कोरोना से माता या पिता को खोने वाले हरियाणा में 3 हजार 90 बच्‍चे, अब छात्र संभालेंगे पर्यावरण संरक्षण का मोर्चा

कोरोना काल में 3 हजार 90 बच्चों ने माता या पिता को खोया। इनमें 84 बच्चों ने दोनों अभिभावकों को खो दिया। अब राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बच्चों को पर्यावरण प्रहरी बनाएगा। कानूनी जागरूकता शिविरों में छात्रों को पौधे गोद दिए जाएंगे।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Mon, 16 Aug 2021 05:55 PM (IST) Updated:Mon, 16 Aug 2021 05:55 PM (IST)
कोरोना से माता या पिता को खोने वाले हरियाणा में 3 हजार 90 बच्‍चे, अब छात्र संभालेंगे पर्यावरण संरक्षण का मोर्चा
हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने पर्यावरण संरक्षण अभियान का शुभारंभ किया।

जागरण संवाददाता, हिसार। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष राजन गुप्ता ने प्राधिकरण के प्रशासनिक भवन से पर्यावरण संरक्षण पर एक अभियान की शुरुआत की है। जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल ने बताया कि पौधारोपण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एक अभियान चलाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि प्राधिकरण द्वारा स्कूलों एवं कालेजों में आयोजित किए जाने वाले कानूनी जागरूकता शिविरों में विद्यार्थियों को पौधे वितरित किए जाएंगे। पौधे गोद लेने वाले छात्रों को दिए जाएंगे। विद्यार्थी इन पौधों की समुचित देखभाल करेंगे। उन्होंने बताया कि एक वर्ष की अवधि के पश्चात गोद लिए पौधों की देखभाल उचित ढंग से करने पर विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा। 

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल ने कहा कि पर्यावरण हमारे और पृथ्वी के अस्तित्व का आधार है। पेड़-पौधों ने मानव को सबसे जरूरी भोजन और ऑक्सीजन से सुसज्जित किया है। पेड़-पौधों से विभिन्न प्रकार की औषधियां, इमारती लकड़ी मिलने के अतिरिक्त विभिन्न कार्यों में भी काम आते है। पर्यावरण प्रदूषण पर अंकुश लगाने में पेड़ों का अहम योगदान है। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण द्वारा पौधारोपण के महत्व और मूल्य से सहमत होकर पर्यावरण संरक्षण और इसके लाभों के बारे में जनता को जागरूक करने के लिए इस पहल की शुरुआत की गई है। इस अभियान में वन विभाग, बागवानी विभाग तथा प्राधिकरण द्वारा पौधे वितरण अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान औषधीय पौधे, फलों वाले पौधे, फूल तथा बहुउद्देशीय प्रजातियों के पौधे वित्तरित किए जाएंगे।

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में किया जा रहा जागरूक

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल ने कहा कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में पैनल अधिवक्ताओं एवं पैरालिगल वालेंटियर के माध्यम से शिविर आयोजित करके लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण द्वारा कोविड-19 के दौरान भी स्वास्थ्य विभाग के साथ आपसी तालमेल स्थापित करके आम जनता के बीच जागरूकता पैदा करने और मास्क शिष्टाचार के बारे में शिक्षित करने के उद्देश्य से  मत जा नजदीक, खुद को रखे ठीक, उनपे रहे आँख, ढके ना जो मुँह और नाक एक परियोजना भी शुरू की गई। सीजेएम ने बताया कि इस अभियान के दौरान प्राधिकरण द्वारा वैक्सीनेशन शिविर आयोजित करके न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं, अधिकारियों/कर्मचारियों तथा आम नागरिकों का टीकाकरण भी करवाया गया।

एचओपीई प्रोजेक्ट की शुरुआत की

उन्होंने बताया कि प्राधिकरण द्वारा कोविड-19 के दौरान जिन बच्चों ने अपने एक या दोनों माता-पिता को खो दिया है, उनके लिए एक एचओपीई प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है। प्राधिकरण द्वारा प्रदेशभर में इस प्रोजेक्ट के माध्यम से प्रदेश में 3 हजार 90 बच्चों की पहचान की गई है, इनमें से 84 बच्चों ने अपने दोनों माता-पिता को खो दिया है।

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