कुंभ मेला कोरोना जांच घोटाला: हिसार में आइएमए प्रधान के बेटे ने साइन किया था एमओयू, केस दर्ज

कुंभ मेले में कोरोना टेस्ट घोटाले में हिसार की नलवा लैब की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। उत्तराखंड में लैब के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई गैर संगीन धाराओं में केस दर्ज हुआ है। एमओयू पर हिसार आइएमए प्रधान के बेटे डॉ. नवतेज ने साइन किया था।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 06:03 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 06:03 AM (IST)
कुंभ मेला कोरोना जांच घोटाला: हिसार में आइएमए प्रधान के बेटे ने साइन किया था एमओयू, केस दर्ज
ऐसी कंपनी के साथ एमओयू किया गया, जिसके पास कोई लैब नहीं थी। न टेस्टिंग का अनुभव था।

हिसार, जेएनएन। कुंभ मेले में सबसे ज्यादा फर्जी टेस्ट करने के आरोप में नलवा लैब पर धोखाधड़ी सहित कई संगीन धाराओं में केस दर्ज हो गया है। आइएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) प्रधान के बेटे डॉ. नवतेज ने ही मैक्स कारपोरेट सर्विस के साथ ही एमओयू साइन किया था। इतना ही नहीं अपने पिता डॉ. जेपीएस नलवा को अंधेरे में रखकर मैक्स कारपोरेट सर्विस के साथ समझौता किया। जबकि नलवा लैब में डॉ. जेपीएस नलवा भी डायरेक्टर हैं और उनका बेटा नवतेज भी डायरेक्टर है।

4 जून को नलवा लैब के डायरेक्टर डॉ. नवतेज ने एमआयू पर साइन किए। करीब 20 दिन बाद एमओयू को रद कर दिया गया। नलवा लैब की तरफ से कारण बताया गया कि उनके पास 20 के बाद लोगों के फोन आने लगे कि हमने आपकी लैब से कोई या कहीं पर भी कोरोना टेस्ट नहीं करवाया है फिर भी हमारी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। मगर खास बात यह कि नलवा लैब के दोनों डायरेक्टर पिता -पुत्र को इसकी जानकारी होते हुए भी सिर्फ एमओयू को रद करने का एक मैसेज भेजकर औपचारिकता निभा ली गई। इसकी लीगल कार्रवाई नहीं की गई। न ही उत्तराखंड सरकार को इस बारे में बताया गया। जब उत्तराखंड में सारी धांधली का पता चला तो अब जाकर नलवा लैब की तरफ से कॉरपोरेट सर्विस पर कानूनी कार्रवाई की बात की जा रही है।

इन धाराओं के तरह हुआ केस दर्ज

 महामारी एक्ट, आपदा प्रबंधन अधिनियम, धारा- 120 बी, 188, 269, 270, 420, 468 और 471

ऐसी कंपनी से समझौता किया जिसके पास नहीं टेस्टिंग लैब

नलवा लैब के डायरेक्टर डॉ. नवतेज ने मैक्स कॉरपोरेट सर्विस के साथ एमओयू समझौता किया। जबकि एमओयू साइन करने वाले को सामने वाली कंपनी की सारी जानकारी होती है। खास बात यह है कि ऐसी कंपनी के साथ समझौता किया गया जिसके पास न कोई लैब और न ही टेस्टिंग करने का अनुभव। वहीं डॉ. नवतेज का कहना है कि वह एक बार भी कुंभ में टेस्टिंग करने नहीं गए। फिर नलवा लैब के लैटर पैड वहां कैसे पहुंच गए। लोगों की जांच किसने की। सैंपलों की टेस्टिंग कहा हुई। यह सब सवाल उठ रहे हैं।

लोगों के फोन आए तो रद कर दिया था एमओयू

डायरेक्टर नलवा लैब एवं आइएमए प्रधान हिसार डॉ. जेपीएस नलवा ने कहा कि कुंभ शुरू हुआ तब मेरे पास लैब में एक जानकार आया। मेरा बेटा नवतेज भी वहीं बैठा था। उस व्यक्ति ने एमओयू के बारे बताया। मैंने मना कर दिया और मैं किसी कारणवश वहां से चला गया। मगर मेरे बेटे को शख्स ने बातों में फंसा लिया और बेटे ने एमओयू पर साइन किया। मगर जब मेरे पास लोगों के फोन आए तो मैंने एमओयू तुरंत रद करवा दिया। मेरी गलती यह रही कि मैंने उस समय कोई लीगत एक्शन नहीं लिया। मगर बेटे या मेरे पास कोई पैसा नहीं आया है। हमारी खातों की जांच की जा सकती है।

गैर जमानती धाराओं में मामला दर्ज

कुंभ मेले में फर्जी टेस्ट कर करोड़ों रुपये के गबन मामले में नलवा लैब संचालक पर गैर जमानती धाराओं पर दर्ज किया गया है। अधिवक्ता लाल बहादुर खोवाल के अनुसार धारा 420, 468 और 471 गैर जमानती हैं। इसमें जमानत नहीं हो सकती। इसके अलावा इन धाराओं में पुलिस को तुरंत गिरफ्तार करने का भी अधिकारी है। वहीं कई धाराओं में एफआइआर दर्ज होने के बाद नलवा लैब के डायरेक्टर पिता-पुत्र उत्तराखंड हाई कोर्ट जाने की तैयारी में हैं, इसके लिए उन्होंने नैनीताह हाई कोर्ट के वकीलों से संपर्क किया है।

धाराएं            सजा

महामारी एक्ट दो साल

आपदा प्रबंधन एक्ट दो साल

धारा 120 बी छह माह और जुर्माना

धारा 188 एक माह और 200 रुपये से लेकर 1000 रुपये

धारा 269 छह माह और जुर्माना

धारा 270 दो साल और जुर्माना

धारा 420 सात साल, गैर जमानती

धारा 468 सात साल, गैर जमानती

धारा 471 सात साल, गैर जमानती

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