हिसार में स्वच्छता सर्वे को लेकर अब गीले-सूखे कचरे को अलग-अलग निपटान करना ही अगला लक्ष्य
2022 की दौड़ शुरु हो चुकी है। इस दौड़ में अव्वल आने के लिए नगर निगम प्रशासन ने भी अपने स्तर पर तैयारी शुरु कर दी है। नगर निगम प्रशासन ने पहले चरण में उत्पादन स्थल से ही सूखे गीले कचरे का अलग अलग सेग्रीगेशन को लक्ष्य बनाया है
जागरण संवाददाता, हिसार : स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 की दौड़ शुरु हो चुकी है। इस दौड़ में अव्वल आने के लिए नगर निगम प्रशासन ने भी अपने स्तर पर तैयारी शुरु कर दी है। इसी क्रम में नगर निगम प्रशासन ने पहले चरण में उत्पादन स्थल से ही सूखे गीले कचरे का अलग अलग सेग्रीगेशन को लक्ष्य बनाया है। इसके लिए नगर निगम प्रशासन सक्षम युवाओं की मदद लेगा। शहर में 200 से अधिक सक्षम युवा वार्डों में जाकर लोगों को जागरुक करेंगे। इस लक्ष्य को पाने के लिए नगर निगम प्रशासन ने नगर निगम कार्यालय के पास जिंदल ज्ञान केंद्र में सक्षम युवाओं की मीटिंग ली। मीटिंग में अशोक कुमार गर्ग ने सक्षम की समस्याएं जानी और उन्हें स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरुक करने के बारे में दिशा निर्देश दिए। मीटिंग में उप निगम आयुक्त डा. प्रदीप हुड्डा, मुख्य सफाई निरीक्षक देवेंद्र बिश्नोई और राजेश घनघस सहित सहायक सफाई निरीक्षक मौजूद रहे।
उत्पादन स्थल से ही कचरा पृथक्करण की तैयारी
नगर निगम प्लानिंग कर रहा है कि लोगों को इस स्तर पर जागरुक किया जाए कि वे उत्पादन स्थल से ही सूखे-गीले कचरे को अलग अलग करें। यानि उदाहरण के तौर पर रसोई में गृहिणी सब्जी छिलती है तो उसी दौरान गीले कचरे को अलग डेस्टबिन में डाल दें और घर की सफाई के दौरान का सूखा कचरा अलग डेस्टबिन में डाल दें। इससे कचरे का सेग्रीगेशन होगा और उसको रिसाइकिल करना नगर निगम प्रशासन के लिए आसान होगा। इसी उद्देश्य के तहत जागरुकता अभियान चलाने जा रहे है।
65 सक्षम की जानी समस्याएं
नगर निगम कमिश्नर अशोक कुमार गर्ग ने करीब 65 सक्षम की जिंदल ज्ञान केंद्र में मीटिंग ली। जिसमें अधिकांश की समस्या यह थी कि उनका कार्यक्षेत्र उनके घर से बहुत अधिक दूरी पर है। वे गांवों से आते है। किराए में ही काफी राशि खर्च हो जाती है। सक्षम ने अपने घर के आसपास ड्यूटी लगाने की मांग की। इस कमिश्नर ने स्टाफ को इस मांग पर संज्ञान लेनेे के संबंध में दिशा निर्देश दिए।
कचरा सेग्रीगेशन से यह होगा लाभ
- उत्पादन स्थल से कचरा पृथक्करण होगा तो कचरे का निष्पादन आसान होगा।
- डंपिंग स्टेशन पर कचरे के पहाड़ नहीं बनेंगे। कचरे का रिसाइकिल हो पाएगा।
- गीले कचरे से खाद तैयार हो सकेंगी जो पौधों के लिए संजीवनी का काम करेगी।
- निगम को स्वच्छ सर्वेक्षण की दौड़ में अंकों का लाभ होगा।
जनता के सामने यह भी आ रही समस्या
कागजों में शहर में भले ही डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन बेहतर हो रहा हो लेकिन शहर में हालात इसके विपरित है। शुक्रवार को ज्वाइंट कमिश्नर ने जब वार्ड-15 में लोगों से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि दो से तीन दिन में कचरा लेने के लिए वाहन आता है। यानी तीन दिन में गाड़ी आएगी तो कचरा सेग्रीगेशन कर घर में रख पाना जनता के लिए आसान नहीं है। क्योंकि वह बीमारी व परेशानी का सबब बन जाता है। यदि कारण है कि सड़कों पर कचरा आम देखा जा सकता है। इसलिए डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण की व्यवस्था करना निगम के लिए चुनौती है।
नियमित प्रचार प्रसार जरूरी
कागजों में ड्यूटी देने वाले सक्षम को फील्ड में भी नियमित जाना होगा। लाेगों के बीच पहुंचकर जब वे जागरुकता फैलाएंगे तो उसका परिणाम अवश्य बेहतर होगा। पूर्व में स्वच्छ सर्वेक्षण में अंक पाने के लिए निगम ने सर्वेक्षण के दौरान तो जागरुकता फैलाई लेकिन उसके चंद दिन बाद ही जागरुकता अभियान बंद कर दिया। ऐसे औपचारिकता करने से बड़ा परिवर्तन आने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है।
पालीथिन पर प्रतिबंध जरूरी
शहर में धड़ल्ले से हर क्षेत्र में प्रतिबंधित पालीथिन का उपयोग हो रहा है। जिस पर सख्ती से रोक नहीं लगाई जा रही है। पालीथिन के कारण ही शहर में सीवरेज से लेकर ड्रेनेज तक में जाम की समस्या आ रही है। इसके अलावा गंदगी फैलने की अहम वजह में से पालीथिन भी एक वजह है।
---जिंदल ज्ञान केंद्र में सक्षम की मीटिंग ली थी। जिसमें करीब 65 सक्षम आए थे। निगम कमिश्नर ने सक्षम की समस्याएं जानी और उन्हें लोगों को सेग्रीगेशन के प्रति जागरुक करने के बारे में दिशा निर्देश दिए। हमारा प्रयास है कि शहर में सेग्रीगेशन बेहतर हो ताकि शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाया जा सकें। यह सभी के प्रयासों से संभव है। इसलिए जनता में सक्षम के माध्यम से जनता में सेग्रीगेशन के प्रति जागरुकता फैलाई जाएगी।
- डा. प्रदीप हुड्डा, उप निगम आयुक्त, नगर निगम हिसार।