दोनों पक्षों की मीटिग के बाद पैमाइश कराने का हुआ निर्णय

शिवालय व शिव घाट की जमीन पर कथित अवैध कब्जे का मामला

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 08:28 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 08:28 PM (IST)
दोनों पक्षों की मीटिग के बाद पैमाइश कराने का हुआ निर्णय
दोनों पक्षों की मीटिग के बाद पैमाइश कराने का हुआ निर्णय

शिवालय व शिव घाट की जमीन पर कथित अवैध कब्जे का मामला

संवाद सहयोगी, बरवाला : प्राचीन शिवालय मंदिर व शिव घाट की जमीन पर कथित अवैध कब्जे के मामले में बरवाला एसडीएम कार्यालय के कांफ्रेंस हाल में उपमंडल प्रशासन, ऐतिहासिक प्राचीन शिवालय मंदिर पक्ष, मुस्लिम समाज पक्ष तथा वक्फ बोर्ड की संयुक्त मीटिग आयोजित की गई। मीटिग में कई मुद्दों पर बातचीत के बाद शिव घाट की भूमि खसरा नंबर 939 तथा धर्मशाला की भूमि खसरा नंबर 899 की जल्द ही पैमाइश कराने का निर्णय लिया गया। खसरा नंबर 907 का मसला कोर्ट में जाने के कारण इसकी पैमाइश नहीं कराई जाएगी। इस मीटिग में शिव घाट की तरफ बनाए गए गेट को बंद करने के मुद्दे पर भी बहस हुई। एक पक्ष ने आरोप लगाया कि अवैध तरीके से शिव घाट की तरफ गेट बनाए गए हैं। इसलिए प्रशासन प्राथमिकता के आधार पर इन्हें बंद करवाएं। उपमंडल प्रशासन ने कहा कि जो मसला कोर्ट में चला गया है उसमें कोर्ट के आदेश की पालना हो। जिस भूमि की निशानदेही करानी है। नगरपालिका सचिव के आते ही इसकी पैमाइश करवाई जाएगी। बैठक में प्रशासन की ओर से एसडीएम राजेंद्र कुमार, नायब तहसीलदार राशविदर सिंह, मंदिर पक्ष की ओर से अश्वनी बजाज, वीरेंद्र गुप्ता, रतन सैनी,आनंद मेहता, इंद्रजीत शेखावत, सतीश पाहवा, महेश गौ सेवक, अनूप चौहान व विक्रम सैनी आदि, मुस्लिम समाज पक्ष की ओर से बशीर खान, नसीब खान, शमशेर सिंह, होशियार खान, राजू आदि तथा वक्फ बोर्ड की ओर से एग्जीक्यूटिव ऑफिसर अब्दुल्ला खान आदि मौजूद रहे।

पंचायत के बाद सौंपा गया था ज्ञापन

बरवाला के खरकड़ा बनभौरी मार्ग पर स्थित ऐतिहासिक प्राचीन शिवालय मंदिर व शिव घाट की जमीन पर कथित अवैध कब्जे के प्रयास के विरोध में यहां पर एक पंचायत आयोजित की गई थी। इसके बाद सर्व समाज महापंचायत के प्रतिनिधि मंडल ने बरवाला के एसडीम राजेंद्र कुमार को ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में उपरोक्त खसरा नंबरों की जमीन की निशानदेही करवाने, इधर खोले गए गेट को बंद करवाने, इस क्षेत्र में किए जा रहे व किए गए अवैध कब्जे को हटाने व रोकने की मांग उठाई गई थी।

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