डीएपी की बजाए अब एसएसपी खाद के प्रयोग पर फोकस, रोहतक में अधिकारी बोले, एसएसपी में सल्फर भी है

कृषि विभाग की ओर से अब एसएसपी खाद के प्रयोग पर जाेर दिया गया है। विभागीय जानकारों की मानें तो इससे एक ओर से जहां डीएपी की मारामारी नहीं होगी वहीं दूसरी ओर किसानों को डीएपी के मुकाबले इससे अधिक लाभ पहुंच पाएगा।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 10:31 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 10:31 AM (IST)
डीएपी की बजाए अब एसएसपी खाद के प्रयोग पर फोकस, रोहतक में अधिकारी बोले, एसएसपी में सल्फर भी है
सरसों की बिजाई के लिए एसएसपी खाद की सिफारिश

जागरण संवाददाता, रोहतक : डीएपी की मारामारी के मामलों के बीच विभाग की ओर से अब एसएसपी खाद के प्रयोग पर जाेर दिया गया है। विभागीय जानकारों की मानें तो इससे एक ओर से जहां डीएपी की मारामारी नहीं होगी वहीं, दूसरी ओर किसानों को डीएपी के मुकाबले इससे अधिक लाभ पहुंच पाएगा। खास तौर पर सरसों की बिजाई के लिए कृषि महानिदेशालय के निर्देश पर डीएपी की बजाए अब एसएसपी खाद के प्रयोग पर जाेर दिया गया है। किसानों को इसके लिए जागरूक भी किया जा रहा है। अधिकारियों की ओर से सरसों की बिजाई के लिए एसएसपी खाद की सिफारिश की जा रही है। विभिन्न स्थानों पर खरीफ फसलों की कटाई के बाद अब रबी फसलों की बिजाई की तैयारी की जा रही है। सरसों की फसल भी इसी में एक हैं।

जिसकी बिजाई की तैयारी किसान इन दिनों कर रहे हैं। कृषि अधिकारियों का कहना है कि सरसों में डीएपी की बजाए एसएसपी खाद का प्रयोग किसानों के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित होगा। इसी कारण कृषि महानिदेशालय के निर्देश पर किसानों को सरसों में इसका प्रयोग करने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। ताकि अधिक से अधिक किसानों को लाभ पहुंच सके। अधिकारियों का कहना है कि एसएसपी में फास्फोरस के साथ सल्फर भी उपलब्ध होता है। सरसों की फसल को प्रति एकड़ 12 किलो फास्फोरस की जरूरत होती है। एसएसपी का डेढ़ बैग ही इसके लिए काफी है।

यह है पूरा नाम :

अधिकारियों के मुताबिक एसएसपी का पूरा नाम सिंगल सुपर फास्फेट है। इसमें फसलों के लिए आवश्यक मुख्य पोषक तत्व फास्फोरस, सल्फर और कैल्शियम मौजूद होते हैं। यह दानेदार, बादामी रंगों से युक्त व नाखून से आसानी से न टूटने वाला खाद है। यह चूर्ण के रूप में भी उपलब्ध होता है।

----सरसों की बिजाई करने वाले किसानों को विभाग की ओर से डीएपी की बजाय एसएसपी खाद का प्रयोग करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इससे उन किसानों काे अधिक लाभ प्राप्त होगा।

- डा. इंद्र सिंह, कार्यकारी जिला कृषि उपनिदेशक, रोहतक ।

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