कोरोना संक्रमितों की पहचान नहीं होने से भी बढ़ रहा खतरा, इंटरनेट मीडिया पर व्यक्त हो रही चिंता
फील्ड में काम कर रही संस्थाएं हो या प्रशासनिक इकाई से जुड़ी टीम या फिर आमजन। हर किसी को इस बात से खतरा हो सकता है कि क्या वह किसी संक्रमित व्यक्ति से तो बात नहीं कर रहे हैं। कारण कि ऐसे व्यक्ति की पहचान नहीं हो रही है
झज्जर, जेएनएन। मौजूदा समय में संक्रमण रोकने के लिए फील्ड में काम कर रही संस्थाएं हो या प्रशासनिक इकाई से जुड़ी टीम या फिर आमजन। हर किसी को इस बात से खतरा हो सकता है कि क्या वह किसी संक्रमित व्यक्ति से तो बात नहीं कर रहे हैं। कारण कि ऐसे व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाने की वजह से वे खुलेआम घूम रहे है। जिससे संक्रमण के बढ़ने का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में संक्रमण के फैलने की संभावना भी ज्यादा बनती है। जैसा कि मौजूदा स्थिति में भी हो रहा हैं।
दरअसल, झज्जर जिला में फिलहाल 1462 एक्टिव केस है। जिसमें से 1331 होम आइसोलेशन पर है। होम आइसोलेशन पर रह रहे मरीजों की पहचान चिह्नित नहीं होने की वजह से इस तरह की सूचनाएं समय-समय पर सामने आ रही है कि वे कुछ संक्रमित लोग खुद बाजार में आकर खरीदारी कर रहे है या अन्य कार्यों को करते हुए संक्रमण के रिस्क को बढ़ा रहे हैं।
इंटरनेट मीडिया पर लोग व्यक्त कर रहे अपनी चिंता
दो दिन पहले भी व्यापारियों से जुड़े एक ग्रुप पर इस बात की चिंता हो रही थी कि एक संक्रमित व्यापारी ने बाजार में आकर दुकानों से लेन-देन किया है। बाद में जब इस बात का संगठन से जुड़े लोगों को पता चला तो उन्होंने इस विषय को प्रमुखता से उठाया। इधर, यह भी सामने आ रहा है कि ऐसे ही कुछ लोग जो कि संक्रमित होने के बाद भी चोरी-छिपे अपनी व्यापारिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। ऐसा करने से वे खुद भी अपनी परेशानी बढ़ा रहे हैं और दूसरे लोगों के लिए चिंता बने हुए हैं। जबकि, खुलकर नहीं कह पाने की वजह से लोगों को इसका समाधान भी नहीं मिल पा रहा है।