सिरसा में 5 दिन से लापता लड़की का खेत में मिला शव, मां बोली- पुलिस चाहती तो बच सकती थी बेटी की जान
सिरसा में 14 वर्षीय लड़की का अपहरण कर लिया गया। पांच दिन बाद खेत में उसका शव मिला। पोस्टमार्टम हाउस पर ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। उनका कहना है कि पुलिस समय रहते प्रयास करती तो लड़की की जान बचाई जा सकती थी।
जागरण संवाददाता, सिरसा। रानियां क्षेत्र के गांव गिंदड़ा में खेत में मिली मृतक 14 वर्षीय अपहृत लड़की का शुक्रवार शाम तीन बजे के बाद वीडियोग्राफी के साथ पोस्टमार्टम हुआ। लड़की के स्वजनों व ग्रामीणों ने इस मामले में रानियां थाना पुलिस पर लापरवाही बरतने की बात कही। ग्रामीण इस बात पर अड़े रहे कि जब तक आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, वे पोस्टमार्टम नहीं करवाएंगे।
दोपहर के समय गांव के कुछ मौजिज लोगों ने लड़की के पिता मैनपाल को रानियां पुलिस के सामने बयान लिखवाने को कहा तो मृतक लड़की की मां व बहन गुस्से से भर गई, वे बोली कि चार दिनों से पुलिस बयान लिख रही है, कुछ नहीं किया। अगर रानियां पुलिस कुछ करती तो उनकी बेटी जिंदा होती। मौके पर ग्रामीणों की भीड़ को देखते हुए नागरिक अस्पताल में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था साथ ही डीएसपी मुख्यालय आर्यन चौधरी, डीएसपी ऐलनाबाद जगतपाल मोर, शहर थाना प्रभारी ईश्वर सिंह, रानियां थाना प्रभारी साधुराम मौजूद रहे। मामले की सूचना मिलने पर भीम आर्मी भरत एकता मिशन के रवि आजाद, बसपा नेता भूषण बरोड़, बंसी दहिया, पार्षद रेणू बरोड़, सैन समाज से महेंद्र सैन मौके पर पहुंचे।
पांच सदस्यीय कमेटी बना एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
बाद में ग्रामीणों ने पांच सदस्यीय कमेटी बनाकर एसडीएम जयवीर यादव के माध्यम से एसपी के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने शव का पोस्टमार्टम करवाते समय वीडियोग्राफी करने, मामले की सीबीआइ जांच करने, रानियां थाने में एसएचओ को निलंबित करने व दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की।
छह बहनों में चौथे नंबर की थी मृतका, नौवीं में पढ़ती है
गांव गिंदड़ा से करीब दो किलोमीटर दूर कुस्सर रोड पर ढाणी में रहने वाले मैनपाल के छह बेटियां हैं। दो बेटियां शादीशुदा हैं जबकि मृतका चौथे नंबर की थी। मैनपाल दिहाड़ी मजदूरी करता है। मृतका की मां संतोष ने बताया कि वारदात वाली शाम सात बजे उसकी बेटी ढोल में गेहूं लेकर गई थी। उसने दुकान पर गेहूं बेचा और उसके बाद उन रुपयों से गांव में सुरेंद्र दुदवाल की डेयरी पर दूध लाने गई। सुरेंद्र दुदवाल ने उसे दूध नहीं दिया। रात सवा आठ बजे उसे दूध दिया।
दूध लेकर लौट रही थी, तब हुआ अपहरण
जब वह दूध लेकर घर आ रही थी तो ढाणी के नजदीक मोटरसाइकिल सवार युवक उसे जबरन उठाकर ले गया। उसकी बेटी मदद के लिए चिल्लाई जब तक वह मौके पर पहुंची, बाइक सवार जा चुका था। संतोष ने बताया कि कुछ देर बाद ही सुरेंद्र दुदवाल भी वहां आ गया। उसने उसे बेटी को ढूंढने के लिए कहा तो वह कुछ दूर घूमकर वापस आ गया कि वहां कोई नहीं मिला।
घर आकर लड़की को उठाने की दी धमकी
गांव के ही एक अन्य सुरेंद्र नामक युवक पर भी मृतका की मां ने आरोप लगाए हैं। उसका कहना है कि 10-15 दिन पहले उक्त युवक उसके घर आया था। उसकी लड़की को उठाने की धमकी दी थी। लड़की के अपहरण के बाद उन्होंने पुलिस के समक्ष उस लड़के पर शक भी जाहिर किया परंतु पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। संतोष ने बताया कि जब उन्होंने उस लड़के से फोन कर पूछा तो उसने कहा कि वह चंडीगढ़ है। बाद में उसके परिजनों ने पूछा तो उसने खुद को अनूपगढ़ बाताया लेकिन बाद में वह जीवननगर के गोदाम में मिला। जहां पहुंचने पर उक्त युवक ने उनके साथ गालीगलौच भी किया।
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