Kisan Andolan: टीकरी बार्डर अब भी बंद, दीवार पर उग आई झाड़ियां, लाखों लोग परेशान
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन ने बहादुरगढ़ समेत हरियाणा के लाखों लोगों के लिए आफत खड़ी कर रखी है। ऐसे में उद्यमी व्यापारी ही नहीं उन आम लोगों को भी यह बार्डर खुलने का इंतजार है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बार्डर पर किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। किसान अपनी मांगों को मनवाने के लिए अड़े हुए हैं। तो वहीं सरकार किसानों को समझाने में नाकाम रही है। किसानों की समस्या से शुरू हुआ ये आंदोलन अब पूरे देश की समस्या बनता जा रहा है। इस आंदोलन से आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रास्ते रोक दिए गए हैं, बार्डर पर वाहनों की आवजाही बंद है। रूट डायवर्ट किए गए हैं। ऐसा ही हाल बहादुरगढ़ में भी देखने को मिल रहा है।
बार्डर खुलने का इंतजार
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन ने बहादुरगढ़ समेत हरियाणा के लाखों लोगों के लिए आफत खड़ी कर रखी है। ऐसे में उद्यमी, व्यापारी ही नहीं उन आम लोगों को भी यह बार्डर खुलने का इंतजार है, जो यहां से दिल्ली में सुगमता से आते-जाते रहे हैं। मगर यह बार्डर जल्द खुलने को लेकर हालात अभी अनुकूल नहीं दिख रहे हैं। यहां पर आंदोलन के कारण किसी भी समय अप्रिय स्थिति पैदा होने की संभावना को भांपकर ही इस तरह के तगड़े इंतजाम किए गए हैं कि जब तक आंदोलन खत्म नहीं होता, तब तक यहां से रास्ता खुलना भी मुश्किल है। 26 जनवरी पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के समय जो हिंसा हुई, उस समय भी पुलिस और आंदोलनकारी नेताओं के बीच पूरी गतिविधि पर सहमति बनी हुई थी, मगर तय समय से पहले ही टीकरी व अन्य बार्डरों से बैरिकेडिंग तोड़ दी गई थी।
दीवारों पर उग आई घास
उसके बाद से पुलिस ने आंदोलनकारियों की बात पर विश्वास छोड़कर अपनी तरफ से बार्डर पर ऐसे इंतजाम कर दिए कि किसी भी स्थिति में आंदोलनकारी वाहन लेकर दिल्ली में न घुस पाए। हालांकि जब से उद्यमियों ने टीकरी बार्डर से एक तरफ का रास्ता खुलवाने काे लेकर मांग उठाई, तब से आंदेालनकारी यह तर्क दे रहे हैं कि रास्ता तो पुलिस ने बंद कर रखा है हमने नहीं। मगर इसके जवाब में पुलिस का भी यही तर्क है कि रास्ता किस वजह से बंद है, यह सभी जानते हैं। चूंकि आंदोलन को अब साढ़े नाै महीने का वक्त हो चुका है इसलिए पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग के लिए जो दीवार बनाई गई है, उस पर झाड़ियां और बड़ी-बड़ी घास उग आई है। इन्हें देखकर हर कोई यहीं सोचता है कि यहां से रास्ता कब खुलेगा।