विधायक विनोद भयाना ने किया सिविल अस्पताल का निरीक्षण

संवाद सहयोगी हांसी स्थानीय नागरिक अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं व कोविड-19 वैक्सीनेशन को लेक

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 07:29 AM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 07:29 AM (IST)
विधायक विनोद भयाना ने किया सिविल अस्पताल का निरीक्षण
विधायक विनोद भयाना ने किया सिविल अस्पताल का निरीक्षण

संवाद सहयोगी, हांसी : स्थानीय नागरिक अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं व कोविड-19 वैक्सीनेशन को लेकर दी जा रही सुविधाओं का निरीक्षण करने विधायक विनोद भयाना मंगलवार को अस्पताल में पहुंच गये। इस दौरान विधायक विनोद भयाना में अस्पताल में बन रहे ऑक्सीजन प्लांट का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान विधायक को कुछ खामियां नजर आई जिस पर उन्होंने तुरंत सीएमओ रत्ना भारती से फोन से बात कर जल्द से जल्द खामियों को दूर करने के लिये कहा। विधायक ने देखा कि अस्पताल में वैक्सीन लगवाने के लिये आने वाले बुजुर्ग व महिलाओं को पीने के पानी व बैठने की सुविधा नहीं है जिस पर विधायक ने संबंधित अधिकारियों को पीने के पानी व बैठने की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। विधायक के निर्देशों के बाद वैक्सीन लगवाने आने वाले लोगों के लिये पीने के पानी व टैन्ट की व्यवस्था की गई और बैठने के लिये कुर्सियां भी मंगवाई गई। विधायक विनोद भयाना ने कहा कि अस्पताल में अपने वाले किसी भी मरीज व आमजन को परेशानी का सामना नहीं करने दिया जाएगा।

किसानों के पहुंचने से पहले ही अस्पताल से निकले विधायक

विधायक विनोद भयाना के सिविल अस्पताल में निरीक्षण की सूचना मिलने पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान हाथों में काले झंडे लेकर सिविल अस्पताल पहुंच गए। किसानों के सिविल अस्पताल में आने की सूचना मिलने पर किसानों के पहुंचने से पहले ही विधायक विनोद भयाना अस्पताल से निकल गये। सिविल अस्पताल के बाहर प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने हाथों में काले झंडे लेकर सरकार व विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसान यूनियन के जिला प्रधान कुलदीप खरड़ व दशरथ मलिक ने कहा कि कब तक विधायक चोरी-छिपे कार्यक्रम करते रहेंगे। जब तब सरकार तीनों कृषि बिल को वापस नहीं लेती तब तक किसान विरोध करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि अब सरकार किसानों के ऊपर झूठे मुकदमें दर्ज करवाकर किसानों के आंदोलन को खराब करने में लगी हुई है। लेकिन किसान किसी भी धमकी व मुकदमें से डरने वाला नहीं है। जब तक किसानों को उनका हक नहीं मिलेगा वे आंदोलन करते रहेंगे।

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