National Pollution Control Day: रोहतक के आटो चालक जगदीश पंडित बने पर्यावरण प्रहरी, 50 हजार से अधिक लगाए पौधे

रोहतक के बालंद गांव निवासी 10वीं पास जगदीश का कहना है कि उन्होंने ज्यादातर बरगद पीपल नीम या जामुन आदि के व फलदार पौधे ही लगाए हैं। ताकि लोगों को अधिक से अधिक आक्सीजन मिल सके और फलदार पाैधों से फल भी प्राप्त हो सके।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 02:01 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 02:01 PM (IST)
National Pollution Control Day: रोहतक के आटो चालक जगदीश पंडित बने पर्यावरण प्रहरी, 50 हजार से अधिक लगाए पौधे
जगदीश पंडित को पेड़ पौधों की देखभाल का काम सौंपा गया।

रोहतक, जागरण संवददाता। एक तरफ जहां लाेग जाने अनजाने में पर्यावरण को प्रदूषित बना रहे हैं तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पर्यावरण बचाने में जुटे हैं। रोहतक की न्यू विजय नगर कालोनी में रहने वाले आटाे चालक जगदीश पंडित भी ऐसे ही व्यक्ति है, जो अपने जीवन में पर्यावरण प्रहरी की तरह कार्य कर रहे हैं। हालांकि जगदीश का कहना है कि अब पिछले कुछ दिनों से वे आटो नहीं चलाते। लेकिन उनके पर्यावरण बचाने के जज्बे को देखते हुए जिला प्रशासन के अधिकारियों ने उनको डीसी रेट पर काम दे दिया है। काम भी उनको पेड़ पौधों की देखभाल का ही दिया गया। इससे न केवल उनको उनकी इच्छा के अनुसार काम मिला है बल्कि अधिकारियों को भी ऐसा कर्मचारी मिला है जो पेड़ पौधों के प्रति समर्पित भाव से मेहनत करने वाला है।

पौधों के प्रति उनके समर्पण को देखते हुए उन्हें डीसी रेट पर लगाया

चाहे फुटपाथ हो या पंचायती जमीन या फिर पार्क व अन्य सरकारी जगह, जहां भी खाली जगह होती हैं जगदीश वहीं पर पौधाराेपण करने में विश्वास रखते हैं। उनका मानना है कि जितना अधिक पौधरोपण किया जाएगा, उतना ही हमारा पर्यावरण स्वच्छ रहेगा और हम सब अनेक बीमारियों से सुरक्षित भी रह पाएंगे। पौधारोपण का जुनून रखने वाले जगदीश पंडित ने करीब 18 साल पहले रोहतक में श्री जयफूल क्रांति नर्सरी के नाम से पौधारोपण शुरू किया था। जिसके तहत उन्होंने पौधे लगाओ पुण्य कमाओ अभियान चलाया हुआ है। इस अभियान के तहत उनके साथ बोहर गांव निवासी धर्म सिंह प्रजापति व अन्य युवा भी जुड़े और उन्होंने अनेक स्थानों पर पौधारोपण किया। जगदीश का दावा है कि अब तक वे शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी 50 हजार से अधिक पौधे लगा चुके हैं। लगाए गए पौधों की देखभाल भी वे खुद करते रहते हैं। अगर किसी कारण से कोई पौधा नष्ट हो जाता है तो उसके स्थान पर दूसरा पौधा लगा देते हैं। 

अधिक आक्सीजन वाले व फलदार पौधों को तवज्जो 

मूल रूप से रोहतक के बालंद गांव निवासी 10वीं पास जगदीश का कहना है कि उन्होंने ज्यादातर बरगद, पीपल, नीम या जामुन आदि के व फलदार पौधे ही लगाए हैं। ताकि लोगों को अधिक से अधिक आक्सीजन मिल सके और फलदार पाैधों से फल भी प्राप्त हो सके। उन्होंने अब तक लगाए ज्यादातर पौधे घर पर ही तैयार किए थे। या फिर पुराने मकान या दीवारों में उगे बरगद व पीपल आदि या फिर पेड़ के नीचे उगे अनेक पौधों को वहां से उखाड़ कर उनको सड़क किनारे या पार्क आदि सरकारी स्थानों पर लगाया है। इससे जहां पौधों को पेड़ बनने के लिए उपयुक्त स्थान मिला है वहीं राहगीराें को भी छाया मिल रही है। उनके लगाए पौधे अब पेड़ भी बन गए हैं। जिनकी छाव में वे अकसर जाते हैं। 

जगदीश पंडित को स्कूल में यूं मिली प्रेरणा 

जगदीश बताते हैं कि जब वे गांव के राजकीय उच्च विद्यालय में पढ़ाई करते थे। वहां ओम प्रकाश सैनी हेडमास्टर ने उनको जीवन में पेड़ पौधों का महत्व बताया था। उन्होंने बताया था कि जब पेड़ की छाव में कक्षा के सभी विद्यार्थी बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं, वह पेड़ कभी पौधा था और स्कूल के ही किसी विद्यार्थी लग उसे लगाया था। इसलिए जीवन में पेड़ पौधों का बहुत महत्व है। हेडमास्टर की यही बात जगदीश के लिए प्रेरणादायक बन गई और उन्होंने पौधे लगाने की ओर रुख किया। तभी से उनको पौधे लगाने की धुन सवार है और अभी तक पूरी मेहनत के साथ शहर और गांवों में पौधारोपण कार्य में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। उनके पौधारोपण के प्रति कार्यों को देखते हुए सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं की ओर से उनको अनेक बार सम्मानित भी किया जा चुका है। 

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