Kisan Andolan: हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक का इंतजार, एक झंडा बनाने की हो सकती है कोशिश

गुरनाम चढूनी और राकेश टिकैत की विचारधारा में टकराव पहले भी सामने आ चुका है। टाेहाना प्रकरण के बाद से दोनों नेताओं के नाम लेकर हरियाणा के किसान संगठनों के नेता तरह-तरह के सवाल उठाते आ रहे हैं। इसलिए बहादुरगढ़ में हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक बुलाई गई है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 06:30 AM (IST) Updated:Wed, 09 Jun 2021 06:30 AM (IST)
Kisan Andolan: हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक का इंतजार, एक झंडा बनाने की हो सकती है कोशिश
हरियाणा के किसान संगठन चढूनी और टिकैत के बीच वर्चस्व की जंग से नाराज हैं।

बहादुरगढ़, जेएनएन। संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े गुरनाम चढूनी और राकेश टिकैत के बीच वर्चस्व की जंग से नाराज हुए हरियाणा के किसान संगठनों के नेता अब अपने अलग संयुक्त माेर्चा को मजबूत बनाने में जुटे हैं। हरियाणा संंयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले जल्द ही बहादुरगढ़ में बैठक की संभावना है। इसमें प्रदेश के सभी किसान संगठनों की गुटबाजी खत्म करके आंदोलन के लिए एक ही झंडा बनाने की कोशिश हो सकती है।

हालांकि अभी बैठक की तिथि और एजेंडा तय होने के बाद ही स्थिति साफ होगी। दरअसल, गुरनाम चढूनी और राकेश टिकैत की विचारधारा में टकराव तो पहले भी सामने आ चुका है, लेकिन टाेहाना प्रकरण के बाद से तो इन दोनों नेताओं के नाम लेकर हरियाणा के किसान संगठनों के नेता तरह-तरह के सवाल उठाते आ रहे हैं। जिस तरह से इन दोनों नेताओं ने अपना वर्चस्व कायम करने पर जोर लगाया, उससे यह बात भी उठी थी कि क्या ये दो नेता ही पूरे आंदोलन की दिशा तय करेंगे। साथ ही यह भी कहा गया कि कोई भी नेता आंदाेलन से बड़ा नही है और हो भी नहीं सकता।

नेताओं से प्रदर्शनकारियों का विश्वास डगमगा रहा

इस तरह की बातें सामने आने से यह तो साफ है कि अब आंदोलन के नेताओं से प्रदर्शनकारियों का विश्वास डगमगा रहा है। एक आम आंदोलनकारी भी यह अच्छी तरह समझ रहा है कि जब कोई भी कोई नेता खुद को प्रचारित तो किसान के रूप में कर रहा है मगर अपना वर्चस्व बनाने की कोशिश कर रहा है, तो इसके पीछे उसका क्या उद्देश्य हो सकता है। ऐसा ही कुछ इन दोनों नेताओं की गतिविधियों नजर आया। बहादुरगढ़ के टीकरी बॉर्डर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रदीप धनखड़ ने कहा कि जल्द ही हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी। इसमें एक झंडा-एक डंडा बनाने पर जोर होगा।

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