फतेहाबाद में 15 करोड़ से ज्यादा का प्रॉपर्टी टैक्स दबाए बैठे सरकारी विभाग, कैसे होगा शहर का विकास

फतेहाबाद में नगर परिषद का 20 करोड़ का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। इनमें 15 करोड़ से ज्यादा के बकायेदार सरकारी विभाग हैं। लघु सचिवालय सबसे बड़ा डिफॉल्टर है। नगर परिषद की कमाई का सबसे बड़ा जरिया प्रॉपर्टी टैक्स ही है। नप के पास शहर के विकास के लिए पैसे नहीं।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 04:50 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 04:50 PM (IST)
फतेहाबाद में 15 करोड़ से ज्यादा का प्रॉपर्टी टैक्स दबाए बैठे सरकारी विभाग, कैसे होगा शहर का विकास
राजस्व विभाग खुद वसूली करता है, वो भी प्रॉपर्टी टैक्स नहीं भर रहा है।

फतेहाबाद, विनोद कुमार नगर परिषद अधिकारी बजट न होने का हवाला देकर शहर का विकास कार्य नहीं करवा पा रहे हैं। नप की इनकम का सबसे बड़ा आय क्षेत्र प्रॉपर्टी टैक्स है। इस टैक्स की वसूली के लिए नगर परिषद फतेहाबाद के अधिकारियों के पास कोई प्लान तक नहीं है। 

अगर प्लान होता तो शहर के विकास के लिए उच्चाधिकारियों से स्पेशल ग्रांट नहीं मांगनी पड़ती। शहरवासियों की तरफ करीब 20 करोड़ रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया पड़ा है। शहरवासी तो समय समय पर प्रोपर्टी टैक्स भरते रहते है। लेकिन सरकारी भवनों का प्रॉपर्टी टैक्स नहीं आ रहा है। यहीं कारण है कि उनकी तरफ एरियर भी बकाया पड़ा है।

सरकारी भवनों का जिक्र करें तो सबसे अधिक लघु सचिवालय भवन का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया बड़ा है। नगर परिषद की तरफ करीब 9 करोड़ रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स पड़ा है। इसके अलावा जनस्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग व राजस्व विभाग की तरफ एक करोड़ रुपये से अधिक का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया पड़ा है। हर साल यह ब्याज लगने के साथ बढ़ता जा रहा है। पिछले दिनों नगर परिषद अधिकारियों ने सरकारी भवनों के प्रॉपर्टी टैक्स की फाइल निकलवाई है। यही कारण है कि अब इन विभागों का एरियर भी सबके सामने आया है। अब देखना होगा कि नगर परिषद सरकारी भवनों के संचालकों को नोटिस जारी करता है या नहीं। अगर नोटिस जारी कर वसूली की जाए तो पूरे शहर का विकास कार्य करवाया जा सकता है। 

शहरवासियों की तरफ 5 करोड़ रुपये की अदायगी 

नगरपरिषद का शहरवासियों की तरफ  5 करोड़ रुपये से अधिक का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया पड़ा है। यह टैक्स कम नहीं हो रहा बल्कि बढ़ता जा रहा है। कोविड-19 के बाद सरकार ने हाउस टैक्स भरने वालों को छूट भी दी थी। लोग टैक्स भरने के लिए आ भी रहे थे लेकिन इसका लाभ कुछ ही लोगों ने उठाया था। लेकिन कुछ ऐसे लोग है जो कई सालों से टैक्स नहीं भर रहे है। दो साल पहले नोटिस भी दिए गए थे। लेकिन इस नोटिस का कोई असर तक नहीं हुआ। 

अब जरा यूनिट पर डालें नजर 

शहरवासियों की तरफ बकाया पड़ा प्रोपर्टी टैक्स : 5 करोड़

सरकारी विभाग की तरफ बकाया पड़ा प्रोपर्टी टैक्स : 15 करोड़ 

शहर में यूनिट : 27 हजार 

आवास : 16 हजार 

प्लाट : 6 हजार 

अन्य : 5 हजार 

ये भी हैं : दुकानें, कॉमर्शियल जगह व सरकारी आवास। 

सरकारी विभाग की तरह ये बकाया पड़ा प्रोपर्टी टैक्स

विभाग                          बकाया

स्वास्थ्य विभाग                   1,085,5,761

दूरसंचार विभाग                   3,20,039

सिंचाई विभाग                    33,17,289

जनस्वास्थ्य विभाग                1,061,8,429

राजस्व विभाग                   1,27,53,509

पीडब्ल्यूडी विभाग                 24,31,870

वन विभाग                     18,48,653

विजिलेंस विभाग                 9,60,931

पुलिस विभाग                   1,30,42,902

उच्च शिक्षा विभाग                1,24,088

रक्षा विभाग                     1,24,088

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग         1,63,183

लघु सचिवालय                  9,28,47,977

हाउसिंग बोर्ड                    52,326

पैक्स                          4,49,882

कृषि विभाग                     1,99,490

कराधान विभाग                   37,55,230

हाउस विभाग                     1,67,252

कुल                          15,40,32,899

प्रॉपर्टी टैक्स रिकवरी के लिए बना रहे योजना

ईओ नगरा परिषद फतेहाबाद अरविंद बाल्यान ने कहा कि प्रॉपर्टी टैक्स की रिकवरी के लिए हम योजना बना रहे हैं। पहले कोरोना आ गया था। इस कारण लोग भर भी नहीं रहे थे। लेकिन अब आने वाले समय में इन लोगों को नोटिस जारी किया जाएगा। शहरवासियों की तरफ सरकारी भवनों का भी प्रॉपर्टी टैक्स वसूल किया जाएगा। 

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