Rohtak Sunaria Jail: शिफ्ट नहीं होगी छह हत्या के आरोपित सुखवेंद्र की जेल, डीसी और एसपी करेंगे बंदोबस्त की निगरानी
रोहतक के जाट कालेज के अखाड़े में छह लोगों की हत्या करने वाले आरोपित कोच सुखवेंद्र की जेल शिफ्ट नहीं होगी। हत्या का आरोपित कोच सुखवेंद्र तभी से सुनारिया जेल में न्यायिक हिरासत में बंद है। आरोपित की तरफ से पिछले सप्ताह कोर्ट में एप्लीकेशन दायर की गई थी।
रोहतक, जागरण संवाददाता। रोहतक के जाट कालेज के अखाड़े में छह लोगों की हत्या करने वाले आरोपित कोच सुखवेंद्र की जेल शिफ्ट नहीं होगी। आरोपित को सुनारिया जेल में रहना होगा। हालांकि उसकी सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त की निगरानी रोहतक डीसी और एसपी को करनी हाेगी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा. गगनगीत कौर की कोर्ट ने बुधवार को आरोपित की एप्लीकेशन पर फैसला सुनाया है, जिसमें जेल शिफ्टिंग की अपील को खारिज कर दिया।
छह लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी
मामले के अनुसार, जाट कालेज के अखाड़े में 12 फरवरी को मुख्य कोच मनोज समेत छह लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोपित कोच सुखवेंद्र तभी से सुनारिया जेल में न्यायिक हिरासत में बंद है।आरोपित की तरफ से पिछले सप्ताह कोर्ट में एप्लीकेशन दायर की गई थी। जिसमें उसने अपील की थी कि उसे सुनारिया जेल में जान का खतरा है। ऐसे में उसे भोंडसी या फिर करनाल जेल में शिफ्ट किया जाए। आरोपित की इस एप्लीकेशन पर पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता ने भी दलील दी। अधिवक्ता जय हुड्डा ने दलील दी थी कि इस केस में ट्रायल शुरू होने वाला है। ट्रायल को लेट करने के लिए आरोपित जेल शिफ्ट करने की मांग कर रहा है। यहां पर उसकी जान को कोई खतरा नहीं है।
जिसके बाद कोर्ट ने जेल प्रशासन ने भी आरोपित की सुरक्षा बंदोबस्त के बारे में उनका पक्ष जाना था। जेल प्रशासन ने जवाब दिया था कि आरोपित को स्पेशल सेल में रखा गया है। सेल के अंदर उसकी जान को कोई खतरा नहीं है। अधिवक्ता जय हुड्डा ने बताया कि सभी तथ्यों को देखते हुए बुधवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। जिसमें कहा कि आरोपित को सुनारिया जेल से शिफ्ट नहीं किया जाएगा। हालांकि उसके सुरक्षा बंदोबस्त की डीसी और एसपी को निगरानी करनी होगी। जेल के अंदर सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त होने चाहिए। गौरतलब है कि हत्याकांड के मामले में हथियार सप्लायर भी न्यायिक हिरासत में बंद है, जिसने कुछ दिन पहले कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था।