Farmer Protest: सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद आंदोलनकारियों में हलचल, रास्ते बंद को लेकर सरकार को जिम्मेदार ठहराया

सुप्रीम कोर्ट का मत है कि किसान ज्यादा समय से बार्डरों पर बैठे हैं मगर सुप्रीम कोर्ट को सरकार पर गंभीर रुख अपनाना चाहिए क्योंकि वह किसानों के साथ तानाशाही रवैया अपना रही है। शीर्ष अदालत द्वारा यह तो कहा जा रहा है।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 08:26 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 08:26 AM (IST)
Farmer Protest: सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद आंदोलनकारियों में हलचल, रास्ते बंद को लेकर सरकार को जिम्मेदार ठहराया
दिल्ली जाने के रास्ते बंद को लेकर किसानों ने सरकार पर लगाए आरोप।

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। दिल्ली की सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ करीब 11 माह से जारी आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी के बाद आंदोलनकारी तिलमिलाएं हुए हैं और वही पुराना राग अलाप रहे हैं कि दिल्ली के रास्ते उन्होंने नहीं बल्कि सरकार ने बंद कर रखे हैं। कोर्ट की ओर से यह साफ कहा जा चुका है कि आंदोलन का सभी काे अधिकार है, लेकिन अनिश्चितकाल के लिए इस तरह से रास्ते बंद नहीं किए जा सकते। इसके बाद आंदोलनकारियों को कोई जवाब नहीं सूझ रहा है। वे इसके लिए पूरी तरह सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और दिल्ली के रास्ते खुद नहीं बल्कि सरकार द्वारा ही बंद किए जाने का आरोप लगा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद तिलमिलाए हुए हैं आंदाेलनकारी

आंदोलनकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का मत है कि किसान ज्यादा समय से बार्डरों पर बैठे हैं, मगर सुप्रीम कोर्ट को सरकार पर गंभीर रुख अपनाना चाहिए क्योंकि वह किसानों के साथ तानाशाही रवैया अपना रही है। शीर्ष अदालत द्वारा यह तो कहा जा रहा है कि किसानों ने दिल्ली का रास्ता रोक रखा, लेकिन सच तो यह है कि हमने रास्ता नहीं रोक रखा, बल्कि प्रशासन ने रोक रखा है। कोई भी बार्डर पर आकर देख सकता है कि रास्ता किसने रोक रखा है।

दिल्ली के रास्ते हमने नहीं सरकार ने कर रखे हैं बंद 

इधर, पंजाब के किसान नेता रुलदू सिंह मानसा का कहना है कि हम यहां से मांग पूरी हुए बिना नहीं जाएंगे। हरियाणा के किसान नेता फतेह सिंह का कहना है कि जब तब तीनों कानून वापस नहीं होते, तब तक हम वापस नहीं जाएंगे। यह किसी एक-दो या तीन राज्यों की लड़ाई नहीं है, बल्कि पूरे देश के किसानों का संघर्ष है। इसे व्यर्थ नहीं होने दिया जाएगा। चाहे हमें कोई भी कुर्बानी देनी पड़े। हम पीछे नहीं हटेंगे।

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