बहादुरगढ़ में रजिस्ट्रियाें में गोलमाल का आरोप लगाकर वकीलों ने नायब तहसीलदार को किया कमरे में बंद, हंगामा

रजिस्‍ट्रियों में गोलमाल करने का आरोप लगाकर भारी संख्या में वकीलों ने जमकर हंगामा किया। वकीलों ने न केवल तहसील कार्यालय को बंद कर दिया बल्कि नायब तहसीलदार को भी उनके कमरे में बंद कर दरवाजा बाहर से बंद कर दिया।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 04:35 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 04:35 PM (IST)
बहादुरगढ़ में रजिस्ट्रियाें में गोलमाल का आरोप लगाकर वकीलों ने नायब तहसीलदार को किया कमरे में बंद, हंगामा
रजिस्ट्रियों में गोलमाल का आरोप लगाने पर मौके पर पहुंचे एसडीएम, रजिस्ट्री आपरेटर को पद से हटाया

बहादुरगढ़, जेएनएन। बहादुरगढ़ तहसील में रजिस्ट्रियों में गोलमाल का आरोप लगाकर भारी संख्या में वकीलों ने जमकर हंगामा किया। वकीलों ने न केवल तहसील कार्यालय को बंद कर दिया बल्कि नायब तहसीलदार को भी उनके कमरे में बंद कर दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। बाद में मौके पर पहुंचे एसडीएम हितेंद्र कुमार ने वकीलों की मांग पर रजिस्ट्री आपरेटर को पद से हटाकर उनके स्थान पर दूसरे आपरेटर को नियुक्त किया है तथा मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। एसडीएम के आश्वासन पर वकील शांत हुए और तहसील कार्यालय को खोल दिया। इसके बाद ही तहसील कार्यालय में रोजमर्रा के काम शुरू हो सके।

वकील राकेश सैनी, बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव विक्रम छिल्लर, एचएस शर्मा, अनिल दलाल, मनोज काजला, आनंद यादव, संदीप सोलंकी, ललित सैनी, पवन कुमार आदि ने बताया कि तहसील अधिकारियों की ओर से जमीनों की रजिस्ट्री करने में गोलमाल किया जा रहा है। फर्जी प्रापर्टी आइडी व डीटीपी की एनओसी के बिना भी दस्तावेज पंजीकृत किए जा रहे हैं। अवैध कालोनियों की रजिस्ट्री भी की जा रही हैं। शहर की किसी भी कालोनी के दस्तावेज पंजीकृत करने के लिए नायब तहसीलदार के पास लेकर जाते हैं तो वे आनलाइन जमाबंदी का नाम लेकर रजिस्ट्री करने से मना कर देते हैं।

फिर वहीं रजिस्ट्रियां भारी-भरकम पैसे लेकर कर दी जाती हैं। इन्हीं सब आरोपों को लेकर वकीलों में रोष है। वकीलों ने शुक्रवार को इसी के चलते करीब 11 बजे तहसील कार्यालय को बंद कर दिया। नायब तहसीलदार जब अपने कमरे में बैठे थे तो वकीलों ने बाहर से दरवाजा बंद कर दिया। इस कारण करीब दो घंटे तक काम बंद रहा। फिर एसडीएम हितेंद्र कुमार ने मौके पर पहुंचकर वकीलों को उचित आश्वासन देकर शांत किया और तहसील में कामकाज शुरू करवाया। इस बारे में एसडीएम हितेंद्र कुमार ने बताया कि वकीलों के आरोपों को लेकर जांच की जाएगी। रजिस्ट्री आपरेटर को पद से हटा दिया गया है।

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