नगर निगम को आयकर विभाग का नोटिस, संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो लगेगा जुर्माना

एसएओ ने ईओ व एसई को पत्र भेजकर ठेकेदारों व फर्मों से टीडीएस रिकवरी का किया आग्रहठेकेदारों से 25 अप्रैल से पूर्व बकाया टीडीएस की रिकवरी की तैयारी 30 अप्रैल से पहले देनी है रिपोर्ट

By manoj kumarEdited By: Publish:Fri, 19 Apr 2019 12:15 PM (IST) Updated:Sat, 20 Apr 2019 03:35 PM (IST)
नगर निगम को आयकर विभाग का नोटिस, संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो लगेगा जुर्माना
नगर निगम को आयकर विभाग का नोटिस, संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो लगेगा जुर्माना

हिसार, जेएनएन। नगर निगम अफसरों और कर्मचारियों की सुस्त कार्यप्रणाली एक बार फिर चर्चाओं में है। इस बार उनकी कार्यप्रणाली से आमजन नहीं बल्कि खुद निगम के आला अफसर परेशान हैं। इनकम टैक्स ने नगर निगम को नोटिस थमाया है जिससे निगम में हड़कंप मच गया है। निगम प्रशासन ने इनकम टैक्स को ठेकेदारों और फर्मों का बकाया टीडीएस (स्त्रोत पर कर कटौती) जमा नहीं करवाया।

ऐसे में अब इनकम टैक्स विभाग ने नगर निगम पर कार्रवाई की तैयारी कर ली है। निगम को 30 अप्रैल तक का समय दिया गया है। अगर निर्धारित समय पर निगम प्रशासन की ओर से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया तो निगम को जुर्माना लगाया जाएगा और खाते भी अटैच की कार्रवाई होगी।

इनकम टैक्स नोटिस को हल्के में लेना निगम प्रशासन को पड़ा भारी

साल 2018 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नगर निगम को ठेकेदारों व फर्मों का बकाया टीडीएस जमा करने के संबंध में नोटिस भेजे। निगम ने उन नोटिस को हल्के में लिया। इनकम टैक्स को रिपोर्ट तो भेजी लेकिन उसमें कुछ फर्मों का टीडीएस नहीं कटा हुआ था। ऐसे में इनकम टैक्स ने दो बार निगम को नोटिस भेजे लेकिन उनका संतोषजनक जवाब नहीं किया। निगम अफसरों को सुस्त कार्यप्रणाली पर इनकम टैक्स भी सख्त हो गया। उसने निगम को इस बार चेतावनी दे डाली की यदि तय समय में उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो निगम के खाते अटैच करने की कार्रवाई की जाएगी।

दो फर्म और 12 ठेेकेदार से निगम अफसरों को करनी होगी रिकवरी

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने निगम के खाते अटैच करने से पूर्व निगम को नोटिस भेजा। नोटिस मिलने के बाद निगम के सीनियर अकाउंट ऑफिसर ने ईओ व एसई को पत्र भेजकर दो फर्म और करीब 12 ठेकेदारों से बकाया टीडीएस रिकवरी के लिए आग्रह किया है। एसएओ ने दोनों अफसरों को पत्र भेजकर कहा है कि इनकम टैक्स विभाग को जो रिपोर्ट भेजी गई। उसमें कुछ फर्मों का टीडीएस नहीं काटा गया था। इनकम टैक्स की ओर से भेजी गई सूची में उनके नाम और विवरण दर्शाया गया है। अगर समय पर इनकम टैक्स को कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया तो इस कार्यालय को जुर्माना हो सकता है और नगर निगम हिसार के खाते भी अटैच कर दिए जा सकते हैं।

साल 2014 से 2017 का इनकम टैक्स ने ब्याज सहित मांगा हिसाब

इनकम टैक्स विभाग ने अपनी नोटिस में आउट स्टैंडिंग टीडीएस दर्शाया है, जिसमें ब्याज भी शामिल है। एसएओ ने दोनों अफसरों से इस टीडीएस की फर्मों और ठेकेदारों से रिकवरी करवाकर 25 अप्रैल से पूर्व जमा करवाने का आग्रह किया है। ताकि 30 अप्रैल से पहले इनकम टैक्स को जमा करवाया जा सके। इनकम टैक्स के नोटिस के अनुसार साल 2014-15, साल 2015-16 और साल 2016-17 का टीडीएस बकाया है।

खाते अटैच हुए तो पड़ सकते हैं वेतन के लाले

यदि निगम प्रशासन ने तय समय में फर्मों व ठेकेदारों से टीडीएस जुर्माने या ब्याज सहित जमा नहीं करवाया तो इनकम टैक्स यदि खाते अटैच कर सकता है। इससे निगम अफसरों को आगामी माह में वेतन के लाले पढ़ सकते हैं, क्योंकि इस पूरी प्रक्रिया को सिरे चढ़ाने में दोनों विभागों को कागजी औपचारिकताएं पूरी करनी होगी।

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. टीडीएस की रिकवरी देने में नाकाम रहे तो निगम को जुर्माना भरना होगा। जो तब तक बढ़ता रहेगा जब तक टीडीएस का भुगतान नहीं होगा।

. अकाउंट अफसरों की माने तो डीटीएस एक से दो फीसद होता है। ठेकेदार, फर्म और सोसायटी पर डीटीएस राशि अलग अलग है।

--टीडीएस का पहले मामला जरुर था जिसका समाधान कर दिया था। अब अगर नोटिस आया है तो मुझे उसके बारे में जानकारी नहीं है। इस बारे में अकाउंट ब्रांच से पता कर उसका इनकम टैक्स को रिपोर्ट भिजवाई जाएगी।

- अशोक गर्ग, कमिश्नर, नगर निगम हिसार।

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