न स्कूलों में इंटरनेट, न ज्यादातर छात्रों के पास मोबाइल, ऑनलाइन परीक्षा बनी सिरदर्द
पिछले दिनों अवसर एप पर कक्षा तीन व चार की ऑनलाइन परीक्षा ली गई तो इसमें शिक्षा विभाग की खुद शिक्षकों ने ही पोल खोल दी। परीक्षा के दौरान शिक्षक बच्चे और अभिभावक अपने सिर पकड़े नजर आए। शिक्षक संगठनों ने ऑफलाइन परीक्षाओं की मांग तेज कर दी है।
हिसार, जेएनएन। सरकारी स्कूलों में न तो इंटरनेट की अच्छी सुविधा है न ही तकनीकि रूप से विद्यालय मजबूत हुए हैं। इसके बावजूद हरियाणा शिक्षा विभाग ऑनलाइन परीक्षा लेने पर उतारू है। यह स्थिति तब है, जब कई विद्यार्थियों के पास अपने खुद के मोबाइल फोन तक नहीं हैं। पिछले दिनों अवसर एप पर कक्षा तीन व चार की ऑनलाइन परीक्षा ली गई तो इसमें शिक्षा विभाग की खुद शिक्षकों ने ही पोल खोल दी। पूरी परीक्षा के दौरान शिक्षक, बच्चे और अभिभावक अपने सिर पकड़े नजर आए। अब शिक्षक संगठनों ने ऑफलाइन परीक्षाओं की मांग तेज कर दी है। शिक्षक संगठन खुद ही शिक्षाधिकारियों से मिलकर उन्हें समस्या बता रहे हैं। शिक्षाधिकारी भी समझ रहे हैं। मगर हरियाणा शिक्षा विभाग के सामने सभी चुप हैं। इसका खामियाजा बच्चों को भुगतान पड़ रहा है।
गणित और परिवेश अध्ययन के पेपर में हुईं दिक्कतें
तीसरी और चौथी के बच्चों का कुछ दिन पूर्व गणित व परिवेश अध्ययन का पेपर लिया जाना निश्चित हुआ था लेकिन अवसर ऐप ने काम नहीं किया जिससे अध्यापक सारा दिन परेशान रहे और बार-बार अभिभावकों और उच्च अधिकारियों से फोन पर संपर्क करते रहे। कड़ी मेहनत मशक्कत के बाद भी अध्यापक दिनभर परेशान दिखे। किसी विद्यार्थी के पेपर होने की सूचना भी नहीं मिली। प्रशासन और शिक्षा विभाग को इस बात का बखूबी पता है कि बहुत से बच्चों के पास फोन नहीं है। फोन का कहीं से जुगाड़ किया हुआ तो भी वह समय पर काम नहीं आता, बहुत से बच्चे पड़ोसी या अन्य के सहारे भी अपना काम चलाते हैं।
शिक्षक एसोसिएशन भी उठा रही मांग
शिक्षकों ने मांग उठाई है कि अब कोरोना लगभग समाप्ति की ओर है इसलिए बच्चों पर ऐप के माध्यम से इस प्रकार की गतिविधियां का दबाव न बनाया जाए। बच्चों के पेपर मैनुअल लेने का फैसला लिया जाए। एसोसिएशन ने यह भी मांग उठाई है कि अब कक्षा तीसरी से पांचवी तक के बच्चों को स्कूल में आने की अनुमति दी जाए।
बोर्ड परीक्षाओं में भी होगी दिक्कत
हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने हरियाणा शिक्षा बोर्ड द्वारा प्रस्तावित 10वीं व 12वीं कक्षा के एग्जाम पैटर्न पर गहरी आपत्ति जताई है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने कहा कि इस एग्जाम पैटर्न के अनुसार बोर्ड परीक्षा के दौरान पहले 45 मिनट में ऑब्जेक्टिव प्रश्न पत्र होगा, जिसे हल करने के लिए ओएमआर शीट दी जाएगी। इस पेपर में 30 से 40 प्रश्र होंगे। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सभी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं में एक प्रश्न के लिए दो मिनट दिए जाते हैं तो बोर्ड परीक्षा में बच्चों के साथ यह अन्याय क्यों किया जा रहा है।