चरखी दादरी में कर्मचारियों की लापरवाही, जलघर के टैंक हुए ओवरफ्लो, सड़कों पर बर्बाद हो रहा पेयजल
चरखी दादरी में कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है। जन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने जलघर के वाटर टैंक में पानी की सप्लाई तो खोल दी लेकिन बंद नहीं की। सप्लाई बंद न होने से जलघर के टैंक ओवरफ्लो हो गए और उनमें से पानी बाहर बहने लगा।
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी। एक तरफ तो सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के अभियान चलाकर लोगों को पानी बचाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों की वजह से ही हजारों लीटर पेयजल सड़कों पर व्यर्थ बहकर बर्बाद हो रहा है। दादरी शहर में भी लगभग पूरे साल पेयजल की किल्लत बनी रहती है। चाहे गर्मी हो या सर्दी, लोगों को पेयजल आपूर्ति सुचारू न होने पर परेशानियों से जूझना पड़ता है। लेकिन इन दिनों दादरी की चंपापुरी कालोनी स्थित जलघर में जन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से जलघर के टैंक ओवरफ्लो चल रहे है।
सप्लाई बंद करना भूले कर्मचारी
कर्मचारियों ने जलघर के वाटर टैंक में पानी की सप्लाई तो खोल दी, लेकिन बंद नहीं की। सप्लाई बंद न होने से जलघर के टैंक ओवरफ्लो हो गए और उनमें से पानी बाहर बहने लगा। जलघर के टैंकों से पानी साथ लगती रिहायशी क्षेत्र की गलियों में जमा हो गया। जिसके चलते यहां के निवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैै। चंपापुरी कालोनी निवासी हवा सिंह, भूप सिंह, संदीप, महाबीर, हरिओम, सोनिया, प्रताप इत्यादि ने बताया कि एक तरफ तो विभाग द्वारा पेयजल की नियमित आपूर्ति नहीं की जाती। वहीं अब टैंक ओवरफ्लो होना कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही है। उन्होंने कहा कि टैंक का पानी रास्ते में जमा होने से उन्हें आवागमन करने में काफी परेशानियों से जूझना पड़ता है। यह समस्या हर सप्ताह बनी रहती है। उन्होंने कहा कि जब पानी की सप्लाई बढ़ाने के लिए कहा जाता है तो जलघर कर्मचारी कहते हैं पानी नहीं है और अब पानी व्यर्थ हो रहा है।
जलघर में ओवरफ्लो हुए टैंक।
पेड़ों से टैंक में कई जगह लीकेज
बता दें कि जलघर स्थित ओवरफ्लो हुए टैंक के चारों तरफ झुंड खड़े हुए हैं। पेड़ों की वजह से टैंक में कई जगह से लीकेज है। जलघर के रास्तों पर सरकंडों की वजह से आना व जाना बेहद मुश्किल हो रहा है। इसमें विभाग की लापरवाही साफ झलक रही है। विभाग की लापरवाही की वजह से ही टैंक ओवरफ्लो हुआ है। अगर विभाग थोड़ा सा सफाई की तरफ ध्यान दे तो शायद टैंकों की दीवारों के साथ सरकंडे नहीं उगते और लीकेज भी नहीं होती।