हिसार से भागे 17 अपराधियों में से संगीन अपराधों में संलिप्त रहे 9 बंदी अभी भी फरार, 11 दिन बीते
बरवाला रोड स्थित निरीक्षण गृह से 12 अक्टूबर को 17 बंदी तीन जेल वार्डर पर हमला कर फरार हुए थे। इनमें से अभी 8 को पकड़ा जा चुका है तो वहीं 9 अभी भी फरार हैं। जो किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं
हिसार, जेएनएन। निरीक्षण गृह से फरार हुए 17 बंदियों में से 8 बंदी पकड़े जा चुके है। लेकिन अभी भी पुलिस की गिरफ्त से 9 बंदी बाहर है। जबकि यह सभी अपराधी संगीन अपराधों जैसे हत्या, लूट, डकैती जैसे मामलो में निरीक्षण गृह में बंदी थे। गौरतलब है कि बरवाला रोड स्थित निरीक्षण गृह से 12 अक्टूबर को 17 बंदी तीन जेल वार्डर पर हमला कर फरार हुए थे। यहीं नहीं बदियों ने हमला करने के लिए बैरक की खिड़कियों व अलमारियों की लकड़ियों को तोड़कर उन पर लगी कील से कीलनूमा हथियार बनाए थे।
बंदियों को खाना खाने के लिए शाम 6.30 बजे बैरक से बाहर निकाला गया तो इन हथियारों के बल पर उन्होंने जेल वार्डरो पर हमला कर दिया था। इस दौरान कुछ बंदी वार्डरो से मारपीट करते रहे और बाकि फरार हो गए। हालांकि उस दौरान 18 बंदियों ने भागने का प्रयास किया था, लेकिन उनमें से एक बंदी को मौके पर ही पकड़ लिया गया था। लेकिन घटना के 11 दिन बीतने के बावजूद भी 9 बंदी पकड़ से बाहर है।
हालांकि पुलिस लगातार दूसरे जिलों के पुलिस प्रशासन से संपर्क करके फरार हुए बंदियों को पकड़ने के लिए प्रयास कर रही है। लेकिन यह कोशिशे नाकाफी साबित हाे रही है। वहीं बंदियों के फरार होने के मामले के बाद निरीक्षण गृह में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। अब चार नए पुलिसकर्मी और घायल जेल वार्डरों की जगह अन्य जेल से वार्डर बुलाकर वहां लगाए गए है।
सरपंच व एक युवक को मारने के लिए बनाई थी बंदियों ने योजना
12 अक्टूबर को निरीक्षण गृह से फरार हुए बंदियों में से पकड़े गए अमित उर्फ मीता ने रोहतक के बैंसी गांव निवासी सरपंच कृष्ण छाबड़ा की हत्या करनी थी। यह बात अमित ने गिरफ्तार होने के बाद पुलिस पूछताछ में स्वीकार की है। वहीं एक अन्य बंदी हिसार में केमरी रोड स्थित शास्त्री नगर निवासी गोलू की हत्या करना चाहता था। बंदी ने गोलू से पूछताछ में पुरानी रंजिश होने की बात स्वीकार की थी।
चार पुलिसकर्मी हो चुके निलंबित -
निरीक्षण गृह से बंदी फरार होने के मामले में पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन ने निरीक्षण गृह का दौरा भी किया है। वहां व्याप्त कमियों को दूर करने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन ने कई कदम उठाए है। मामले में उपायुक्त ने भी त्वरित एक्शन लेते हुए मामले की जांच करवाई थी। जिसमें सुरक्षा में लापरवाही बरतने की बात सामने आई थी। वहीं हरियाणा पुलिस की ओर से तैनात किए गए चार पुलिसकर्मी को निगरानी में लापरवाही बरतने के लिए निलंबित किया गया है। जबकि इनमें से एक पुलिसकर्मी ने भागते हुए एक बंदी को मौके से पकड़ लिया था। इसके बावजूद इस पुलिसकर्मी को तूरंत अन्य पुलिसकर्मियों को सूचना न देने का कारण बताकर निलंबित किया गया है। हालांकि कई लोगों ने दबी आवाज में इस बात का विरोध भी किया है कि जब पुलिसकर्मी ने अपनी डयूटी निभाते हुए एक बंदी को मौके से पकड़ लिया तो उसे क्यों निलंबित किया गया।