोई इसे खा भी ले तो यह प्रोटीन से भरपूर है। मैं चाहती हूं कि हरियाणा प्रदेश सबसे पहले पॉलीथिन फ्री हो इसके बाद हमारा देश और फिर पूरा विश्व।
अर्जेंटिना में बायो डीजल, बायो गैस, बायो पेट्रोल वह तैयार कर चुकी हैं। यह सब उसने कचरे से तैयार किया है। मैं भारत सरकार के साथ मिलकर समाज को पॉलिथीन फ्री बनाना चाहती हूं। इसके लिए सरकार सहयोग के हाथ बढ़ाएं तो बहुत जल्द हमारा समाज पालीथिन फ्री हो सकता है।