सरकार किसानों को आत्महत्या करने के लिए कर रही मजबूर : शमशेर

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By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 06:57 AM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 06:57 AM (IST)
सरकार किसानों को आत्महत्या करने के लिए कर रही मजबूर : शमशेर
सरकार किसानों को आत्महत्या करने के लिए कर रही मजबूर : शमशेर

जागरण संवाददाता, हिसार : महामारी के नाम पर सरकार किसानों को आत्महत्या करने के लिए कर रही है। किसान सभा के जिला प्रधान शमशेर सिंह नंबरदार ने किसानों के धरने पर बैठे किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि जिला भर में किसानों का चार लाख टन गेहूं मंडियों में खुला पड़ा है। उसे चाहे आवारा पशु खाएं, चाहे चोर उठा कर ले जाएं या वर्षा में भीगता रहे। शासन प्रशासन को किसी तरह की कोई चिता नहीं है। किसान दर-दर की ठोकरें खा रहा है, कोई सुनने वाला नहीं है। इसके अतिरिक्त गांवों के जल घरों में पानी नहीं है। जोड़ों में पशुओं के लिये पीने का पानी नहीं है। गांव-गांव और गोरछी, सरसाना, बासड़ा, बुड़ाक, बांडाहेड़ी, चौधरीवाली आदि गांवों में पीने के पानी की भारी समस्या बनी हुई है। 4 हजार रुपये प्रति टैंकर के हिसाब से पानी मोल लेना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को गेहूं बेचने में अत्याधिक परेशानी आ रही है। बीमा कंपनी किसानों का अरबों रुपए हड़प कर चली गई। बर्बाद फसल का आज तक मुआवजा नहीं मिला। किसान सभा के जिला प्रेस सचिव सूबे सिंह बूरा ने कहा कि आज किसानों के धरने के 11वें दिन की अध्यक्षता कृष्ण कुमार सांवत व शमशेर सिंह बाल्मीकि लाडवा ने संयुक्त रूप से की। आज धरने पर अनिल पृथ्वी गोरखपुरिया, सुरेंद्र मान, वजीर सिंह लाडवा, प्रेम कुमार, कृष्णा सीटू, सुरेश कुमार मोडाखेड़ा, संगीता, मास्टर हुकम सिंह, अजीत, रामपाल, मुकेश, अजय कुमार, रामफल आदि ने धरने को संबोधित किया।

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