Negligence of Administration: बहादुरगढ़ में करोड़ों खर्च होने के बाद भी कई पार्क हुए बदहाल, प्रशासन पर लगे लापरवाही के आरोप

बहादुरगढ़ के सभी पार्क साफ-सफाई व पेड़ पौधों की उचित देखभाल न होने की वजह से बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं। 20 करोड़ खर्च होने के बाद भी शहर के अन्य पार्कों समेत शहर का सबसे बड़ा देवीलाल पार्क की हालत खराब है।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 04:27 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 04:27 PM (IST)
Negligence of Administration: बहादुरगढ़ में करोड़ों खर्च होने के बाद भी कई पार्क हुए बदहाल, प्रशासन पर लगे लापरवाही के आरोप
बहादुरगढ़ के सबसे बड़े देवीलाल पार्क सहित कई जगहों पर हालत खराब।

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। शहर के कई पार्क आज बदहाल हो चुके हैं। लोगों का आरोप है कि यह सब प्रशासनिक बेरुखी के चलते हो रहा है। पहले तो 20 करोड़ रुपये के टेंडर नगर परिषद द्वारा लगाए गए, लेकिन अब पार्कों में साफ-सफाई की व्यवस्था न करवाना जानबूझ कर पार्कों को बदहाल करने का षडयंत्र है।

लोगों का कहना है कि बहादुरगढ़ के सभी पार्क साफ-सफाई व पेड़ पौधों की उचित देखभाल न होने की वजह से बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं। शहर के बालौर रोड पर स्थित शहीद भगत सिंह पार्क, पालिका कालोनी में बना पार्क, किला मोहल्ला स्थित लक्ष्मणदास बतरा पार्क, झज्जर रोड पर बना शहीदी पार्क, शहर का सबसे बड़ा देवीलाल पार्क सहित कई जगहों पर हालत खराब है।

करोड़ों खर्च होने के बाद में बदहाली के आंसू बहा रहे हैं पार्क

लोगों का कहना है कि प्रशासन की ओर से इनकी देखभाल की कोई व्यवस्था न होने के चलते अब इन पार्कों में सुबह की सैर के लिए जाने से परहेज करना मजबूरी हो रहा है। पार्कों में लगी हुई घास देखरेख के अभाव में सूख चुकी है और सफाई न होने के चलते पार्कों में जगह-जगह कूड़ा फैला हुआ है, जिस कारण इन पार्कों का वातावरण दूषित हो रहा है। पांच साल में नगर परिषद की ओर से शहर के पार्कों पर 20 करोड़ खर्च करने के बावजूद भी पार्क अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं।

पार्कों में लगा रहता है नशेड़ियों का जमावड़ा

पार्कों में आजकल नशेड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है। पूरा दिन नशेड़ी व आवारा किस्म के लोग पार्कों में पड़े रहते हैं। लोगों का कहना है कि जब नशा करने वालों को मना किया जाता है तो वे झगड़े पर उतारू हो जाते हैं। पार्क में बैठने के लिए लगाए गए बैंच भी टूट चुके हैं। लोगों का आरोप है कि शहर के पार्कों की इस हालत का जिम्मेदार प्रशासन है। प्रशासनिक अधिकारी जानबूझ कर इन पार्कों को बर्बाद कर रहे हैं, ताकि दोबारा इनकी देखरेख का टेंडर लगाकर मोटा कमीशन खा सके।

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