झज्जर में शहीद अमित मान को दी अंतिम विदाई, भारत माता की जय के लगे गगनभेदी नारे
झज्जर के बिठला गांव के नौसेना में नौसेना में थे। विशाखापट्टनम में आईएनएस ज्योति जहाज पर उनकी तैनाती थी। जहाज के इंजन की पाइप फटने से हुई दुर्घटना में उनकी मौत हो गई। वह 4 साल पहले भर्ती हुए थे। मंगलवार को उनकी पार्थिव देह साल्हावास पहुंची।
हिसार/झज्जर, जेएनएन। ड्यूटी के दौरान शहीद हुए झज्जर के साल्हावास के अमित मान की अंतिम यात्रा जब गांव के लिए निकली। इस यात्रा के बीच-बीच में डीजे पर बज रहे देश भक्ति गीतों के साथ-साथ बाइकों पर तिरंगा झंडा लेकर चल रहे युवाओं का जोश कुछ इस तरह से हिलोरे मार रहा था, मानो वे सभी अमित मान की तरह अपना सर्वस्व न्यौछावर करने को तैयार हैं। यात्रा में अमित मान के बैनर, होर्डिंग्स आदि को पैदल लेकर चलने वालों की संख्या भी कम नहीं थी। गगनभेदी नारों के बीच बीठला गांव तक देशभक्ति में डूबा हुआ दिखाई दिया।
हर कदम के साथ बड़ा होता गया काफिला
शनिवार को शहीद हुए अमित मान के पार्थिव शरीर को मंगलवार दिन के समय दिल्ली से झज्जर लाया गया। युवाओं के स्तर पर की गई तैयारी के साथ जैसे-जैसे यात्रा गांव की तरफ बढ़ी, एक बड़ा काफिला जुड़ता चला गया। वंदे मातरम, भारत माता की जय, शहीद अमित अमर रहे के जयकारों से पूरा रास्ता गूंजता हुआ दिखाई दिया। युवा बड़ी संख्या में भारत माता की जय, अमित मान अमर रहे के नारों के साथ जवान के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे थे।
कैमरों में कैद किया पल
युवाओं की बड़ी हाजिरी की वजह से माहौल देशभक्ति मय बना रहा। डीजे पर बज रहे देशभक्ति के गीतों पर युवाओं ने अपनी भावनाएं दर्शाईं। हाथ में मोबाइल लेकर युवाओं ने पूरी यात्रा को कैद करते हुए समय को यादगार बनाया। युवाओं का उत्साह और जज्बा बेमिसाल रहा। इधर, गांव के स्तर पर जहां अंतिम संस्कार की व्यवस्था की गई। वहां पर भी बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद रही। मौके पर इतनी अधिक भीड़ थी कि लोगों के पैर रखने तक की जगह नहीं थी।
तीन घंटे लग गए गांव तक पहुंचते-पहुंचते
अमित मान की अंतिम यात्रा को जिला मुख्यालय से गांव बीठला तक पहुंचने में तन घंटे से भी अधिक का समय लगा। करीब 30 किलोमीटर तक के इस सफर के बीच में पड़ने वाले गांवों से जुड़े ग्रामीण भी बड़ी संख्या में सड़कों पर शहादत को नमन करने के लिए पहुंचें।
बच्चे भी तिरंगे लेकर उतरे सड़कों पर
महिलाओं ने बच्चों के साथ सड़क पर मौजूद रहते हुए भारत माता की जय के नारे भी लगाए। छुछकवास क्षेत्र जहां अक्सर जाम लगा रहता था, वहां पर भी आज किसी तरह की कोई अव्यवस्था देखने को नहीं मिली। हर स्तर पर लोगों के भाव दिखाई दिए। ग्रामीणों में जुनून दिखा । हजारों नम आंखों ने अपने लाडले को बड़े भारी मन से अंतिम विदाई दी।