नगर निगम प्रशासन का कारनामा: 2017 से पूर्व का रिकार्ड साफ

नगर निगम ने 30 जून 2017 से पूर्व का करीब 24 तरह का अधिकांश दस्तावेज दी रिकार्ड नष्ट

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 08:31 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 08:31 PM (IST)
नगर निगम प्रशासन का कारनामा: 2017 से पूर्व का रिकार्ड साफ
नगर निगम प्रशासन का कारनामा: 2017 से पूर्व का रिकार्ड साफ

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- नगर निगम ने 30 जून 2017 से पूर्व का करीब 24 तरह का अधिकांश दस्तावेज दी रिकार्ड शेड्यूल 1984 के अंतर्गत नष्ट कर दिया।

पवन सिरोवा, हिसार

ना रहेगा बांस न बजेगी बासुंरी इस कहावत को नगर निगम प्रशासन ने चरितार्थ कर दिया है। पुरानी सूचनाओं के आधार पर निगम में कई भ्रष्टाचार के मामले उजागर हुए। अब 30 जून 2017 से पुरानी जानकारी खोज पाना आमजन के लिए असंभव हो गया है। उस दौरान कोई भ्रष्टाचार हुआ भी तो उसका रिकार्ड निगम में मिलने वाला नहीं है। कारण है कि डिजिटलाइेशन के युग में नगर निगम प्रशासन ने 30 जून 2017 से पुराने अधिकांश रिकार्ड का निपटान कर दिया है। यह रिकार्ड दी रिकार्ड शेड्यूल 1984 के अंतर्गत निपटान यानि रिसाइकिल कर दिया है। उधर देश में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 आ चुका है। जिसके अंतर्गत करीब दो दशक का डाटा आरटीआइ के अंतर्गत लिया जा सकता है। ऐसे में जब रिकार्ड ही नहीं होगा तो जानकारी उजागर नहीं हो पाएंगी।

डीसी की ओर से जारी पत्र में ये दिया गया था आदेश

डीसी की ओर से 18 जून 2020 को सभी विभागाध्यक्ष को पत्र जारी किया। जिसमें सरकारी हिदायतानुसार सरकारी पुराने रिकार्ड का निपटान करने के संबंध में कहा गया। पत्र में दिनांक 19 फरवरी 2014, दिनांक 10 जून 2014, दिनांक 11 फरवरी 2015, दिनांक 10 मार्च 2016 को जारी पत्र के संदर्भ में सरकार की हिदायतों के अनुसार अनुरोध किया गया था कि पुराना विभागीय रिकार्ड भारत ट्रेडर्स ए-105 इब्राहिम मंडी करनाल से संपर्क स्थापित कर निपटान करें।

पत्र के आधार पर ये कर दिया निपटान

-31 मार्च 2009 से पहले के सभी ईसीआर और 30 जून 2013 से पूर्व का चुनाव से संबंधित रिकार्ड।

-30 जून 2017 से पूर्व के इस रिकार्ड का कर दिया निपटान : 24 प्रकार की जानकारियां नष्ट कर दी। जिसमें बिदु नंबर 15 में तो यह तक लिख दिया है कि इस तिथि तक की सभी फाइलें इसमें शामिल हैं। वो फाइलें कौन सी है जनता से लेकर जनप्रतिनिधि तक नहीं जानते।

30 जून 2017 से पूर्व की जनता द्वारा की गई शिकायतों से लेकर चार्जशीट तक का रिकार्ड नष्ट

-जनसामान्य द्वारा की गई शिकायतों से संबंधित रिकार्ड और व्यक्तिगत संबंधित शिकायतें

-निलंबन व चार्जशीट से संबंधित फाइलें जिनका निपटान हो चुका हो।

-सैलरी स्टेटमेंट से संबंधित रिकार्ड और अफसरों व कर्मचारियों का सीएम, ईएल व मेडिकल रिकार्ड

-वार्षिक वेतन वृद्धि, शिक्षा भत्ता व व्हीट लोन संबंधित रिकार्ड

-पदोन्नति से संबंधित और सेवानिवृत/स्थानांतरित हो चुके अधिकारियों/कर्मचारियों से संबंधित रिकार्ड

-कोर्ट केस संबंधित रिकार्ड व पेंशन संबंधित रिकार्ड जिसका निपटान हो चुका है।

-जीपीएफ से संबंधित फाइलें व हाजिरी रजिस्टर से संबंधित रिकार्ड

-आरटीआई, सीएम विडो, पीएम विडो जिनका निपटान हो चुका हो।

-अधिकारी व कर्मचारी का आंतरिक रिकार्ड से संबंधित रिकार्ड

-डायरी डिस्पेच और गाड़ियों के बिल जिनकी अदायगी को चुकी हो उनका रिकार्ड

-टेंडर से संबंधित फाइलें और आउट सोर्सिंग से संबंधित रिकार्ड

-मासिक रिकार्ड और सरकार द्वारा मांगी गई सूचनाओं से संबंधित रिकार्ड व अन्य प्रकार के पत्राचार आरटीआई से ये भ्रष्टाचार हो चुके उजागर

-साल 2015 में जी-8 से संबंधित भ्रष्टाचार का मुद्दा कई साल बाद आरटीआई से उजागर हुआ लेकिन आज तक पूरा सच सामने नहीं आ पाया कि उसमें कौन-कौन शामिल थे।

-कूंजलाल गार्डन निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट का आरोप है कि साल 2015 से आटो मार्केट फेज-3 का डाटा मांग रहा है, क्योंकि सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ था जो जांच में भी सामने आ गया था, लेकिन आज तक वह उसे नहीं दिया। इसके अलावा साल 2012 में एक करोड़ 83 लाख का बिल जारी हुआ लेकिन उसमें से कुछ सड़क मौके पर नहीं मिली। इस मामले में शिकायत तो हुई लेकिन अधर में है जांच।

-कई सालों से कुछ कर्मचारी बिना विभागीय आदेश के अपनी मनमर्जी की ब्रांचों में कार्य करते रहे उनका रिकार्ड आज तक आरटीआई में नहीं मिला।

-टाइपिग में फेल अयोग्य उम्मीदवारों को निगम में बैकडोर एंट्री दी गई मामला तूल पकड़ा लेकर कार्रवाई आज तक नहीं हुई। अब रिकार्ड खत्म।

-साल 30 जून 2017 से पूर्व कई अधिकारी व कर्मचारी अंदरखाते भ्रष्टाचार कर हाउस रेंट लेते रहे। उन पर कार्रवाई आज तक नहीं हुई।

-हिसार में तो मरे हुए व्यक्ति के नाम पर नक्शे तक पास हो गए। चार्जशीट अफसर पदोन्नति पा गए और अब विभिन्न शाखाओं की फाइलें नष्ट हो गई।

वर्जन

हमने डाटा तो नष्ट किया है, लेकिन सरकार की चिट्ठी के अनुसार सरकारी की हिदायतों को ध्यान में रखते हुए रिकार्ड नष्ट किया गया है।

- अशोक कुमार गर्ग, कमिश्नर, नगर निगम हिसार।

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नगर निगम का कोई रिकार्ड भी नष्ट किया गया है। इस बारे में मुझे तो कोई जानकारी नहीं है। इस बारे में सोमवार को निगम अधिकारियों से जानकारी ली जाएगी।

-गौतम सरदाना, मेयर, नगर निगम हिसार।

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