झज्जर में बिना लाइसेंस जल रहीं दो हजार से ज्यादा फैक्ट्रियां, श्रम विभाग के चौंकाने वाले आंकड़े

झज्जर में अवैध रूप से चल रहीं 100 फैक्ट्रियों को नोटिस दिए गए हैं। मात्र एक हजार फैक्ट्रियों के पास फैक्ट्री एक्ट का लाइसेंस है। फैक्ट्री एक्ट के दायरे में 10 या उससे अधिक कर्मचारियों वाली फैक्ट्री आती है। अमूमन फैक्ट्रियों में सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग नहीं हो रहा है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 01:37 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 01:37 PM (IST)
झज्जर में बिना लाइसेंस जल रहीं दो हजार से ज्यादा फैक्ट्रियां, श्रम विभाग के चौंकाने वाले आंकड़े
बहादुरगढ़ के एमआइई क्षेत्र में चल रहीं फैक्ट्रियां।

कृष्ण वशिष्ठ, बहादुरगढ़। झज्जर व बहादुरगढ़ के औद्योगिक क्षेत्रों में बिना फैक्ट्री एक्ट लाइसेंस के दो हजार से ज्यादा फैक्ट्रियां अवैध रूप से चल रही हैं। यह हम नहीं बल्कि श्रम विभाग के आंकड़े बता रहे हैं। इनमें कई बड़ी फैक्ट्रियां भी शामिल हैं। खुद विभाग भी यह आंकड़ा मिलने पर सकते में है।

साथ ही अमूमन फैक्ट्रियों में कामगारों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य से जुड़े मापदंड भी नहीं अपनाए जा रहे हैं। सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग न के बराबर ही किया जा रहा है। यहां पर फैक्ट्री एक्ट के तहत तीन हजार से ज्यादा फैक्ट्रियां आती हैं, मगर लाइसेंस सिर्फ करीब एक हजार के पास ही है। ऐसे में श्रम विभाग के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विंग के उपनिदेशक दीपक मलिक की टीम द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है। इस दौरान बिना लाइसेंस वाली फैक्ट्रियों व जहां पर सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग नहीं हो रहा है, उनको नोटिस दिए जा रहे हैं।

100 फैक्ट्रियों को दिए नोटिस

अब तक बिना लाइसेंस वाली करीब 100 फैक्ट्रियों काे नोटिस दिए जा चुके हैं। अगर नोटिस मिलने के बाद भी इन फैक्ट्रियों की ओर से लाइसेंस नहीं लिया गया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई विभाग की ओर से की जाएगी। दरसअल, फैक्ट्री एक्ट के दायरे में 10 या उससे अधिक कर्मचारियों वाली फैक्ट्री आती है। कुछ फैक्ट्रियां ऐसी भी हैं, जहां एक ही कामगार पर यह एक्ट लागू होता है, इनमें कैमिकल का प्रयोग करने वाली फैक्ट्री शामिल हैं।

लाकडाउन में अनुमति मांगी तो हुआ खुलासा

दरअसल, वर्ष 2020 में कोरोना की वजह से लॉकडाउन लगा था। कुछ दिनों बाद सरकार ने आनलाइन आवेदन करने के बाद फैक्ट्रियों को चलाने की अनुमति नियमानुसार दी गई थी। उस दौरान राज्य स्तर पर जो आंकड़ा श्रम विभाग के पास आया उससे विभाग के उच्च अधिकारी व सरकार के प्रतिनिधि सकते में पड़ गए। विभाग के पास फैक्ट्री एक्ट के तहत लाइसेंस कम फैक्ट्रियों के थे और जिन फैक्ट्रियों को चालू करने की अनुमति दी गई वह लाखों में थी। यहीं हाल बहादुरगढ़ में भी था। ऐसे में विभाग ने निरीक्षण कर बिना लाइसेंस वाली फैक्ट्रियों व सुरक्षा के मानकों पर खरा न उतरने वाली फैक्ट्रियों को नोटिस देने के आदेश दिए हैं। साथ ही उन्हें फैक्ट्री एक्ट के तहत लाइसेंस लेने के लिए जागरूक करने को भी कहा गया ताकि वो लाइसेंस लेने के लिए आगे आ सकें।

यह है फैक्ट्री एक्ट का लाइसेंस लेने की प्रक्रिया

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औद्योगिक क्षेत्रों में हो रहा 200 से ज्यादा का फैक्ट्रियों का निर्माण

बहादुरगढ़ के एमआइई पार्ट ए व बी, एचएसआइआइडीसी के सेक्टर 16, 17 व 4बी समेत अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में 200 से ज्यादा फैक्ट्री भवनों का निर्माण किया जा रहा है। यहां पर किसी भी फैक्ट्री मालिक की ओर से भवन निर्माण करने के लिए फैक्ट्री एक्ट के तहत लाइसेंस नहीं ले रखा है। साथ ही भवन निर्माण मजदूरों व मिस्त्रियों की सुरक्षा के कोई उपाय भी नहीं कर रखे हैं। फैक्ट्री मालिकों ने सब नियम ताक पर रख रखे हैं। ऐसे में इनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।

क्या कहते हैं अधिकारी

श्रम विभाग की स्वास्थ्य एवं सुरक्षा शाखा के उप निदेशक दीपक मलिक ने कहा कि जिले में करीब तीन हजार से ज्यादा फैक्ट्रियां हैं, जो फैक्ट्री एक्ट के दायरे में आती हैं। हमारे रिकार्ड के अनुसार यहां पर करीब एक हजार फैक्ट्री ऐसी हैं जिनके पास लाइसेंस है। दो हजार से ज्यादा फैक्ट्रियों के पास कोई लाइसेंस नहीं है। साथ ही फैक्ट्रियों में कामगारों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के मापदंड भी नहीं अपनाए जा रहे हैं। अगर कोई घटना हो जाए तो उसमें कामगारों की जान का खतरा है। ऐसे में हमारी ओर से निरीक्षण करके जिन फैक्ट्रियों में नियमों की उल्लंघना हो रही है उन्हें नोटिस दिया जा रहा है। 

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