पति-पत्नी के बीच दीवार बन रहा मोबाइल फोन, रिश्तों की कड़वाहट दूर कर रही सखी

सखी वन स्टॉप सेंटर घरेलू हिंसा पीड़ित महिलाओं की मदद कर रहा है। झज्जर में 2019 में शुरुआत हुई थी। अब तक 454 महिलाएं मदद ले चुकी हैं। अब महिलाओं में भी रुझान बढ़ रहा है। कानूनी सहायता के साथ महिलाओं के ठहरने की व्यवस्था भी की जाती है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Fri, 09 Jul 2021 02:50 PM (IST) Updated:Fri, 09 Jul 2021 02:50 PM (IST)
पति-पत्नी के बीच दीवार बन रहा मोबाइल फोन, रिश्तों की कड़वाहट दूर कर रही सखी
मोबाइल फोन के कारण पति-पत्नी में वैचारिक मतभेद होते हैं। घरेलू हिंसा का यह एक प्रमुख कारण है।

जागरण संवाददाता, झज्जर। मोबाइल फोन के कारण पति-पत्नी में विवाद बढ़ रहा है। इससे घरेलू हिंसा बढ़ रही ह। ऐसी महिलाओं के लिए सखी (वन स्टॉप सेंटर) सहारा बनी, तो महिलाएं न केवल खुद संभलीं, बल्कि बिगड़ी हुई परिस्थितियों को भी संभाला। इससे महिलाओं की जीवन शैली में भी सुधार आया। घरेलू हिंसा सहित अन्य मामलों में पीड़ित महिलाएं वन स्टॉप सेंटर का सहारा ले रही हैं।

अब महिलाओं का भी रुझान बढ़ा है। पहले के मुकाबले अब अधिक महिलाएं पहुंचने लगी हैं। जब दो साल पहले वन स्टॉप सेंटर की शुरुआत हुई तो महीनेभर में 5-10 महिलाएं बड़ी मुश्किल से सहायता के लिए पहुंची थीं। लेकिन अब इनकी संख्या कई गुना बढ़ गई है। जून माह की बात करें तो कुल 51 महिलाएं वन स्टॉप सेंटर पर पहुंचीं। इनमें से 28 मामले घरेलू हिंसा से प्रताड़ित रहीं।

वैचारिक मतभेद घरेलू हिंसा का कारण

जिस मोबाइल को हम सबसे जरूरी मानते हैं, वही विवादों का कारण बन रहा है। वन स्टॉप सेंटर पर पहुंचने वाले मामलों में देखने में आया है कि मोबाइल फोन के कारण वैचारिक मतभेद हो रहे हैं। खासकर पति-पत्नी के बीच। इसके कारण घरेलू हिंसा व आपसी झगड़े जैसे मामलों में बढ़ोतरी हो रही हैं। वन स्टॉप सेंटर पर सहायता के लिए पहुंचने वाली महिलाओं में आधे से अधिक महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार होती हैं। इनकी काउंसिलिंग के दौरान यही पाया जाता है कि उनका आपसी वैचारिक मतभेद है। काफी मामलों में इसका कारण मोबाइल फोन ही होता है। हालांकि इनसे अगल मामलों में भी महिलाएं सखी सेंटर का सहारा लेती हैं।

महिलाओं को दी जाती हैं ये सुविधाएं

जो महिलाएं यहां पहुंचती हैं, उनकी काउंसिलिंग, कानूनी सहायता, स्वास्थ्य जांच, पुलिस सहायता व शेल्टर सुविधा आदि उपलब्ध करवाई जाती है। वन स्टॉप सेंटर में न केवल महिलाओं की कानूनी सहायता की जाती है, बल्कि उनके ठहरने की व्यवस्था भी की जाती है। झज्जर में वन स्टॉप सेंटर की शुरुआत जून 2019 में हुई थी। हालांकि इसका विधिवत रूप से शुभारंभ 10 सितंबर 2019 को हुआ था। तबसे लेकर जून 2021 तक कुल 454 महिलाएं वन स्टॉप सेंटर पर पहुंचीं। इनमें से 89 महिलाएं ठहरीं।

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