सफेद सच: मेरे बच्चे मुझे बूढ़ा नहीं होने देते..., छा गए गुरू, खुश हुईं सैलजा, पढ़ें हरियाणा की और भी अंदरूनी खबरें
ओमप्रकाश चौटाला शिक्षक भर्ती घोटाले में लंबे समय तक जेल में रहे। अब रिहा होकर आए तो भी आराम करने के बजाय पूरी तरह से सक्रिय हैं। एक शेर है मुझको थकने नहीं देता ये ज़रूरत का पहाड़ मेरे बच्चे मुझे बूढ़ा नहीं होने देते...
जगदीश त्रिपाठी, हिसार। मेराज फैजाबादी का एक शेर है- मुझको थकने नहीं देता ये ज़रूरत का पहाड़, मेरे बच्चे मुझे बूढ़ा नहीं होने देते। अब देखिए न हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके चौधरी ओमप्रकाश चौटाला शिक्षक भर्ती घोटाले में अभी हाल ही में सजा पूरी की है। और कोई होता तो आराम करता, लेकिन बुजुर्ग चौटाला को आराम कहां? उनकी जबरदस्त फैन फालोइंग है। और उनकी फैन फालोइंग स्वर्गीय अटलबिहारी वाजपेयी जैसी नहीं है, जो सभाओं में तो आती थी, लेकिन वोट में नहीं तब्दील होती थी। बुजुर्ग चौटाला की फैन फालोइंग उनको सपोर्ट भी करती है और वोट भी करती है। वह जेल में थे तो इनेलो के वोट दुष्यंत लेकर चले गए। सो, अब बुजुर्गवार को छोटे बेटे अभय चौटाला को मजबूत करना है, इसलिए कृषि कानून विरोधी आंदोलनकारियों के बीच जा रहे हैं। अब बूढ़े हो गए हैं तो क्या हुआ? बेटे के लिए जितना हो सकेगा करेंगे।
छा गए गुरू, खुश हुईं सैलजा
पंजाब में नवजोत सिद्धू को कैप्टन अमरिंदर सिंह पैड बांधकर क्रीज पर नहीं आने दे रहे थे। हाईकमान को चेतावनी भी दी और बात नहीं बनते देखी तो धमकी भी, लेकिन दिल्ली वाली देवी को सिद्धू ने सिद्ध करने में सफलता हासिल कर ही ली। अब सैलजा को लगता है कि दिल्ली वाली देवी की कृपा उन पर बनी रहेगी। हुड्डा समर्थक दिल्ली वाली देवी के सामने हमेशा यही कहते थे कि पंजाब में जैसे कैप्टन को फ्रीहैंड दे रखा है, वैसे ही हरियाणा में हुड्डा को दीजिए। विधानसभा चुनाव से पहले उन्हेंं आंशिक सफलता भी मिल गई थी। अशोक तंवर की जगह कुमारी सैलजा ने ले ली। तंवर क्रीज से हटे तो कांग्रेस से ही हट गए। अब वैसा ही अभियान कुमारी सैलजा के विरुद्ध हुड्डा गुट ने छेड़ा, लेकिन कैप्टन अमरिंदर को जो जोर का झटका हाईकमान ने दिया है, वह हुड्डा समर्थकों को भी महसूस हो रहा है।
मंगल पांडे को याद करने की फुर्सत कहां
सन 1857 में स्वाधीनता संग्राम का बिगुल फूंकने वाले योद्धा मंगल पांडे के जन्मदिन पर भाजपाइयों में ट्विटर पर नमन करने की होड़ लग गई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ दिग्गज नेता रामबिलास शर्मा, पहलवान योगेश्वर दत्त, बबीता फौगाट आदि ने सुबह होते ही ट्वीट कर दिया। हालांकि कोई कार्यक्रम जैसा नहीं हुआ, संभव है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए इससे परहेज किया गया हो। हालांकि किसी कांग्रेसी नेता का कोई ट्वीट नहीं नजर आया। आप नवीन जिंदल को कांग्रेसी मानते हों तो बात अलग है, वैसे वह कांग्रेसी अब रहे नहीं। घोषित रूप से भाजपाई भले नहीं हुए हैं, मन से तो बहुत दिन पहले हो चुके हैं। रही बात ओरिजनल कांग्रेसियों की तो अभी हर खेमे के योद्धा एक-दूसरे पर हमले के अवसर तलाश रहे हैैं, ऐसे में अंग्रेजों पर हमला करने वाले मंगल पांडे जैसे योद्धाओं को याद करने की फुर्सत कहां?
कुर्बानी के लिए चोरी
अल्लाह को प्यारी है कुर्बानी, लेकिन इसके लिए चोरी करना ठीक बात नहीं। ईद-उल-अजहा के दिन बकरे की कुर्बानी देने की परंपरा है। अन्य पशुओं की भी दी जाती है, लेकिन अधिकांश लोग बकरे की ही देते हैं, क्योंकि वह सुलभ होता है, इसलिए इस त्योहार का नाम बकरीद पड़ गया। इस त्योहार के दिन सभी कुर्बानी देने का प्रयास करते हैं। तमाम तरह की जिद्दोजिहद करते हैं, पर कुर्बानी के लिए कोई चोरी करे यह पहली बार सुना। अंबाला में चोरी करते हुए रंगेहाथ पकड़े गए दिलशान आलम ने पुलिस वालों को बताया कि कुर्बानी के लिए उनके पास पैसे नहीं थे, इसलिए सेलफोन की दुकान में रात में घुसे। महंगे सेलफोन उठाकर भागना चाहते थे, पर दुकानदार पहुंच गया। उसने दबोच लिया। अब बिहार के मोतिहारी के रहने वाले दिलशान कितना सच बोल रहे हैं, कितना झूठ, यह तो वही जानें, लेकिन बकरीद तो उनकी जेल में ही मनेगी।