पूरा पढ़ा भी न था और हिसार के जनप्रतिनिधियों ने पास कर दिया 93 करोड़ 76 लाख रुपये का बजट
पार्षद महेंद्र जुनेजा ने कहा मैं इस बात से हैरान हूं कि हमें बैठक से पहले बजट की कॉपी दी ही नहीं गई। अचानक हाउस की मीटिंग के दौरान आनन-फानन में बजट की कॉपी देते हुए बजट पास करवाया गया है। आंकड़े भी फोटो स्टेट काॅपी में कटा हुए थे
हिसार, जेएनएन। हमारे शहर की सरकार यानि (मेयर व पार्षदों की टीम) कितनी सजग है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शहर के विकास की अहम कड़ी में से एक नगर निगम का बजट बिना पूरा पढ़े ही हाउस में पास हो गया। जनप्रतिनिधियों ने 93 करोड़ 76 लाख के बजट पर करीब दो मिनट में ही हामी की मुहर लगा दी। ऐसे में विकास की प्लानिंग कितनी सजगता से है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। तीन प्लान में पार्षद रहने वाले जनप्रतिनिधियों तक को नहीं पता की बजट में क्या है। एक पार्षद तो ने कहा निगम अफसरों से बजट समझाने की मांग की जाएगी।
बैठक से पहले तक पार्षदों से छुपाए रखा बजट
लगातार दो बार से पार्षद महेंद्र जुनेजा ने कहा मैं इस बात से हैरान हूं कि हमें बैठक से पहले बजट की कॉपी दी ही नहीं गई। अचानक हाउस की मीटिंग के दौरान आनन-फानन में बजट की कॉपी देते हुए बजट पास करवाया गया है। बजट की कॉपी भी इस प्रकार की कि उसमें आंकड़े भी फोटो स्टेट काॅपी में कटा हुए थे। यानि पूरा दिख भी नहीं रहा था। इसके अलावा न ही पूरा बताया कि बजट में क्या क्या है। क्यों है। उसका प्रबंध कैसे होगा। बजट पर निगम की क्या प्लानिंग है। ऐसे किसी भी सवाल का जवाब नहीं था बल्कि बजट के नाम पर मात्र एक औपचारिकता थी। हमारी प्रशासन से मांग है कि बजट पास तो हो गया लेकिन उसे पार्षदों को समझाया तो जाए। केवल खानापूर्ति न हो। इसके अलावा हमें तो यह तक समझ नहीं आया कि 5 हजार बैलेंस सीट में 13 करोड़ रुपये का क्या मामला था और कैसे ठीक हुए। लगता है बजट में खेल हो रहा है।
एक पार्षद ने पूछा सवाल तो उसका भी सही से अकाउंट शाखा के अफसर नहीं दे पाए जवाब
नगर निगम के पार्षद एवं फाइनेंस कमेटी सदस्य अनिल जैन ने 22-23 जनवरी को हुई हाउस की बैठक में सवाल किया कि पहले कितना लक्ष्य था। अब कितनी रिकवरी हुई। उसमें भी एक बार तो अफसर उलझ गए थे। बजट केवल वेतन का अहम पार्ट बनकर रह गया है। हालांकि बजट में सुधार की जरुरत है। इस मामले में हाउस की बैठक में कमिश्नर का सकारात्मक रुख था। उन्होंने बजट बेहतर हो इसके लिए सुधार करते हुए निगम की आय बढ़ाने की बात कहीं है।