मिलिये हिसार की M.com पास सुनीता से, नई सोच से बनी प्रेरणा, कोरोना संकट में नए आइडिया से किया कमाल

हिसार की 24 साल की सुनीता ने अपनी सोच और बढ़ते कदम से खास पहचान बनाई है। वह हरियाणा की ग्रामीण महिलाओं की प्रगतिशीलता की प्रतीक बन गई हैं। सुनीता ने 17 साल की उम्र में डेयरी शुरू की थी और अब डेयरी प्रोडक्‍ट का आनलाइन कारोबार कर रही हैं।

By Sunil kumar jhaEdited By: Publish:Sat, 06 Mar 2021 01:41 PM (IST) Updated:Sun, 07 Mar 2021 12:15 PM (IST)
मिलिये हिसार की M.com पास सुनीता से, नई सोच से बनी प्रेरणा, कोरोना संकट में नए आइडिया से किया कमाल
अपनी डेयरी में भैंस से दूध निकाली सुनीता बिश्‍नाेई। (जागरण)

हिसार, [चेतन सिंह]। जिले के आदमपुर की एमकॉम पास 24 साल की सुनीता बिश्‍नोई को हरियाणा में ग्रामीण महिलाओं के बढ़ते कदम और सोच का प्रतीक कहें तो अतिश्‍योक्ति नहीं होगी। सुनीता ने महज 17 साल की उम्र में डेयरी शुरू की और अब अपनी खास सोच से कोरोना आपदा को अवसर में बदल दिया। कोरोना संकट के समय लाकडाउन में जब सब कुछ बंद हो गया तो उन्‍होंने देसी घी और अन्‍य डेयरी प्राेडक्‍ट बनाकर उसका ऑनलाइन बिजनेस शुरू किया। देखते-देखते ही वह उनका यह कारोबार छा गया।

 आदमपुर की सुनीता ने 17 साल की छह पशु से शुरू की थी डेयरी

सुनीता 65 पशुओं की डेयरी चलाती हैं। उन्‍होंने सात साल पहले 17 साल की उम्र में पांच भैंसों व एक गाय से डेयरी शुरू की थी। तब परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। ऐसे में सुनीता ने अपना डेयरी का बिजनेस शुरू किया। उन्‍होंने हिसार के लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा व पशु विज्ञान विश्वविद्यालय से ट्रेनिंग ली और डेयरी में नवीनतम तकनीकों को अपनाया और डेयरी से होने वाली आमदनी के बूते परिवार को आर्थिक स्‍वाबलंबन की ताकत दी।

अपनी डेयरी में भैंस से दूध निकाली सुनीता बिश्‍नोई। (जागरण)

ऑनलाइन प्लेटफार्म पर देसी घी बेच आमदनी बढ़ाई

कोरोना काल में जब सारी दुनिया घर में कैद थी तब सुनीता के सामने भी डेयरी को चलाने की चुनौती थी। लॉकडाउन की वजह से लोग घरों में कैद थे, मगर सुनीता ने इस आपदा को अवसर में बदलकर डेयरी से प्रोडक्ट बनाकर ऑनलाइन बेचना शुरू कर दिया। उन्होंने श्री बालाजी डेयरी प्रोडेक्ट नाम से यू-ट्यूब चैनल बनाकर मार्केटिंग की। उन्‍होंने इसके साथ ही वीडियो बनाकर फेसबुक पर पेज बनाकर पोस्ट डालनी शुरू की।

सुनीता की डेयरी के पशु। (जागरण)

अब उनकी डेयरी में 65 पशु हैं जिसमें 45 भैंस और 20 गाय हैं, हर माह कमाती हैं 3.50 लाख

कुछ ही दिनों में सुनीता को ऑनलाइन ऑर्डर मिलने शुरू हो गए। सबसे पहले पंजाब से घी के ऑर्डर आए। इन्होंने कुरियर द्वारा घी भेजना शुरू किया और ऑनलाइन पेमेंट लेना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और हिमाचल से ऑर्डर आने लगे। पैकिंग के लिए पांच किलो, दो किलो और एक किलो के पैकेट लेकर घर पर ही पैकिंग शुरू की। सुनीता ने इस डेयरी के माध्यम से अपने भाई, भाभी, मां को भी जोड़ा हुआ है। इसके अलावा झारखंड के भी चार युवाओं को रोजगार दिया। आज सुनीता अपनी डेयरी से 3.50 लाख रुपये महीना कमाती है।

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अब ऑनलाइन पशुओं की खरीद-बेच करती हैं

लॉकडाउन में मिले ऑनलाइन प्लेटफार्म का इस्तेमाल सुनीता पशुओं की खरीद बेच करती हैं। सुनीता के यू-ट्यूब चैनल को देखकर दूसरे राज्यों से पशु व्यापारी आकर भैंस व गाय खरीदकर ले जाते हैं। इतना ही नहीं सुनीता भैंस व्यापारियों को उनके यहां से पशु खरीदने से क्या फायदा हुआ इसकी वीडियो भी बनाकर अपने चैनल पर डालती हैं। सुनीता का कहना है कि उन्होंने जो छह पशुओं से रोजगार शुरू किया था कभी नहीं सोचा था वह इतना बढ़ जाएगा। कोरोना में भी जहां लोग निराश थे उनको ऑनलाइन बिजनेस का आइडिया आया जिसने उनके बिजनेस को पूरी तरह बदल दिया। अब तो घर से ही डिमांड पूरा करने में व्‍यस्‍त रहती हूं।

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