सिरसा के सरसाईनाथ मंदिर में शाहजहां के बेटे दारा शिकोह को मिला था जीवनदान, खास अंदाज में मनाया नव संवत

सिरसा के सरसाईनाथ मंदिर में हिंदू नव वर्ष धूमधाम से मनाया गया। इस मंदिर का मुगल सम्राट शाहजहां ने निर्माण करवाया था। शाहजहां के बेटे दारा शिकोह को यहां जीवनदान मिला था। नव संवत पर मंदिर में मास्क व हाथ सैनिटाइज करने के बाद श्रद्धालुओं को एंट्री मिली।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 05:28 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 05:28 PM (IST)
सिरसा के सरसाईनाथ मंदिर में शाहजहां के बेटे दारा शिकोह को मिला था जीवनदान, खास अंदाज में मनाया नव संवत
सिरसा के सरसाईनाथ मंदिर में नव संवत पर पहुंचे श्रद्धालु।

सिरसा, जेएनएन। नव संवत के अवसर पर बेगू रोड स्थित डेरा बाबा सरसाईनाथ में मंगलवार सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई। श्रद्धालुओं ने बाबा सरनाईनाथ की समाधि पर शीश नवाया। साथ ही भगवा रंग की चादर, प्रसाद इत्यादि अर्पित किया।

सरसाई नाथ डेरे को भव्य तरीके से सजाया गया था। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को पैक्ड प्रसाद वितरित किया गया। हालांकि हर बार मंदिर में भव्य आयोजन होता है। भजन पार्टियां धार्मिक कार्यक्रम प्रस्तुत करती हैं। शहनाई वादक दिनभर शहनाई पर प्रस्तुति देते हैं। लेकिन, इस बार मंदिर में मेले का आयोजन सादगी पूर्ण तरीके से किया जा रहा है। श्रद्धालुओं को सीमित संख्या में ही मंदिर में प्रवेश करने दिया जा रहा है। 

मंदिर में सेवादारों की ड्यूटी लगाई

कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर में सेवादारों की ड्यूटी लगाई गई है। ये श्रद्धालुओं को मास्क लगाने तथा हाथों को सैनिटाइज करने के बाद ही मंदिर में एंट्री होने की अनुमति दे रहे हैं। मंदिर में सुबह सवेरे से ही श्रद्धालुओं का आवागमन शुरू हो गया। डेरा के महंत सुंदराईनाथ ने शहरवासियों को नव संवत् की शुभकामनाएं दीं। साथ ही कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा निर्धारित गाइइलाइन के पालन का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नव संवत् सबके लिए कल्याणकारी हो और शुभ हो। 

सरसाई नाथ डेरा की यह है मान्यता

सरसाई नाथ डेरा नाथ संप्रदाय से संबंधित है। मान्यता है कि मुगल शासक शाहजहां के बेटे दारा शिकोह को डेरा बाबा सरसाईनाथ में जीवनदान मिला था। जिसके पश्चात मुगल सम्राट ने यहां मंदिर का निर्माण करवाया था। डेरा प्रबंधक के पास मुगलकालीन ताम्रपत्र भी है, जिसमें उस घटना का उल्लेख है। मान्यता है कि सिरसा नगर की स्थापना भी सरसाईनाथ के नाम से ही हुई है। नव संवत् को यहां मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग सपरिवार आते हैं।

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