मधुमेह, बवासीर, ह्रदय रोग जैसी बीमारियों के इलाज में सहायक होंगे सिविल अस्पताल के औषधीय पौधे

डायबिटीज बवासीर हदय रोग मानसिक बीमारियों सहित साबून व शैंपू बनाने में सहायक है औषधीय पौधे। औषधीय पौधो से साबून क्रीम बनाने के साथ मिठाई बनाने में भी किया जा सकता है उपयोग

By Manoj KumarEdited By: Publish:Thu, 05 Dec 2019 06:10 PM (IST) Updated:Fri, 06 Dec 2019 10:36 AM (IST)
मधुमेह, बवासीर, ह्रदय रोग जैसी बीमारियों के इलाज में सहायक होंगे सिविल अस्पताल के औषधीय पौधे
मधुमेह, बवासीर, ह्रदय रोग जैसी बीमारियों के इलाज में सहायक होंगे सिविल अस्पताल के औषधीय पौधे

हिसार [सुभाष चंद्र] सिविल अस्पताल में बनाए गए औषधीय पार्क को  जल्द ही मरीजों के लिए भी खोला जाएगा। सिविल अस्पताल प्रशासन ने पार्क में लगाए गए औषधीय पौधों की विशेषता को देखते हुए इन्हें मरीजों व अन्य लोगों के लिए खोलने का फैसला लिया है। सिविल अस्पताल के औषधीय पार्क में लगाए गए पौधे दादी मां के देसी नुस्खों पर आधारित है।

खास बात यह है कि जिन गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए अस्पतालों में लाखों रूपये खर्च करने पड़ते हैं। उन्हीं बीमारियों के इलाज में यहां लगाए गए औषधीय पौधे भी सहायक है। पुराने समय में हमारे पूर्वज देशी पौधों से देशी इलाज करते रहे हैं। यहां लगाए गए पौधे बवासीर, हदय रोग, मानसिक बीमारियों, मोटापा, श्वास, एलर्जी, सहित अन्य बीमारियों के इलाज में तो सहायक है ही, साथ ही इनसे घर में खुशबू, साबून, क्रीम बनाने में भी इनका उपयोग किया जा सकता है।

पार्क में लगाए हैं 30 औषधीय पौधे

पिछले वर्ष सिविल अस्पताल में बनाए गए औषधीय पार्क का निर्माण किया गया था। जिसमें 30 के करीब औषधीय पौधे लगाए गए हैं। पर्क में लगाए गए सभी पौधे औषधीय गुणों से युक्त है। इन औषधीय पौधों को हुडा विभाग के सहयोग से यमुनानगर और हिसार की नर्सरियों से लाकर यहां लगाए गए है। जिनमें से अधिकतर पौधे अब काफी विकसित हो गए है।

अस्पताल की गैलरी की ओर से की जाएगी एंट्री

इस पार्क में सिविल अस्पताल के मुख्यद्वार से गायनी वार्ड की तरफ जाते हुए बनाई गई गैलरी से मरीजों के लिए प्रवेश द्वार होगा। जिससे सिविल अस्पताल में आने वाले मरीज, उनके परिजन और अन्य लोग भी अपने ज्ञानवर्धन के लिए इस औषधीय पार्क का भ्रमण कर सकते हैं।

औषधीय पार्क में लगाए हैं यह पौधे, इन बीमारियों में उपयोगी

पौधा - वनस्पति नाम - लाभ

घृत कुमारी - एलोवेरा प्रजाति की यह किस्म मधुमेह के इलाज में उपयोगी होती है।

कपूर - वनस्पति नाम सिनोमोमस कैफोरा - इसका उपयोग ह्दय, श्वसन व मस्तिष्क के इलाज लिए होता है।

दिन का राजा - सेस्टर्म डिवर्म - इसका उपयोग स्क्रीन और बॉर्डर के लिए किया जाता है।

स्टेविया - मोटापे और उक्तरक्तचाप  में उपयोगी

रूद्राक्ष - सिर के रोगों और मानसिक बीमारियें के लिए उपयोगी

तालम खाना - इसका उपयोग मिठाई, नमकीन, खीर और औषधियों में होता है।

शिकाकाई - इसका उपयोग शैंपू और तेल में किया जाता है।

कालमेद्य - मलेरिया, ब्रोंकइटिस जैसे रोगों के इलाज में सहायक।

हल्दी - गुम चोट के इलाज में सहायक।

बसाका - विभिन्न प्रकार की दवाइयां बनाई जा सकते है।

कुटज, इंद्रजौ - रक्त शोधन, मरोड़ के दस्त और बवासीर में लाभदायक

हरीतकी - यह उल्टी और कब्ज में उपयोगी है।

नींबू घास - इसका उपयोग साबून और क्रीम बनाने में होता है।

इलायची - मुह को शुद्ध करने के साथ, खांसी, श्वास व पित्त व हदय रोग में लाभदायक

प्राजक्ता - इसके पत्ते, छाल और फूलों का उपयोग औषधि बनाने में किया जाता है।

मेहंदी - रंग व ठंडक में सहायक।

कुम्हड़ा, कड्डू - यह कोलेस्ट्राल कम करने में सहायक है।

जूही - यह सुगंध के लिए प्रयोग होता है।

---सिविल अस्पताल में बनाए गए औषधीय पार्क को मरीजों के ज्ञानवर्धन के लिए कुछ समय तक खोला जा सकेगा। जिससे वो यहां लगे पौधो के बारे में जानकारी लेकर अपने घरों में भी इन पौधों को लगा सके और उनका ज्ञानवर्धन हो। पार्क को दो घंटे के लिए मरीजों के लिए खोला जा सकेगा।

डा. संजय दहिया, सीएमओ, हिसार।

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