Kisan Andolan: MSP के मसले पर टीकरी बार्डर पर निकाली गई ट्रैक्टर रैली, बाईपास से सभा स्थल तक पहुंचे
बहादुरगढ़ टिकरी बार्डर पर हरियाणा के कई तंबुओं पर अब नए बैनर लगा दिए गए हैं। इनमें आंदोलन के दाैरान जान गंवाने वाले किसानों को सम्मान और एमएसपी कानून की गारंटी मिलने तक डटे रहने की बात लिखी गई है।
बहादुरगढ़, जारगण संवाददाता। केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद अब एमएसपी के मसले पर आंदोलन के बीच खींचतान बढ़ रही है। इसी को लेकर शनिवार को टीकरी बार्डर पर आंदोलनकारियों द्वारा ट्रैक्टर रैली भी निकली गई। इसमें करीब 100 ट्रैक्टर व अन्य वाहन शामिल हुए। सैकड़ों किसान इस रैली में शामिले रहे। बाईपास से शुरू होकर यह रैली टीकरी बार्डर के सभा स्थल तक गई। इसके बाद वापस उसी जगह आकर खत्म हुई।
एमसपी पर कानूनी गारंटी का मसला
इस दौरान ट्रैक्टरों पर सवार आंदोलनकारियों ने एमएसपी की कानूनी गारंटी का नारा बुलंद किया। इसमें पंजाब की यूनियनों के किसान ज्यादा शामिल रहे। इस दौरान आंदोलनकारियाें ने कहा कि एमएसपी की उनकी मांग प्रमुख है। शुरूआत में केंद्र सरकार से बातचीत के दौरान जो चार मांग रखी गई थी, उनमें एमसपी पर कानूनी गारंटी का मसला भी था। इस पर भी सरकार को प्रभावी फैसला लेना चाहिए। जब तक एमएसपी और अन्य मांग पूरी नहीं हो जाती, तब तक वे आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। उधर, पगड़ी संभाल जट्टा संगठन हिसार से आंदोलनकारियों का एक जत्था टीकरी बार्डर पर पहुंचा। इसमें लगभग 80 किसान शामिल थे। ये अपने साथ लड्डू भी लेकर आए और किसानों की जीत होने का हवाला देकर आंदोलनकारियों में बांटे गए। फिलहात सरकार ने किसानों की मांगों पर संज्ञान लेकर तीनों कानूनों को रद कर दिया है।
हरियाणा के तंबुओं पर लगाए गए बैनर
ट्रैक्टर रैली के बाद पंजाब के मानसा के राला से पहुंचे जत्थे ने सभा स्थल के पास पिन्नी बांटी। इधर, हरियाणा के कई तंबुओं पर अब नए बैनर लगा दिए गए हैं। इनमें आंदोलन के दाैरान जान गंवाने वाले किसानों को सम्मान और एमएसपी कानून की गारंटी मिलने तक डटे रहने की बात लिखी गई है। वहीं मंच से भी पंजाब के कई नेता यह कहते नजर आए कि पंजाब वाले कभी भागते नहीं। हरियाणा की जो मांग है, उसे पूरी करवाकर ही जाएंगे।