Man Burnt alive at Tikri Border: जांच के लिए एसआइटी गठित, एक और आरोपित गिरफ्तार

टीकरी बॉर्डर पर कसार गांव के व्यक्ति को जिंदा जलाने का मामला। एक और आरोपित को गिरफ्तार किया गया। झज्जर एसपी ने डीएसपी नरेश कुमार के नेतृत्व में एसआइटी का गठन कर दिया है। एसआइटी को इस मामले की निष्पक्ष जांच करने का निर्देश दिया गया है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 07:23 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 07:23 PM (IST)
Man Burnt alive at Tikri Border: जांच के लिए एसआइटी गठित, एक और आरोपित गिरफ्तार
एसपी ने संयुक्त किसान मोर्चा से उनके पास मौजूद सुबूत मुहैया कराने के लिए कहा है।

बहादुरगढ़, जेएनएन। आंदोलन में गए कसार गांव के 43 वर्षीय मुकेश मुदगिल को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने की घटना की जांच अब एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) करेगी। झज्जर के डीएसपी नरेश कुमार के नेतृत्व में इसका गठन कर दिया गया है।

इस बीच बहादुरगढ़ के सेक्टर-छह थाना की टीम द्वारा एक और आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसका नाम संदीप है। वह जींद के निरजन गांव का रहने वाला है। उसे रविवार को अदालत में पेश किया जाएगा। झज्जर के एसपी राजेश दुग्गल ने बताया कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएसपी नरेश कुमार के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया है। इसमें बहादुरगढ़ के सेक्टर छह थाना प्रभारी जयभगवान, बहादुरगढ़ के शहर थाना प्रभारी विजय कुमार और बहादुरगढ़ साइबर सेल प्रभारी चांदराम को शामिल किया गया है। एसआइटी को इस मामले की निष्पक्षता से जांच करने तथा घटना से संबंधित सभी तथ्यों को आन रिकॉर्ड लेने के निर्देश दिए गए हैं।

दूसरे आरोपित संदीप को किया गिरफ्तार 

एसपी ने बताया कि मामले में गहनता से कार्रवाई करते हुए सेक्टर छह थाना की टीम द्वारा दूसरे आरोपित संदीप को काबू किया गया। उसको गुप्त सूचना के आधार पर उसके गांव से गिरफ्तार किया गया। उधर, एसपी ने इस मामले में शनिवार को मिलने के लिए गए संयुक्त मोर्चा की कमेटी के सदस्यों को कहा कि इस मामले से संबंधित जो भी सबूत उनके पास हैं, उन्हें पुलिस के समक्ष पेश करें व एसआइटी का सहयोग करें। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एसआइटी द्वारा हर पहलू की गहनता से जांच की जाएगी। बता दें कि संयुक्त मोर्चा की ओर से सवाल उठाए जाने के बाद ही पुलिस ने एसआइटी का गठन किया है।

अन्य आरोपितों की संलिप्तता को लेकर चल रही पूछताछ

इधर, बहादुरगढ़ के डीएसपी पवन कुमार ने बताया कि जिन दो आरोपितों कृष्ण व संदीप का इस आपराधिक घटना में नाम सामने आया था, उनको गिरफ्तार किया जा चुका है। अन्य किसी की संलिप्तता को लेकर पूछताछ की जा रही है। वहीं इस मामले में पहले से गिरफ्तार कृष्ण पंजेठा निवासी रायचंदवाला जींद को एक दिन के रिमांड के बाद शनिवार को पुन : अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

कसार गांव में कल होगी पंचायत

आंदोलन स्थल पर एक कसार गांव के 43 वर्षीय मुकेश मुदगिल को पेट्राेल डालकर जिंदा जलाने के मामले में रविवार को गांव में पंचायत बुलाई गई है। पीड़ित परिवार के लिए न्याय और अन्य बिंदुओं पर इस पंचायत में चर्चा की जाएगी। इसी दिन कई संगठन पीड़ित परिवार से मिलकर सीबीआइ जांच की मांग भी उठा सकते हैं। उधर, आंदोलन स्थल और कसार के बीच रास्ते पर अभी भी पुलिस और सुरक्षा बल की टुकड़ी तैनात है। मृतक के स्वजनों और ग्रामीणों की ओर से पुलिस-प्रशासन को मांग पत्र सौंपा गया था। इसमें आश्रिताें को उचित मुआवजा व सरकारी नौकरी देने के साथ-साथ आंदोलनकारियों को गांव के नजदीक से दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग उठाई थी। प्रशासन के आश्वासन के बाद ग्रामीण सड़क से हटे थे। अब ग्रामीणों को खुद की मांग प्रशासन की तरफ से पूरी होने का इंतजार है।

तैनात है पुलिस व सुरक्षा बल

घटना के बाद से आंदोलन स्थल से कसार की तरफ आने वाले रास्ते पर पुलिस और सुरक्षा बल के जवान तैनात है। गत बुधवार की रात को यह घटना हुई थी और वीरवार की रात से यहां पर पुलिस व सुरक्षा बल के जवान तैनात किए गए हैं, ताकि किसी तरह के नए विवाद की संभावना न हो। कसार के ग्रामीण इस आंदोलन के कारण परेशानी की बात पहले ही पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के सामने कह चुके हैं।

दोषी बचे नहीं और निर्दाेष पर आंच न आए : सरपंच

मृतक मुकेश के भाई और गांव के निवर्तमान सरपंच टोनी का कहना है कि हमारे भाई की जिन्होंने जान ली है, वे किसी भी सूरत में बचने नहीं चाहिए। पुलिस-प्रशासन से यह भी मांग है कि इस मामले में किसी निर्दोष पर आंच न आए। हमारे भाई की हत्या की गई है, इसमें तो कोई शक है ही नहीं। टोनी ने दोेहराते हुए कहा कि सुनने में यह आ रहा है कि राकेश टिकैत गांव में आने की कह रहे है, लेकिन टिकैत या अन्य काेई मोर्चे का नेता गांव में आता है और किसी तरह की अनहोनी होती है तो उस सूरत में गांव जिम्मेदार नहीं होगा। अभी पूरे गांव मेें गुस्सा है। स्थानीय खाप पंचायत से कोई प्रतिनिधि आए, वह तो अलग बात है, लेकिन जब गांव का गुस्सा कम हो जाए, तब मोर्चे का कोई नेता भले ही आए।

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