नगर निगम चुनाव : कहीं इसलिए तो नहीं करना पड़ा कांग्रेस मेयर प्रत्‍याशी रेखा को हार का सामना

नगर निगम चुनाव में जनता ने कांग्रेस की ओर से मेयर सीट प्रत्‍याशी रेखा ऐरन जीत न सकी, मगर हार के कारण क्‍या रहे इसे लेकर समीक्षा हो रही है।

By manoj kumarEdited By: Publish:Thu, 20 Dec 2018 04:24 PM (IST) Updated:Thu, 20 Dec 2018 05:37 PM (IST)
नगर निगम चुनाव : कहीं इसलिए तो नहीं करना पड़ा कांग्रेस मेयर प्रत्‍याशी रेखा को हार का सामना
नगर निगम चुनाव : कहीं इसलिए तो नहीं करना पड़ा कांग्रेस मेयर प्रत्‍याशी रेखा को हार का सामना

हिसार, जेएनएन। नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की ओर से मेयर सीट प्रत्‍याशी रेखा ऐरन जीत न  सकी, मगर हार के कारण क्‍या रहे इसे लेकर समीक्षा हो रही है। इसके कई कारण हो सकते हैं मगर एक बड़ा कारण जुगलबंदी की कमी भ्‍ाी रहा। कैसे चला पूरा घटनाक्रम और कहां रह गई चूक, ये जानने के लिए पढ़ें ये खबर।

कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को नजरअंदाज कर रेखा ऐरन को प्रत्याशी घोषित करना दो राजनीतिक घरानों को भारी पड़ा। ऐरन के लिए कांग्रेस का एक भी बड़ा नेता प्रचार में नहीं आया। पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर ने जहां पहले ही दिन ऐरन से अलग रेखा खींच ली थी, वहीं पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा खुलकर सामने नहीं आए। जिले के अधिकांश वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने भी चुनाव से दूरी बनाए रखी। नलवा हलके के पूर्व विधायक प्रो संपत सिंह ने तो नतीजे घोषित होने के बाद गौतम सरदाना को बधाई देते हुए साफतौर पर कहा-मेरे लिए तटस्थ रहना ठीक रहा।

दरअसल जिंदल हाउस ने प्रत्याशी बदलने में बहुत जल्दबाजी दिखाई। भाजपा से टिकट कटने के बाद जब हनुमान ऐरन अपनी पत्नी रेखा के लिए राजनीतिक समीकरण बिठाने में लगे हुए थे तो उनके एक मित्र ने भजनलाल हाउस का रास्ता दिखा दिया। सूत्रों के अनुसार हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) प्रमुख रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई के खास समर्थक करीब छह महीने से हनुमान को अपनी तरफ लाने के प्रयास में जुटेे थे। हनुमान ने बिश्नोई से संपर्क साधने के साथ जिंदल हाउस में दस्तक देने के रास्ते खोज लिए। दूसरी तरफ विभिन्न गुटों में बंटी कांग्रेस भी सर्वमान्य प्रत्याशी तलाश रही थी। पार्टी की ऐसी सोच थी कि हिसार के अलावा नलवा, बरवाला और आदमपुर के हिस्से को समेटे नगर निगम का प्रत्याशी घोषित करने से पहले चारों हलकों के दिग्गज नेताओं की सामूहिक सहमति ली जाएगी मगर ऐसा नहीं हो सका। कांग्रेस ने सिंबल पर चुनाव न लडऩे का फैसला कर लिया।

ऐसे में जिंदल हाउस ने निकाय चुनाव में अपनी उपस्थिति को बनाए रखने के लिए निर्वतमान मेयर शकुंतला राजलीवाल को फिर से मैदान में उतारने का मन बना लिया। पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल अपने समर्थकों से राय मशविरा करके अगले दिन ऐलान करने वाली थी कि हनुमान ऐरन और रेखा ऐरन जिंदल हाउस पहुंच गए। भाजपा से खफा रेखा ऐरन पर दांव खेलने का सुझाव सावित्री जिंदल को रास आ गया और उन्होंने कुलदीप बिश्नोई से संपर्क साधकर आपसी सहमति बना ली।

यह पूरा घटनाक्रम इतनी जल्दबाजी में हुआ कि जिंदल और बिश्नोई ने पार्टी के बाकी नेताओं से सलाह-मशविरा तक नहीं किया। यहां तक कि प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर को भी विश्वास में नहीं लिया। इससे नाराज तंवर ने उसी दिन रेखा ऐरन से किनारा कर लिया। दूसरी तरफ नलवा हलके के पूर्व विधायक प्रो. संपत सिंह और बरवाला के पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला भी हैरान रह गए। ऐसे में संपत सिंह ने पूरेे चुनाव के दौरान कोई सक्रियता नहीं दिखाई। उनके हलके के चार वार्डों में 40 हजार से ज्यादा मतदाता हैं, जिनसे उन्होंने संपर्क नहीं किया।

रामनिवास घोड़ेला ने दो-तीन दिन सक्रियता दिखाई। इसकी एक वजह यह भी रही कि ऐरन परिवार उनके घर के पास रहता है। पड़ोसी का धर्म निभाने के साथ भविष्य की राजनीति को ध्यान में रखकर घोड़ेला ने हनुमान ऐरन की पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह से मुलाकात कराई। हुड्डा से आशीर्वाद लेते हुए ऐरन के फोटो भी वायरल हुए। इसके बावजूद हुड्डा की पूरी टीम रेखा ऐरन के समर्थन में मुस्तैद नहीं दिखी। यहां तक कि कुलदीप बिश्नोई भी एक भी दिन चुनावी मैदान में दिखाई नहीं दिए।

विधायक रेणुका बिश्नोई और उनके बेटे भव्य बिश्नोई ने जरूर पूरी ताकत लगाई। उनके साथ सावित्री जिंदल भी पूरी कदमताल के साथ नजर आई। मगर अधिकांश कांग्रेसी नेता व कार्यकर्ता दिल से ऐरन से नहीं जुड़ पाए। नतीजन, कांग्रेस नेताओंं के प्रभाव वाले इलाके में कम वोटिंग हुई। नलवा हलके के वार्डों में 50 फीसद भी मतदान नहीं हुआ। इसका सीधा फायदा भाजपा प्रत्याशी गौतम सरदाना को मिला। उनकी जीत का आंकड़ा बढ़ता चला गया।

संपत बोले-गौतम की जीत बीजेपी की नहीं

पूर्व मंत्री संपत सिंह ने गौतम सरदान की जीत को शानदार बताया है। उनका कहना है कि यह गौतम की व्यक्तिगत जीत है और भाजपा की हार है। भाजपा केवल 7 वार्डों में जीती। 20 वार्डों से भाजपा के प्रत्याशियों को गौतम के मुकाबले में एक तिहाई वोट भी नहीं मिले।

कुलदीप बोले-गौतम को मेरा साथ रहेगा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई ने गौतम सरदाना को ट्वीट कर बधाई दी। उन्होंने कहा कि हिसार के विकास के लिए गौतम को भी जैसी भी मदद चाहिए, वे हमेशा साथ देने को तैयार रहेंगे। उल्लेखनीय है कि गौतम ने पिछला चुनाव कुलदीप की हरियाणा जनहित कांग्रेस से लड़ा था।

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