हिसार में उकलाना सीएचसी में कोविड टेस्टिंग किट की कमी बन रहा एक बड़ा मुद्दा
उकलाना में पिछले एक हफ्ते से अधिक समय से कोविड टेस्टिंग किट की कमी चल रही है और हर रोज यह कमी एक बड़ा मुद्दा बनती जा रही है। क्योंकि कोविड टेस्टिंग किट के अभाव में बीमार मरीजों को जहां बिना टेस्ट कराए वापिस लौटना पड़ता है
उकलाना मंडी। [जय सिंगला] स्थानीय सीएचसी उकलाना में पिछले एक हफ्ते से अधिक समय से कोविड टेस्टिंग किट की कमी चल रही है और हर रोज यह कमी एक बड़ा मुद्दा बनती जा रही है। क्योंकि कोविड टेस्टिंग किट के अभाव में बीमार मरीजों को जहां बिना टेस्ट कराए वापिस लौटना पड़ता है वहीं उन बीमार मरीजों के कारण अन्य स्वस्थ लोगों के संक्रमित होने का खतरा भी बना रहता है। क्योंकि बिना टेस्ट किए यह क्लीयर नहीं हो पाता है कि जो बीमार मरीज अस्पताल में आ रहे हैं उनके अंदर कोरोना संक्रमण है या नहीं।
अगर उन लोगों का समय पर टेस्ट हो जाता है तो निश्चित तौर पर वे संक्रमण से न केवल खुद को आइसोलेट कर सकेंगे बल्कि अन्य लोगों को भी सुरक्षित रख सकेंगे। लेकिन यहां तो टेस्टिंग किट ही नहीं मौजूद रहती और बीमार लोगों को बिना टेस्ट के ही अपनी बीमारी के साथ घर वापस लौटना पड़ता है। इस मामले में एक बात और पता चली है कि जिन लोगों का यहां पर टेस्ट नहीं हो पाता है उन्हें मजबूर होकर किसी निजी अस्पताल में एक हजार या दो हजार रूपये खर्च करके अपना टेस्ट करवाना पड़ रहा है।
जबकि सरकार की ओर से बनाए गए अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर नि:शुल्क कोविड टेस्ट किए जाते हैं। मंगलवार को एक बार फिर से सीएचसी उकलाना में कोविड टेस्टिंग किट खत्म हो गई और दोपहर 1 बजे से पहले अस्पताल परिसर सुनसान हो गया है। वहां पर कोई स्टाफ सदस्य नजर नहीं आया। अस्पताल में आने वाले लोगों ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने किट के मामले में अपने हाथ खड़े कर दिए हैं और यह कहकर पल्ला झाड़ लिया है कि उन्होंने अपनी ओर से उच्च अधिकारियों को इस समस्या की जानकारी दे दी है। लेकिन उनकी ओर से कोई संतुष्टिजनक जवाब उन्हें नहीं मिल सका है।
कोविड टेस्ट कराने आए एक पेशेंट के बेटे ने बताई आपबीती-
उकलाना की गुलाब कॉलोनी में रहने वाले अनिल पुत्र सज्जन बंसल ने बताया कि वह आज सुबह साढ़े 10 बजे के करीब अपने पिता का कोविड टेस्ट कराने सरकारी अस्पताल में गया था। लेकिन उसे यह कहकर वहां से टाल दिया गया कि अस्पताल में कोविड टेस्टिंग किट समाप्त हो गई है। उनका टेस्ट यहां पर नहीं हो सके गा। जब उसने अस्पताल के स्टॉफ से इस बारे में बातचीत करनी चाही तो उसके साथ स्टाफ कर्मचारी ने बदतमीजी भी की। इसके बाद उसने मजबूर होकर एक निजी अस्पताल में जाकर एक हजार रू. में अपने पिता का कोविड टेस्ट कराया।
वहीं,उसने यह भी बताया कि अस्पताल में केवल 50 किट ही आती है और वो भी अस्पताल के डॉक्टर अपने निजी लोगों के लिए ही इस्तेमाल करते हैं। जबकि अस्पताल में आने वाले अनेक बीमार मरीजों को बिना कोविड टेस्ट कराए वापिस लौटना पड़ता है। इसके लिए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री से गुहार लगाई जाएगी और सीएचसी उकलाना में पर्याप्त मात्रा में कोविड टेस्टिंग किट भेजने की मांग की जाएगी।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एमओ पद कार्यरत डॉ.राजेश ने बताया कि उन्होंने अस्पताल में कोविड टेस्टिंग किट की कमी की सूचना सीएमओ,एसएमओ और एसडीएम के संज्ञान में भेजी हुई है। लेकिन उनकी ओर से कोई भी संतुष्टिजनक जवाब उन्हें नहीं मिला है। वहीं,उन्होंने बताया कि जो वैन पहले गांवों में जाकर टेस्टिंग करती थी उसका भी ईंधन का बजट नहीं बन रहा है। जिसके चलते वो टेस्टिंग भी अभी नहीं हो पा रही है। केवल अस्पताल में ही कोविड टेस्ट किए जा रहे हैं और इसके लिए 50 किट रैपिड टेस्ट के लिए आ रही है। जिसके समाप्त होने पर लोगों को इसकी दिक्कतें आ रही हैं।
अब इन सबके बीच यह देखना होगा कि कोरोना महामारी के समय में उकलाना सीएचसी में उत्पन्न हुई कोविड टेस्टिंग किट की समस्या को लेकर स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी कोई संज्ञान ले सकेंगे या नहीं। या फिर ये मामला स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री तक जाएगा। इसके लिए आगे के कुछ दिनों में अस्पताल की गतिविधियों को देखने के बाद ही पता चल सकेगा।