टोक्‍यो ओलंपिक की तरह पैरालंपिक गेम्स में भी हरियाणा के एथलीटों का दबदबा, 25 में से 11 यहां के

पैरालिंपिक गेम्स में भी हरियाणा के खिलाडिय़ों का दबदबा है। पैरालिंपिक में शामिल हो रहे 44 फीसद एथलीट हरियाणा से हैं। बता दें कि पैरालिंपिक गेम्स के लिए जारी 25 पैरा एथलीटों में सर्वाधिक 11 खिलाड़ी हरियाणा से हैं। दूसरे नंबर पर दिल्ली है

By Manoj KumarEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 01:29 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 01:29 PM (IST)
टोक्‍यो ओलंपिक की तरह पैरालंपिक गेम्स में भी हरियाणा के एथलीटों का दबदबा, 25 में से 11 यहां के
टोक्‍यो ओलंपिक की तरह पैरालंपिक गेम्स में भी हरियाणा के ज्‍यादा खिलाड़ी हैं और पदक आने की उम्‍मीद ज्‍यादा है

जागरण संवाददाता, हिसार : टोक्यो ओलिंपिक की तरह पैरालिंपिक गेम्स में भी हरियाणा के खिलाडिय़ों का दबदबा है। पैरालिंपिक में शामिल हो रहे 44 फीसद एथलीट हरियाणा से हैं। बता दें कि पैरालिंपिक गेम्स के लिए जारी 25 पैरा एथलीटों में सर्वाधिक 11 खिलाड़ी हरियाणा से हैं। दूसरे नंबर पर दिल्ली है, जहां के चार एथलीटों का नाम इस सूची में शामिल है। राजस्थान के 3, उत्तर प्रदेश के दो, महाराष्ट्र के दो और मेघालय, दिल्ली और हिमाचल के एक-एक खिलाडिय़ों के नाम सूची में दर्ज हैं। टोक्‍यों ओलंपिक में भी सबसे ज्‍यादा खिलाड़ी हरियाणा से हैं। पदक लाने की उम्‍मीद भी प्रबल है।

ये हैं हरियाणा के पैरालिंपिक खिलाड़ी

सुमित, भाला फेंक

नवदीप, भाला फेंक

रंजीत भाटी, भाला फेंक

टेक चंद, भाला फेंक

अमित, क्लब थ्रो

धर्मबीर, क्लब थ्रो

एकता भ्याण, क्लब थ्रो

विनोद कुमार, डिस्कस थ्रो

योगेश कथूरिया, डिस्कस थ्रो

रामपाल, ऊंची कूद

अरविंद, शॉट पुट ।

पैरालंपिक में हुआ बहादुरगढ़ के डिस्कस थ्रोअर योगेश का चयन

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ (झज्जर) : टोक्यो में होने वाले पैरालंपिक गेम्स के लिए बहादुरगढ़ की राधा कालोनी निवासी डिस्कस थ्रोअर (श्रेणी एफ-56) योगेश कथूरिया का चयन हुआ है। वे 22 अगस्त को पैरा ओलिंपिक गेम्स में भाग लेने के लिए रवाना होंगे। दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में पिछले दिनों हुई ट्रायल में योगेश ने 45.58 मीटर दूर चक्का फेंककर प्रथम स्थान हासिल किया था, जिसकी वजह से उनका चयन टोक्यो में होने वाले पैरा ओलिंपिक गेम्स के लिए हुआ है। टोक्यो पैरा ओलिंपिक में देश के 25 पैरा एथलीट भाग लेंगे, जिनमें योगेश भी शामिल है। पैरा एथलीटों का कैंप दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में चल रहा है लेकिन पिता रिटायर्ड आनरेरी कैप्टन ज्ञानचंद की बीमारी के कारण योगेश फिलहाल बहादुरगढ़ में रहकर ही अभ्यास कर रहा है। यहां पर कोई मैदान न होने की वजह से योगेश कथूरिया रोहतक-दिल्ली बाईपास के साथ लगते खेतों में अभ्यास कर रहा है। योगेश बताते हैं कि बहादुरगढ़ में दो स्टेडियम हैं, मगर यहां पर उनके गेम्स से संबंधित साधन नहीं हैं। ऐसे में अभ्यास के दौरान चक्का किसी को भी लग सकता है, जिससे कोई दुर्घटना हो सकती है। इसलिए वे खेतों में जाकर अभ्यास करते हैं।

टिकट के लिए नहीं थे पैसे, दोस्त ने की मदद तो पेरिस में जीता स्वर्ण पदक

वर्ष 1997 में जन्मे योगेश कथूरिया ने बताया कि वर्ष 2006 में उसके हाथ व पैर पैरालाइज हो गए थे। कुछ समय बाद हाथ कुछ ठीक हो गए। वर्ष 2017 में जब वह दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करता था, उस दौरान उनके दोस्त सचिन यादव ने गेम्स में भाग लेने के लिए उसे प्रोत्साहित किया। योगेश ने बताया कि जब वह मैदान में गेम्स खेलने के लिए जाने लगा तो डिस्कस थ्रो में मुझे स्कोप दिखाई दिया। बाद में मां मीना देवी व पिता ज्ञानचंद ने कहा कि जो भी करो, मन से करो सफलता जरूर मिलेगी। उसके बाद वह कड़ी मेहनत करने लगा। बहादुरगढ़ में होशियार ङ्क्षसह स्टेडियम में दिन ज्यादा बच्चे रहते थे तो सुबह उनके आने से पहले और रात को बच्चे जाने के बाद अभ्यास करता था। एक वक्त ऐसा आया कि पेरिस में मुझे ओपन ग्रेंडप्रिक्स प्रतियोगिता में भाग लेने जाना था। टिकट व अन्य खर्च के लिए 86 हजार रुपये चाहिए थे। घर में रुपयों की तंगी थी। ऐसे में एक दोस्त ने उसकी मदद की तो उसने न केवल प्रतियोगिता में भाग लिया बल्कि स्वर्ण पदक भी हासिल किया।

ये हैं योगेश की उपलब्धि:

- 2018 में पंचकूला में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में डिस्कस थ्रो में स्वर्ण पदक

- 2018 में बर्लिन में हुई ओपन ग्रेंडप्रिक्स में डिस्कस थ्रो में स्वर्ण पदक

- 2018 में इंडोनेशिया में हुए एशियन पैरा गेम्स चौथा स्थान

- 2019 में फरीदाबाद में हुई राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक

- 2019 में पेरिस में हुई ओपन ग्रेंडप्रिक्स डिस्कस थ्रो में स्वर्ण पदक

- 2019 में दुबई में हुई वल्र्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक

- 2021 में बेंगलुरू में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता के डिस्कस थ्रो में स्वर्ण पदक

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