Kisan Andolan News: मौसम के साथ आंदोलन में भी बदलने लगे हालात, ठंड से बचने की तैयारियां शुरू
आंदोलन को 11 महीने पूरे होने वाले हैं। नवंबर 2020 में यह आंदोलन शुरू हुआ था। उस समय ठंड का मौसम था। फिर गर्मी व बरसात का मौसम भी चला गया। दोबारा से सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। अब बचाव की तैयारी शुरू हो गई है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को 11 महीने पूरे होने वाले हैं। नवंबर 2020 में यह आंदोलन शुरू हुआ था। उस समय ठंड का मौसम था। फिर गर्मी व बरसात का मौसम भी चला गया। दोबारा से सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। पिछले साल कड़ाके की ठंड थी तो उस दौरान काफी संख्या में समाज सेवी संस्थाएं आंदोलनकारियों की मदद के लिए आगे आई थी और गर्म पानी के लिए देशी गीजर, बड़े पैमाने पर किसान घर बनाए गए थे।
मगर इस बार हालात बदल गए हैं। बदली परिस्थितियों में खुद आंदोलनकारियों ने ठंड से बचने के लिए प्रबंध शुरू कर दिए हैं। गर्म कपड़ों को आंदोलनकारियों ने फिर से जुटाना शुरू कर दिया है। पिछले साल वितरित किए गए गर्म कपड़ों व कंबलों को निकालकर उन्हें धोलना शुरू कर दिया है। फाइव रिवर्स हार्ट एसोसिएशन ने पिछले साल ठंड के मौसम में हजारों की संख्या में कंबल वितरित किए थे। इस बार एसोसिएशन की ओर से सामूहिक रूप से आंदोलनकारियों के कंबलों की धुलाई शुरू कर दी है।
नए बस अड्डे में ट्रालियों में हजारों लीटर पानी डालकर कंबलों की धुलाई की जा रही है। अब तक एक हजार कंबलों की धुलाई करके किसानों को दिए जा चुके हैं। फाइव रिवर्स हार्ट एसोसिएशन से जुड़े डा. स्वाईमान सिंह बताते हैं कि आंदोलन में सर्दी का एक मौसम बीत चुका है और दूसरा शुरू हो रहा है। आंदोलनकारियों को सर्दी से बचाने के लिए प्रबंध पहले ही किए जा रहे हैं। आंदोलनकारियों को इसके लिए जागरूक किया जा रहा है। खुद एसोसिएशन अपने स्तर पर जरूरतमंद चीजों का प्रबंध किसानों के लिए कर रही है।
इसके साथ-साथ टैंटों में भी सर्दी से संबंधित तैयारियां शुरू कर दी हैं। टीकरी बार्डर पर खालसा एड की ओर से किसान घर में भी ठंड से संबंधित तैयारियां की जा रही हैं। यहां पर 500 से ज्यादा लोगों के ठहरने का प्रबंध है। गर्म पानी के लिए फिर से देशी गीजर को रिपेयर करवाया जा रहा है।