Murder on singhu border: किसान आंदोलन में बढ़ते जघन्य अपराधों से बना अराजकता का माहौल, जानें अब तक की घटनाएं
साढ़े 10 माह से चल रहे आंदोलन के बीच निरंतर हो रहे जघन्य अपराधों ने अराजकता पैदा कर दी है। अब सिंघु बार्डर पर जिस तरह की घटना हुई उससे आम आदमी सिहर उठा है। इससे पहले टीकरी बार्डर पर भी ऐसी नृशंस घटनाएं हो चुकी है
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : कृषि सुधार कानूनाें के खिलाफ साढ़े 10 माह से चल रहे आंदोलन के बीच निरंतर हो रहे जघन्य अपराधों ने अराजकता पैदा कर दी है। अब सिंघु बार्डर पर जिस तरह से एक युवक की बेरहमी से हत्या करने की घटना हुई, उससे आम आदमी सिहर उठा है। इस घटना की वीडियो और फोटो भी वायरल हो रही है। संयुक्त किसान मोर्चा ने इस घटना से पल्ला झाड़ लिया है मगर लोग सवाल कर रहे हैं। इससे पहले टीकरी बार्डर पर भी ऐसी नृशंस घटनाएं हो चुकी है। आंदोलन स्थल पर गए कसार के युवक को तेल डालकर जिंदा जलाने और बंगाल से आई युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटनाएं तो इस आंदोलन पर सवाल खड़ा कर चुकी हैं। ऐसे में आम आदमी के मन में एक ही बात है कि आखिर आंदोलन के बीच आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए जिम्मेदार कौन है।
ये हो चुकी हैं घटनाएं :
22 फरवरी : आंदोलन में आए पंजाब के तीन युवकों ने पिस्तौल के बल पर पहले बहादुरगढ़ के सौलधा गांव के पास पेट्रोल पंप से 30 हजार कैश लूटा। अगले दिन शहर के अंदर एक ज्वेलर्स शाप में लूट की कोशिश की। एन वक्त पर दुकानदारों ने दो को काबू कर लिया। तीसरा फरार हो गया था।
26 मार्च : आंदोलन में आए पंजाब के किसान हाकम सिंह की गला रेतकर हत्या कर दी गई। वारदात में मृतक की भाभी व उसका प्रेमी संलिप्त मिले। आंदोलन स्थल को उन्होंने वारदात के लिए चुना था।
3 अप्रैल : पंजाब के आंदोलनकारियों में शराब के पैसों को लेकर झगड़ा हुआ। उसमें एक आंदोलनकारी गुरप्रीत की पंजाब के किसानों ने ही लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
9 मई : बंगाल से आई युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में किसान सोशल आर्मी के चार नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया। मुख्य आरोपित अनिल मलिक गिरफ्तार हो चुका है। बाकी फरार हैं। अब इन आरोपितों के समर्थन में ही कुछ लोग खड़े हो गए हैं।
29 मई : पंजाब की एक युवती ने आंदोलन स्थल पर खुद के साथ दुर्व्यवहार किए जाने के आरोप लगाए और इंस्टाग्राम पर आपबीती बयां की। इसको लेकर संयुक्त मोर्चा ने जांच के लिए महिलाओं की कमेटी गठित करने की बात कही।
16 जून : आंदोलन स्थल पर कसार गांव के मुकेश मुदगिल को तेल डालकर जिंदा जलाने का आरोप। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर दो आरोपित आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया। मामले की जांच के लिए पुलिस ने एसआइटी का गठन किया।
26 जुलाई : संयुक्त किसान मोर्चा से कुछ दिनों के लिए निलंबित किए गए पंजाब के किसान नेता रलदू मानसा के तंबू पर हमला किया गया। इसमें दो किसान जख्मी हो गए थे। खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत पन्नू के खिलाफ बोलने पर रलदू मानसा के तंबू पर यह हमला हुआ था।
2 अगस्त : आंदोलन में आए पंजाब के तीन युवकों को औद्योगिक क्षेत्र में दुकान से मोबाइल फोन व अन्य सामान चोरी करने के मामले में गिरफ्तार किया गया। इनका एक साथी फरार हो गया था।
10 सितंबर : आंदोलन में आए पंजाब के तीन युवकों को अवैध पिस्तौल के साथ गिरफ्तार किया गया। ये आंदोलन की आड़ में बहादुरगढ़ के अंदर आपराधिक वारदातों को अंजाम देने आए थे।