हरियाणा में अब गुरु जी का केवल पढ़ाई पर रहेगा फोकस, 'गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगेगी ड्यूटी

खराब परीक्षा परिणाम के पश्चात अब शिक्षा विभाग ने अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं करवाने का निर्णय लिया है। ताकि शिक्षक अब केवल छात्रों की पढाई पर फोकस रख सकें। इससे जहां सरकारी स्कूलों के परीक्षा परिणाम में सुधार होगा।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 08:49 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 11:25 AM (IST)
हरियाणा में अब गुरु जी का केवल पढ़ाई पर रहेगा फोकस, 'गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगेगी ड्यूटी
प्राइमरी स्कूलों के 60 फीसद अध्यापकों की रहती है सर्वे सहित अन्य गैर शैक्षणिक कार्यो में ड्यूटी, अब कटी

सिरसा, जेएनएन। हरियाणा में सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की घटती संख्या और खराब परीक्षा परिणाम के पश्चात अब शिक्षा विभाग ने अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं करवाने का निर्णय लिया है। ताकि शिक्षक अब केवल छात्रों की पढाई पर फोकस रख सकें। इससे जहां सरकारी स्कूलों के परीक्षा परिणाम में सुधार होगा। वहीं पढाई की गुणवत्ता सुधरने से छात्रों के अंक भी बेहतर होंगे। विभाग के इस फैसले पर शिक्षक और शिक्षक संघों ने खुशी जाहिर की है। इस संबंध में शिक्षा निदेशालय की और पत्र जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी होने के पश्चात अब जिला शिक्षा अधिकारियों की तरफ से भी स्कूल प्रमुखों को इस संबंध में पत्र जारी कर दिया गया है।

- परीक्षा परिणाम में होगा सुधार

निदेशालय की तरफ से जारी आदेशों में परीक्षा परिणाम में सुधार को आधार बनाया गया हैं। देखने में आया है कि शिक्षकों के गैर शैक्षणिक

कार्यों में व्यस्त रहने का असर छात्रों की पढ़ाई पर पड़ता है। सरकार द्वारा छात्रों को पर्याप्त सुविधाएं मुहैया कराने के बाद भी छात्र पढ़ाई में अव्वल नहीं आ पाते हैं। इसका बड़ा कारण शिक्षकों का गैरशैक्षणिक कार्यों में व्यस्त रहना उजागर हुआ है। गैर शैक्षणिक कार्यो में शिक्षकों की ड्यूटी न लगाने से सरकारी स्कूलों के परीक्षा परिणाम में सुधार होगा। पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने से अंकों में भी सुधार होगा। इसके साथ ही अध्यापन कार्य न होने की वजह से विद्यार्थियों की संख्या घटना भी एक इसका एक कारण है।

- डीईओ को निदेशालय भेजनी होगी रिपोर्ट

जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी जिले में सभी शिक्षकों की उपस्थिति विद्यालयों में सुनिश्चित करें। जिन शिक्षकों को विभिन्न परियोजनाओं का नोडल अधिकारी बनाकर जो शिक्षक जिला शिक्षा अधिकारी या खंड शिक्षा अधिकारी कार्योलयों में कार्यरत है, उन्हें तुरंत प्रभाव से छात्रों की कक्षा में भेजना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। अन्यथा भविष्य में ऐसी किसी शिकायत मिलने पर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एक सप्ताह में सभी जिला शिक्षा अधिकारी निदेशालय को रिपोर्ट भेजेंगे कि जिले में सभी शिक्षक कक्षाओं में छात्रों को पढ़ाने में सलंग्न हो गए हैं।

- इन कार्यो में लगती थी ड्यूटी

शिक्षकों की ड्यूटी किताबें बांटने, बीपीएल सर्वे, कोविड में कंटेनमेंट जोन इंचार्ज, बीएलओ ड्यूटी, चुनाव से दो माह पहले इलेक्शन स्पेशल ड्यूटी के साथ पराली जलाने से रोकने के लिए आदि अनेक सर्वे में ड्यूटी लगती रही है।

- अपनी मर्जी से कर सकेंगे सामाजिक कार्य

पत्र में स्पष्ट किया गया है कि शिक्षक अपनी इच्छानुसार ही परिवार पहचान पत्र जैसे सामाजिक कार्य में हिस्सा ले सकते है। उन्हें इस कार्य के लिए विभाग बाध्य नहीं कर सकेंगा।

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जिला में प्राइमरी स्कूल: 522

जिले में प्राइमरी अध्यापकों के स्वीकृत पद: 2770

जिले में कार्यरत प्राइमरी टीचर: 2500

फैमली आइडी में ड्यूटी: 700

बीएलओ ड्यूटी: 100

-----अध्यापकों से शिक्षण कार्य न करवाकर उनसे गैर शैक्षणिक कार्य करवाने से जहां विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही थी। अपितु शिक्षक के अध्यापन की कार्यकुशता में भी गिरावट हो रही थी। इसलिए आरटीए एक्ट के तहत विभाग के डायरेक्टर को चिट्ठी लिखकर शिक्षकों की गैर शैक्षणिक कार्य में ड्यूटी न लगाने का आह्वान किया था। जिसके पश्चात निदेशालय ने गैर शैक्षणिक कार्य में अध्यापकों की ड्यूटी न लगाने के आदेश जारी किए है।

- बंसीलाल झोरड, जिला प्रधान राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ सिरसा।

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