दिव्यांगों को मुख्यधारा में ला रही एमडीयू, 40 फीसद से ज्यादा को दे रहे सालाना 6100 रुपये की आर्थिक मदद

विश्वविद्यालय आर्थिक मदद पहुंचाकर दिव्‍यांगों का जीवन सुधार रहा है। विभाग की तरफ से दिव्यांग को सालाना 6100 रुपये आर्थिक सहायता देता है जिससे वे अपनी फीस किताबें व शिक्षा पर खर्च कर सकते हैं। छात्र कल्याण विभाग ने दिव्यांगों के लिए समर्थ योजना 2012 में लांच की थी।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Sun, 07 Feb 2021 04:22 PM (IST) Updated:Sun, 07 Feb 2021 04:22 PM (IST)
दिव्यांगों को मुख्यधारा में ला रही एमडीयू, 40 फीसद से ज्यादा को दे रहे सालाना 6100 रुपये की आर्थिक मदद
एमडीयू में दिव्‍यांगों के लिए पहले सालाना राशि 5100 रुपये थी, अब इसे बढ़ाकर 6100 रुपए कर दिया गया है

रोहतक [ओपी वशिष्ठ] महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय का छात्र कल्याण विभाग दिव्यांग विद्यार्थियों को आर्थिक मदद देकर उनको मुख्याधारा में लाने का काम कर रहा है। यूं कह सकते हैं कि विश्वविद्यालय आर्थिक मदद पहुंचाकर उनको शिक्षा रूपी बैसाखी बनकर उनका जीवन सुधार रहा है। विभाग की तरफ से दिव्यांग को सालाना 6100 रुपये आर्थिक सहायता देता है, जिससे वे अपनी फीस, किताबें व शिक्षा पर खर्च कर सकते हैं।

विवि के छात्र कल्याण विभाग ने दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए समर्थ योजना 2012 में लांच की थी। इसके लिए बाकायदा अलग से फंड बनाया, जिससे उनको यह मदद लगातार दी जा रही है। एमडीयू में दिव्यांग कोटे के तहत जितने भी विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है, वे सभी इस योजना के तहत आर्थिक मदद के हकदार हैं। पहले सालाना राशि 5100 रुपये थी, अब इसे बढ़ाकर 6100 रुपए कर दिया गया है। छात्र कल्याण विभाग ने एमडीयू के सभी शैक्षणिक विभागों को पत्र लिखकर दिव्यांग विद्यार्थियों को आवदेन करने के लिए आग्रह किया है ताकि उनको नए सत्र से यह राशि वितरित की जा सके।

डा. जगबीर राठी ने एलबम की राशि से खोला था समर्थ कोष

छात्र कल्याण विभाग के निदेशक एवं वरिष्ठ कलाकार डा. जगबीर राठी के सुप्रसिद्ध गीत बोल तेरे मीठे-मीठे की एलबम जनवरी 2012 में लांच हुई थी। इस एलबम से राशि मिली, उससे समर्थ कोष बनाकर दिव्यांग विद्यार्थियों की मदद करने की शुरुआत हुई थी। विश्वविद्यालय कुलपति ने इस योजना को अडोप्ट कर लिया और तब से यह जारी है। डा. जगबीर राठी ने दो लाख रुपए की राशि इस फंड के लिए दी थी। इसके बाद विवि ने दो लाख अपनी तरफ से दिए। इसके बाद हर वर्ष पांच लाख रुपए विवि इसमें जमा करता है। कुल राशि का ब्याज जो सालाना

होता है, वो राशि दिव्यांग विद्यार्थियों में समान रूप से वितरित की जाती है।

------दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए इस योजना के तहत आर्थिक मदद की जाती है। इससे उनको काफी लाभ हो रहा है। एमडीयू में 40 फीसद या इससे अधिक दिव्यांग विद्यार्थियों, जिनका कोटे के तहत प्रवेश हुआ है, उनको यह राशि दी जाती

है।

डा. राजकुमार, अधिष्ठाता, छात्र कल्याण विभाग, एमडीयू

-----विवि के छात्र कल्याण विभाग इस योजना के तहत दिव्यांग विद्यार्थियों को मुख्यधारा में लाने का काम कर रहा है। खास बात यह है कि दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए सांस्कृतिक व खेल गतिविधियां भी अलग से करवाई जाती

है ताकि वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सके।

-प्रो. राजबीर सिंह, कुलपति, एमडीयू, रोहतक

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