Kisan Andolan News: 11वें महीने में प्रवेश कर गया किसान आंदोलन, आज मना रहे भगत सिंह का जन्मदिन
दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसान आंदोलन अब 11वें महीने में प्रवेश कर गया है। इस बीच आंदोलन स्थलों पर आज शहीद भगत सिंह का जन्मदिवस मनाया जा रहा है। हालांकि आंदोलन अब फीका पड़ चुका है। पहले जैसी बात नहीं है
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसान आंदोलन अब 11वें महीने में प्रवेश कर गया है। इस बीच आंदोलन स्थलों पर आज शहीद भगत सिंह का जन्मदिवस मनाया जा रहा है। हालांकि आंदोलन अब फीका पड़ चुका है। एक दिन पहले आहूत बंद का भी खास असर नहीं दिखा। एक समय था जब आंदोलन में पकवानों की बहार थी।
कहीं गुलाबजामुन, कहीं हलवा, कहीं खीर तो कहीं जलेबी पकती थी। मगर अब यहां पर मददगारों का इंतजार है। आंदोलन के बीच पंजाब की पिन्नी (मिठाई) भी खूब चलती थी। वहां के गांवों में भारी मात्रा में खोेवे से पिन्नी तैयार की जाती थी और फिर आंदोलन स्थल पर पहुंचाई जाती थी।
हरियाणा के गांवों से भी कभी खीर तो कभी हलवा तैयार करके लाया जाता था। इन सब के कारण आंदोलन में भीड़ भी रहती थी, मगर ये सब बीतों दिन की बात है। अब यहां पर तंबुओं में ही सूनापन नहीं है। बड़े-बड़े चूल्हे भी सूने पड़े हैं। प्रदेश के गांवों से आने वाली टोलियां यहां पर लड्डू लेकर आती थी। मगर अब यहां पर डटे आंदोलनकारियों के तंबुओ में दो वक्त की रोटी के अलावा और किसी पकवान की खूशबू कहीं महसूस नहीं होती।
इस बीच आंदोलनकारियों द्वारा संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से प्रभावी फैसला लिए जाने का इंतजार किया जा रहा है, क्योंकि सरकार की तरफ से किसी तरह की कोई हलचल नहीं दिख रही है। आंदोलन धीरे-धीरे एक साल पूरा करने की तरफ बढ़ रहा है। 26 जनवरी के बाद सरकार पर आंदोलन का दबाव भी नहीं दिखा है। अब तो दिल्ली के सिंघु और टीकरी बार्डर को भी खोलने की मांग उठ रही है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने हाई पावर कमेटी गठित कर रखी है। पंजाब के किसानों की आवाजाही भी अब कम हो चुकी है।